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चूम लूंगा)।-छिपाना या छुपाना-लज्जावश सामने न हो जाना ।-बनाना-चेहरेकी शकल बिगाड़ना; चेहरेसे आना; लज्जित होना। -छूना-दिखानेके लिए ऊपरी रोष प्रकाश करना; मुँह चिढ़ाना। -बाना-दे० 'मुँह मनसे कहना । -जहर हो जाना-मुँहका बहुत कड़आ फैलाना' । -बिगाड़ देना-मारकर चेहरा खराब हो जाना । -जुठारना या जूठा करना-खानेका नाम कर देना ।-बिगाड़ना-मुँह बनाना, चेहरेसे नाराजगी करना, जरा-सा खाकर छोड़ देना। -जोड़ना-काना- प्रकट करना; मुंहका स्वाद बिगड़ जाना । -भर आनाफूसी करना । -झुलसना-मुँहको आग लगाना; लानत मुँहमें पानी आना, मतली होना। -भरके-लबालब भेजना। -डालना-चौपायेका चारेमे मुँह लगाना, भरपूर; यथेच्छ ।-भरना-मुँह में कौर डालना घूस देना, खाना। -तकना या ताकना-किसीसे आस लगाये मुँह बंद करना । -मारना-चारेपर मुँह डालना बैठे रहना; चकित, हतबुद्धि होकर किसीकी ओर देखना। काटनेको मुँह चलाना, काटना; बढ़ जाना, मात करना । -ताक करके रह जाना-चकित होकर चुप रह जाना। -मीठा करना-मिठाई खाना, खिलाना; घूस, इनाम -तोड़ जवाब-निरुत्तर कर देने, चुप करा देनेवाला आदिके में कुछ देना। -मीठा होना-किसीसे कुछ जवाब । -थकना-बकवाससे मुँह दुखने लगना । मिलना; मँगनी होना। -मे आना-जबानपर आना। -दिखाना-सामने आना । -देखकर उठना-सबेरे | -में कालिख पुतना या लगना-भारी बदनामी होना, आँख खुलते ही किसीपर निगाह पड़ना । (किसीका)- कलंकका टीका लगना।-में खाक-मुँह में खाक पड़े (अशुभ देखकर-(किसीका) लिहाज करके (किसीको) प्रसन्न करने या ढिठाईकी बात अपने या दूसरेके मुँह से निकलने पर कहते के लिए. (बच्चोंका मुंह देखकर सब सह रही हूँ)।-देखकर है)। -में खून लगना-चसका लगना।-में गुड़-घी बात कहना-चापलूसीकी बातें करना। -देखना- या घी-शकर-तुम्हारा मुँह मीठा हो (किसीके कोई हर्षका दे० 'मुँह तकना'। -देखी करना-किसीकी इच्छा या समाचार सुनानेपर कहते हैं)। -मे घुनघुनियाँ भर खुशीका खयाल रखकर व्यवहार करना, पक्षपात करना । लेना-चुप्पी साध लेना, मूक बन जाना ।-मे जबान -देखी बात-लिहाज, मुरौवत, तरफदारी, चापलूसीकी रखना या होना-बोलने में समर्थ होना, वाशक्ति बात। -देखेकी-ऊपरी, दिखाऊ (-प्रीति, चाह)। रखना (हम भी मुँह में जवान रखते हैं)। -मे ज़बान -देना-बैल, घोड़े आदिका चारेपर मुँह डालना । न रखना-गूंगा होना; बेजबान होना। -मे जाना-धो रखो-इस चीजकी आशा न करो, अपना मुँह | खाया जाना, भक्ष्य बनना । -में तिनका लेना-अति देखो। -पकड़ना-बोलनेसे रोकना ।-पड़ना-हिम्मत दीन बनना, दाँतोंमें तिनका दाबना । - में थूकनाहोना। -पर-सामने, दू-बदू, होठोंपर, जबानपर; जलील,बेइज्जत करना ।-मे दाँत, न पेटमें आँत-अति चेहरेपर ।-पर जाना-लिहाज, मुरौवत करना ।-पर वृद्ध होना। -में पढ़ना या बोलना-इतनी धीमी ठीकरी रख लेना-बेमुरोवत हो जाना। -पर ताला
आवाज में पढ़ना या बोलना कि दूसरोंको सुनाई न दे। लग जाना-जबान बंद हो जाना; चुप्पी साध लेना।।
-में पानी भर आना-राल टपकना, ललचाना ।-में -पर थूकना-अत्यधिक घृणाप्रकाश या तिरस्कार करना; लगाम न होना-जबानपर अंकुश न होना, जो मनमें अपमानित करना ।-पर न थूकना-अति हेय समझना, आये, बक देना। -में लूका लगाना-मुँह झुलसना; उसकी ओर देखना तक नहीं। -पर नाक न होना
मुँह काला करना। -मोड़ना-बेरुखी करना, ध्यान न निर्लज्ज होना ।-पर फेक देना,-पर फेंक मारना- देना; अलग हो जाना; इनकार करना; हराना; पीछे बहुत खफा होकर कोई चीज देना या लौटा देना ।-पर ढकेल देना ।-लगना-हुज्जत करना, उलझना; ढिठाईसे महताब छूटना-चेहरा पीला हो जाना, चेहरेपर हवाइयाँ बोलना; चस्का लगना। -लगाना-होंठोसे छुवाना, उड़ना । -पर मुहर लगना या हो जाना-चुप्पी साध
चखना; ढीठ, गुस्ताख बनाना।-लटकाना-मुँह फुलाना, लेना, एक शब्द भी न कहना। -पर रखना-चखना,
मुखाकृतिसे रोष, नाराजगी प्रकट करना ।-लपेटकर पड़ खाना (तोप आदिको) सामने निशाने पर रखना । -पर रहना-दुःख या रोषमें मुँह ढककर पड़ रहना। -लाल लाना-कहना, बयान करना। -पर हवाइयाँ उड़ना
होना-क्रोधसे चेहरेका लाल हो जाना। (अपनासा)-भय, घबराहट आदिसे चेहरेका पीला या सफेद हो लेकर रह जाना-लज्जित होकर चुप हो जाना, खिसियाजाना।-पसारकर दोढ़ना-कोई चीज पानेके लिए | कर रह जाना। -शकरसे भर देना-(हर्ष-समाचार लपकना । -पसारना-मुँह फैलाना; (कुछ) पाने के लिए | सुनानेवालेका) मुँह मीठा करना ।-सँभालना-जबानको आगे बढ़ना; अधिक दाम माँगना । -पाना-रुख या काबूमें रखना, सोच-समझकर बोलना (मुँह सँभालकर बातें मर्जी पाना, भावानुकूल दिखना ।-पेट चलना-कै-दस्त करो)। -सीना-चुप्पी लगा लेना । -सूखना-गला, दोनों होना । -फटना-सरदी, खुश्कीके कारण होठों, जबानका सूखना; मनमें भय भर जाना, घबरा जाना। कपोलोंकी त्वचा सूखकर फटना। -फुलाना-नाराज -से-जबानी, ऊपरसे (-कहना)1-से दूध टपकना,होना, रूठना। -कना-मुँहको आग लगाना, लानत दूधकी बू आना-बच्चा, नादान, नासमझ होना। भेजना । -फेर लेना-बेरुख या नाराज हो जाना। -से निकलना-कहा जाना । -से फूल झड़ना-बोल -फैलाना-अधिक दाम माँगना; अधिक लोभ करना। या बातों में बहुत मिठास होना ।-से बात न निकलना-बंद कर देना-चुप करा देना; घूस देकर अपने विरद्ध डर या गुस्सेके मारे मुँहसे आवाज न निकलना। -से कुछ करने, कहनेसे रोक देना। -बंद कर लेना-चुप राल (लार) टपकना-किसी वस्तुके लिए लालायित
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