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संग्रहीता-संचारना
७९४ संग्रहीता(त)-वि० सं०] एकत्र, संग्रह करनेवाला | संघर्ष-पु० [सं०] दो चीजोंका आपसमें रगड़ खाना; ग्रहण करनेवाला; अपनानेवाला।।
होड़, स्पर्धा, द्वेष; कामोत्तेजना; धीरे-धीरे लुढ़कना, संग्राम-पु० [सं०] युद्ध, लड़ाई। -जित्-वि० युद्ध में रेंगना, संसर्प । -शाली (लिन्)-वि० स्पर्धा, द्वेष विजय प्राप्त करनेवाला ।-तूर्य-पु० युद्धपटह ।-पटह- करनेवाला । -समिति-स्त्री. (कमिटी ऑफ ऐक्शन) पु० युद्ध में बजाया जानेवाला नगाड़ा। -भूमि-स्त्री० स्वाधीनता या प्राप्य अधिकारों, माँगों आदिकी पूर्तिके समरभूमि, युद्धक्षेत्र । -मृत्यु-स्त्री० वीर गति । लिए चलाये जानेवाले आंदोलन या संघर्षका संचालन संग्रामांगण-पु० [सं०] युद्धक्षेत्र, लड़ाईका मैदान । करनेवाली समिति, आंदोलनसमिति ।। संग्रामार्थी (र्थिन् )-वि० [सं०] युद्धेच्छु ।
संघर्षण-पु० [सं०] रगड़ खाने या रगड़नेकी क्रिया; संग्राहक-पु० [सं०] संग्रह, जमा करनेवाला; संकलन- रगड़ने, मलनेके काम आनेवाली वस्तु, उबटन आदि । कर्ता । वि० एकत्र करनेवाला; कब्ज करनेवाला, काबिज । संघर्षी (र्षिन् )-वि० [सं०] रगड़नेवाला; स्पर्धा, द्वेष संग्राही (हिन्)-वि० [सं०] एकत्र करनेवाला; कब्ज | करनेवाला ।
करनेवाला; अपने साथ करने, अपनानेवाला । संघात-पु० [सं०] आघात; वध; बंद करना (द्वार); युद्ध संग्राह्य-वि० [सं०] संग्रह, एकत्र करने योग्य; रोकने ठोस, धनीभूत करना; संग, साथ-'धुआँ उठ मुख साँस योग्य; अपनाने योग्य ।
संघाता'-५०; संयोग; समूह; झुंडा राशि; साथ यात्रा संघ-पु० [सं०] समूह, झुंड, दल, मंडली; विशेष उद्देश्यसे | करनेवालोंका दल, कारवाँ। -चारी(रिन्)-वि० एक साथ रहनेवाले व्यक्तियोका समूह; समाज; विशेष- दलमें रहनेवाला । उद्देश्यकी पूर्तिके लिए बना हुआ श्रमिकों आदिका संघटन; | संघाती-पु० साथ देनेवाला, साथी; दोस्त ।। बौद्ध भिक्षुओं आदिका समूह; प्राचीन भारतमें प्रचलित संघाती(तिन् )-वि० [सं०] घातक, प्राणहारी। एक प्रकारका प्रजातंत्र; मठ । -चारी (रिन् )-वि० संघाती*-पु० दे० 'संधाती'। झुंडमें चलनेवाला, बहुमतके पीछे चलनेवाला । पु० संघार*-पु० दे० 'संहार' । मछली । - जीवी (विन्)-वि० दल बनाकर रहने- संघारना*-स० क्रि० संहार, नाश करना; वध करना । वाला । -न्यायालय-पु. (फेडेरल कोर्ट ) संघराज्यका संघाराम-पु०[सं०] बौद्ध भिक्षुओंके रहनेका स्थान, विहार । सर्वोच्च न्यायालय । -पति-पु० दलनायक। -भेद- संघीय संविधान-पु० [सं०] (फेडेरल कांस्टिट्यूशन) पु० संघमें फूट डालना जो पाँच अक्षम्य अपराधों में गिना | उन राज्योंके संघका संविधान जो आंतरिक मामलों में तो जाता है (बौद्ध)। -भेदक-वि० संघमें फूट डालनेवाला प्रायः स्वतंत्र हो, किंतु रक्षा एवं परराष्ट्र नीतिके संबंध (बौद्ध)। -वृत्ति-स्त्री० साथ मिलनेकी वृत्ति, दल में रहने | केंद्रीय या संघसरकारके अधीन हों। या काम करनेका भाव ।-समाजवाद-पु० (सिंडिकेलिज्म) | संघोष-पु० [सं०] जोरका शब्द घोष, ग्वालोंकी बस्ती। वह क्रांतिकारी श्रमिक आंदोलन जो व्यवसायसंघों (ट्रेड संच-*पु० एकत्र करना; रक्षण, देखभाल; कुशल । यूनियन्स)को ही सामाजिक क्रांतिका तथा भावी समाजका संचक-पु० संचय करनेवाला । आधार मानता है (हड़ताल कराना इसका मुख्य साधन संचना*-सक्रिजमा करना, बटोरना, देखभाल करना। और लक्ष्य है); राज्यसंस्था समाप्त कर व्यवसायसंघोंकी संचय-पु. [सं०] एकत्र करना; भांडार, राशि, ढेर । सत्ता स्थापित करना।
संचयन-पु० [सं०] एकत्र करनेकी क्रिया, ढेर लगाना । संघट-वि० [सं०] राशीकृत, ढेर लगाया हुआ। पु० राशि | संचयिक-पु० [सं०] संग्रह करनेवाला। * झगड़ा; संयोग संघट्ट ।
संचयी(यिन्)-वि० [सं०] संचय करनेवाला; कंजूस, संघटन-पु० निर्माण, रचना, व्यवस्थित करनेका कार्य, | कृपण धनवान् । गठन, संग्रंथन; कार्यविशेषकी सिद्धिके लिए निर्मित कोई | संचरण-पु० [सं०] गमन; गति पार करना; फैलाना । संस्था; [सं०] संयोग, मेल ।
संचरना*-अ० वि० चलना, फिरना; फैलना; पहुँचना। संघटना-स्त्री० [सं०] मिलाना, संयुक्त करना; स्वरों या सक्रि० चलाना। शब्दोंका संयोग।
संचान-पु० [सं०] श्येन, बाज, शिकरा। संघटित-वि० कार्यविशेषके लिए परस्पर संबद्ध व्यवस्थित संचार-पु० [सं०] गमन; भ्रमण; सूर्यका दूसरी राशिमें [सं०] एकत्रीभूत वादित (मंगीत)।
प्रवेश; रोग संक्रमण । -जीवी(विन)-वि० खानासंघट्ट-पु० [सं०] संघर्षः मुठभेड़, भित; स्पर्धा, आघात, बदोश; शरणापन्न । -पथ-पु० टहलनेका स्थान ।
चोट; संयोग; दूतीकी सहायतासे नायक-नायिकाका -साधन-पु. (मीन्स ऑफ कम्यूनिकेशन) दो या मिलन; आलिंगन ।
अधिक स्थानों या व्यक्तियों के बीच संबंध स्थापित करने के संघट्टन-पु०, संघट्टना-स्त्री० [सं०] संघर्षण; टक्कर साधन-डाक, तार, समुद्री तार, रेडियो आदि (वार्ता
घनिष्ठ संपर्क; दो पहलवानोंकी भिडंत, गुत्थमगुत्था। वहनके साधन)। संघट्टित-वि० [सं०] घर्षित; माँडा, गूंधा हुआ; एकत्री- संचारक-वि० [सं०] ले जाने, फैलानेवाला। कृत; परिचालित ।
संचारण-पु०[सं०] नजदीक लाना या ले जाना मिलाना, संघती -पु. साथी।
जोड़ना संवाद कहना। संघरना*-सक्रि० संहार, नाश करना; वध करना। संचारना*-स० क्रि० फैलाना; प्रवेश कराना; उत्पन्न
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