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विश्वसनीय-विषम विषयोंकी उच्च शिक्षा देनेवाले अनेक महाविद्यालय हों।। नाल; एक सुगंधित गोंद । -कंठ-पु० शिव ।-कन्यका, -विश्रत-वि. विश्वविख्यात । -व्यापक,-व्यापी- -कन्या-स्त्री. वह विषाक्त कन्या जिससे संभोग करने(पिन्)-वि० जो सर्वत्र व्याप्त हो। पु० ईश्वर ।-श्रवा- वालेकी मृत्यु हो जाती है। -कुंभ-पु० विषपूर्ण घट । (वस)-पु०रावणका पिता । -श्री-वि० सबके लिए -घातक-वि०विषका प्रभाव हरण करनेवाला; विषका उपयोगी (अग्नि)। -संभव-वि० जिससे सब कुछ प्रयोग कर मारनेवाला ।-घाती (तिन्)-वि० विषका उत्पन्न हुआ हो । पु० ईश्वर ।-संहार-पु० विश्वका नाश प्रभाव नष्ट करनेवाला। -घ्न-वि० विषनाशक । पु० -सख-पु० सबका मित्र । -सृक् (ज)-वि० सबकी सिरिसका पेड़, जवासा । -तंत्र-पु० साँप आदिका विष रचना करनेवाला। पु० ब्रह्मा । -सृष्टि-स्त्री० विश्वकी। दूर करनेकी प्रक्रिया (आ० वे०)। -दंड-पु० विषका रचना ।-स्रष्टा(ट)-पु० सृष्टिका रचयिता ।-स्वास्थ्य हरण करनेवाली जादूकी लकड़ी; कमलनाल ।-दोषहरसंघटन-पु० (वर्ल्ड हेल्थ-आरगैनिजेशन) संसारके वि० विषका प्रभाव दूर करनेवाला ।-धर-वि. विषैला । विभिन्न देशोंमें लोकस्वास्थ्यकी उन्नतिके प्रयलों में सहायता पु० साँप; जलाधार। -धरी-स्त्री० सपिणी । -पगकरनेवाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ।-हर्ता(तू)-पु० शिव । पु० जहरीला साँप ।-पुच्छ-पु० बिच्छू ।-प्रयोग-पु० -हेतु-पु० सबकी उत्पत्तिका कारण, विष्णु ।
औषध विषका प्रयोग करना। -भक्षण-पु० जहर विश्वसनीय-वि० [सं०] विश्वास-योग्य, जिसका एतबार खाना। -भिषक् (ज)-पु० विषवैद्य । -मंत्र-पु० किया जा सके।
सर्पदंशका मंत्र मंत्र द्वारा सर्पविष दूर करनेवाला, सँपेरा। विश्वस्त- वि० [सं०] विश्वसनीय; विश्वासपूर्ण निर्भय ।। -वमन-पु० जहर उगलना, बहुत ही अप्रिय एवं कड़वी विश्वारमा(त्मन्)-पु० [सं०] ईश्वर; सूर्य; ब्रह्मा शिव ।। बातें कहना। -विज्ञान-पु० (टॉक्सिकोलॉजी) विषोंकी विश्वाद-वि० [सं०] सर्वभक्षी । पु० अग्नि ।
उत्पत्ति, प्रभाव आदिका विवेचन करनेवाला शास्त्र । विश्वाधार-पु० [सं०] विश्वका सहारा, ईश्वर ।
-वृक्ष-पु० विपैला वृक्ष; गूलर । -वृक्ष-न्याय-पु० विश्वाधिप-पु० [सं०] विश्वका स्वामी, ईश्वर ।
एक न्याय जिसमें कहा जाता है कि वस्तु बुरी होते हुए विश्वामित्र-पु० [सं०] एक प्रसिद्ध ऋषि (ये मूलतः क्षत्रिय भी उत्पादकको उसे नष्ट नहीं करना चाहिये । -वैद्य
थे। इनके पिताका नाम गाधि था और ये कान्यकुब्जके पु० ओषधि या मंत्र आदिसे विषका प्रभाव दूर करने नरेश थे। एक गाय-नंदिनी-के लिए वसिष्ठसे इनका वाला ।-व्रण-पु. एक तरहका विपला फोड़ा, जहरबाद । युद्ध हुआ जिसमें ये पराजित हो गये । ब्राह्मणत्वका इन- -हंता (त)-वि०विषका प्रभाव दूर करनेवाला । पु० पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा और ये उसे प्राप्त करनेके सिरिस । -हर-पु० विषका प्रभाव हरनेवाला मंत्र या लिए तपस्या करने लगे। अंतमें इसमें उन्हें सफलता मिली| औषध; चोरक । -हा (हन्)-वि० विष नष्ट करने
और वसिष्ठने भी इन्हें ब्रह्मर्षिके रूप में स्वीकार कर लिया)। वाला । पु० एक तरहका कदंब । -होन-वि० जिसमें विश्वास-पु० [सं०] किसीके विषयमें उसके विशेष प्रकार- विष न हो (सर्प आदि)। -हृदय-वि० कुटिल हृदय, का होनेकी धारणा, यकीन; भरोसा; गुप्त संवाद या भेद।। बुरे दिलका । -कारक,-कृत-वि. विश्वास उत्पन्न करनेवाला । | विषण्ण-वि० [सं०] दुःखी, विषादयुक्त; शोकमग्न । -घात-पु० विश्वासके विपरीत कार्य करना । -घातक -चेता (तस),-मना (नस)-वि० खिन्न, उदास । -घाती(तिन् )-वि० विश्वास भंग करनेवाला; विश्वास- -मुख,-वदन-वि० जिसके चेहरेसे उदासी झलकती हो। के विपरीत कार्य करनेवाला । -पात्रा-भाजन-वि०विषण्णता-स्त्री० [सं०] उदासी; जड़ता। जिसका विश्वास किया जाय, विश्वसनीय । -प्रद-वि० विषम-वि० [सं०] जो समतल न हो, असम, असमान, विश्वास उत्पन्न करनेवाला । -प्रस्ताव-पु० (मोशन दोसे पूरा-पूरा न बँटनेवाली (संख्या); कठिन; दुर्बोध, ऑफ कॉनफिडेंस) किसी मंत्रिमंडल में या किसी संस्थाके जो जल्द समझमें न आये; विकट, जटिल, जो जल्द हल अध्यक्षादिमें विश्वास प्रकट करनेके लिए उपस्थित किया न हो; दुर्गमा रुखड़ा, मोटा; कष्टकर; उग्र, प्रचंड जानेवाला प्रस्ताव । -भंग-पु० विश्वासके प्रतिकूल कार्य खतरनाक बुरा, प्रतिकूल; असाधारण, अद्वितीय; बेईमान, करना।
छली; दुष्ट, सविराम, अंतर देकर होनेवाला (ज्वर आदि); विश्वासिक-वि० [सं०] जो विश्वासयोग्य हो।
भिन्न । पु० संकट; ऊबड़-खाबड़ जमीन; असम वृत्त, ऐसा विश्वासी(सिन्)-वि० [सं०] विश्वास करनेवाला; छंद जिसके चरणोंके अक्षरादि वराबर न हों; एक काव्याजिसका विश्वास किया जाय; दे० 'बिसवासी'।
लंकार, जहाँ अत्यंत विलक्षणता या विभिन्नताके कारण दो विश्वास्य-वि० [सं०] विश्वसनीय, विश्वास करने योग्य । वस्तुओंका संयोग-'कहाँ यह कहाँ वह' कहकर-अयोग्य विश्वेदेव-पु० [सं०] अग्नि एक देववर्ग; तेरहकी संख्या । बतलाया जाय; या जहाँ कार्य तथा कारण एक दूसरेसे विश्वेश-पु० [सं०] विश्वका स्वामी (ब्रह्मा, विष्णु, शिव)। बिलकुल विरूप या विरुद्ध हो या फिर कोई अच्छा काम विश्वेश्वर-पु० [सं०] ईश्वर शिवकी एक मूर्ति (काशीस्थ)। करनेकी चेष्टा करने पर लाभ न होकर उलटे हानि उठानी विश्वोत्पत्ति-विज्ञान-पु० [संव] (कॉस्मोगोनी) विश्वकी पड़े। -कोण-समचतुर्भुज-पु० (रोबस ) वह समानांउत्पत्ति तथा विकासका विवेचन करनेवाला विज्ञान, तर चतुर्भुज जिसकी दो आसन्न भुजाएँ बराबर हों, परंतु सृष्टिविज्ञान।
जिसका कोई भी कोण समकोण न हो। -चतुर्भुज,विष-पु० [सं०] जहर; गरल; वत्सनाभ; जल; कमल- चतुष्कोण-पु० वह चतुर्भुज जिसकी.भुजाएँ असमान हों।
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