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राछ-राज
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शोभा देना, फबना प्रसन्न होना ।
मार्ग; (पालिटी) नागरिक शासनका प्रकार, राजशासनकी राछ-पु० कारीगरोंका औजार तानेका तागा उठाने- प्रणाली। -पुत्र-पु० राजकुमार । -पुत्रा-स्त्री० राजगिरानेका जुलाहोंका औजार, लकड़ीके भीतरका साल, माता, जिस स्त्रीका पुत्र राजा हो। हीर; जुलूस बरात हथौड़ा, चक्कीके बीचका खूटा। मु० कन्या; राजपूत बाला । -पुरुष-पु. राजकर्मचारी -घुमाना,-फिराना-वरको पालकीपर चढ़ाकर कुएँ (स्टेटसमैन) राज्यके शासन, प्रबंध आदिमें प्रमुख रूपसे आदिकी परिक्रमा कराना।
भाग लेनेवाला अथवा उसकी कला या नीतिका जानकार, राछस*-पु० दे० 'राक्षस' ।
राजनेता, राष्ट्र-नायक । -पूत-पु० [हिं०] राजपुत्र; राज(न्)-पु० [सं०] राजाका समासमें व्यवहृत रूप (यह (राजपूतानाके क्षत्रिय)। -प्रमुख-पु० मैसूर, त्रिवांकुर अनेक शब्दोंके साथ प्रयुक्त होकर बड़ाई, श्रेष्ठता आदिका आदि राज्यों या मध्यभारत आदि राज्य-संघोंमें राज्यअर्थ प्रकट करता है)। -कदंब-पु० बड़े, स्वादिष्ठ फलों- पालका स्थान ग्रहण करनेवाला प्रमुख राजा। -प्रासादवाला कदंब । -कन्या-स्त्री० राजपुत्री; केवड़ेका फूल । पु० राजगवन । -बाड़ी-स्त्री० [हिं०] राजबाटिका, -कर-पु० राजस्व, खिराज । -कर्ता(तू)-वि० राजा राजाका उद्यान । -बाहा-पु० [हिं०] बड़ी नहर । बनानेवाला, किसी भी व्यक्तिको राज्यासनपर प्रतिष्ठित -भंडार-पु० राजकोश, राजाका खजाना । -भक्तकरने, उतारनेकी शक्ति रखनेवाला । -कुँअर*-पु० वि० राज्य या राजामें भक्ति रखनेवाला ।-भक्ति-स्त्री० राजकुमार। -कुमार-पु० राजाका पुत्र । -कुमारी- राज्य या राजाके प्रति प्रेम । -भवन-पु० राजमहल, स्त्री० राजाकी पुत्री। -कुल-पु० राजवंश; राज
प्रासाद; (गवर्नमेंट हाउस) राजधानीका वह सरकारी दरबार राजप्रासाद ।-कुष्मांड-पु० बैगन । -कोषीय- भवन जहाँ राज्यपाल या उपराज्यपाल निवास करता है। नीति-स्त्री. (फिस्कल पॉलिसी) सरकारी कोष या -भाषा-स्त्री० देशकी वह भाषा जो राजकार्यों तथा आयसंबंधी नीति । -गही-स्त्री० [हिं० ] राजसिंहासन न्यायालयों आदिमें प्रयुक्त हो। -भोग-पु० [हिं०] एक राज्याधिकार राज्याभिषेक ।-गृह-पु० राजाका महल;
महीन धान । -मंडल-पु० राज्यके आस-पासके चारों बिहार में एक ऐतिहासिक स्थान । -चिह्न-पु० (इनसि
ओरके राज्य(नीति-शास्त्र में बारह राजमंडल माने गये हैं)। ग्निया) राजाओंके अधिकारसूचक चिह्न-जैसे छत्र, दंड
-महल-पु० [हिं०] राजाका भवन; बंगालका एक समुद्रआदि, दे० 'पदसूचक चिह'। -तंत्र-पु० वह शासन
तटवती पहाड़। -महिषी-स्त्री० पटरानी। -माता प्रणाली जिसका अधिपति राजा हो। -तिलक-पु० (तृ)-स्त्री० राजा या राज्यशासककी माता ।-मार्गराज्याभिषेक; नये राजाके राज्यारोहणका उत्सव ।-दंड- पु० मुख्य सड़क, राजपथ । -मुद्रा-स्त्री० राजाके नामपु० राजशासन; राजाशा, विधानसे दिया हुआ दंड। की या सरकारी मुहर । -मुनि-पु० राजपि ।-यक्ष्मा-दंत-पु० चौका, सामनेके नीचे और ऊपरके दो-दो (क्ष्मन)-पु० क्षयरोग, तपेदिक ।-यक्ष्मी (क्ष्मिन)बड़े दाँत ।-दया-स्त्री० (क्लीमेंसी) प्राणदंड आदिकी सजा वि० क्षयरोगी। -यान-पु० राजाकी सवारी; राजाका पाये हुए बंदीके प्रति राजा या प्रधान शासक द्वारा
जुलूस, सवारी निकालना; पालकी। -योग-पु० योगक्षमाप्रदान, दंडन्यूनन आदिके रूपमें दिखायी गयी दया । शास्त्रोक्त एक योग, अष्टांगयोग; किसीके जन्मके समय -दूत-पु० किसी राज्य या राजाका संदेश (संधि, ग्रहोंका ऐसा सन्निपात जिसके प्रभावसे उसके राजा या विग्रह, नैतिक कार्यादि-संबंधी) लेकर किसी अन्य राज्यमें
राजाके समान हो जानेकी संभावना रहती है। -रथजानेवाला व्यक्ति (एंबैसेडर) किसी अन्य देशकी राज- पु० राजाका रथ । -राज-पु० कुबेर चंद्रमा; सम्राट् । धानीमें अपनी सरकारके प्रतिनिधि-रूपमें रहनेवाला -राजेश्वर-पु० एक रसौषध (दाद, कुष्ठादिमें उपयोगी); प्रतिनिधि ।-दूतावास-पु० (एंबैसी) राजदूतका निवास- राजाधिराज । -राजेश्वरी-स्त्री० दस महाविद्याओं में स्थान । -द्रोह-पु० राज्य या राजाके विरुद्ध आचरण, एक महारानी। -रोग-पु० असाध्य रोग; क्षय रोग । बगावत, विद्रोह । -द्रोही (हिन्)-वि० राजद्रोह -लक्षण-पु० वे चिह्न जिनके होनेसे मनुष्य राजा होता करनेवाला, बागी -द्वार-पु० राजाका द्वारन्याया- है (सामुद्रिक)।-लक्ष्मी-स्त्री० राजश्री,राजवैभध; राजाकी लय । -धर्म-पु० राजाका धर्म, कर्तव्य (शांतिस्थापन, शक्ति और शोभा। -वंश-पु० राजाका कुल । -वर्म प्रजापालन आदि); महाभारतके शांतिपर्वका राजकर्तव्य- (मन)-पु० राजमार्ग; बड़ी चौड़ी सड़क । -वल्लभविषयक अंशविशेष ।-धानी-स्त्री० मुख्य नगर, शासन- पु० बड़ा आम खिरनी; पेउँदी बेर एक रसौषध । -विद्या केंद्र राजा, शासकके रहनेका नगर । -नय-पु० राज- -स्त्री० राजनीति । -विद्गोह-पु० राजद्रोह, बगावत । नीति । -नीति-स्त्री० राज्यकी रक्षा और शासनको दृढ़ -विद्रोही(हिन्)-वि० राजद्रोह करनेवाला, बागी । करनेका उपाय बतानेवाली नीति । -नीतिक-वि० -वीथी-स्त्री० राजमार्ग । -वैद्य-पु० राजाओंके यहाँ राजनीति-संबंधी । -पंखी-पु० बड़ा पक्षी (दे० रहनेवाला वैद्य, कुशल चिकित्सक। -श्री-स्त्री० राजाका मेंडराना)।-पटोल-पु. परवल ।-पत्नी-स्त्री० रानी वैभव राजाकी शोभा। -संसद्-स्त्री० राजसभा, दरपीतल ।-पत्रित-वि० (गॅजेटेड) (वह अधिकारी) जिसकी बार न्यायालय, धर्माधिकरण जिसमें राजा हो। -सत्ता नियुक्ति, पदवृद्धि, स्थानांतरण, छुट्टीपर जाने आदिकी -स्त्री० राजशक्ति; राजतंत्र (आधु०); देशविशेषकी प्रजा, सूचना सरकारी गजटमें छपती हो। -पथ-पु० बड़ी | जनताके भरण-पोषणके लिए स्थापित शासन-व्यवस्था । सड़क, मुख्य मार्ग । -पद्धति-स्त्री० राजनीति; राज- -सभा-स्त्री० दरबार, राजाकी सभा; राजाओंकी सभा ।
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