________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
६४५
मुक्ता-मुस्तसरन् एक देशके साथ विशेष रियायत न करनेकी वाणिज्य- बलपूर्वक किसीका मुँह बंद कर देना, बोलने या भाषण नीति । -हस्त-वि० जिसका हाथ खुला हो, दानी, करनेपर प्रतिबंध लगा देना। -लेप-पु० सौंदर्य के लिए उदार । मु०-कंठसे-खुलकर; निस्संकोच रूपमें । मुखपर लगाया जानेवाला लेप। -वाद्य-पु० मुँहसे मुक्ता-स्त्री० [सं०] मोती। -कलाप-पु० मोतियोंका बजाया जानेवाला बाजा । -वास-पु० गंध तृण कपूर, हार। -गुण,-दाम(न)-पु० मोतियोंकी लड़ी। लौंग, आदि मुखको सुगंधित करनेबाली चीजें। -शुद्धि-फल-पु० मोती; कपूर । -लता-स्त्री० मोतियोंकी स्त्री० दातुन आदिकी सहायतासे मुख साफ करना; माला । -हल*-पु० मुक्ताफल, मोती।
भोजनके बाद पान, इलायची आदि खाकर मुख शुद्ध मुक्तागार-पु० [सं०] सीप ।
करना । -शोथ-पु० मुखकी सूअन । -शोष-पु० मुँह मुक्तावली-स्त्री० [सं०] मोतियोंकी लड़ी।
सूखना; प्यास । -श्री-स्त्री० मुँहकी शोभा, कांति । मुक्ति-स्त्री० [सं०] छुटकारा, मोक्ष, जन्म-मरण-रूप -नाव-पु० लार, लाला; थूक, लारका बहना। बंधनसे छुटकारा मिलना, आत्माका जन्म-मरणसे मुक्त मुखड़ा-पु० चेहरा, मुख । हो जाना; आजादी । क्षेत्र-पु० काशी।-धाम(न्)
मुखतार-पु० [अ०] अधिकार प्राप्त व्यक्तिविशेषके पु० मुक्ति देनेवाला स्थान, तीर्थ। -पत्र-पु० छुटकारेका प्रतिनिधिरूपमें कार्य करनेका अधिकारी; एजेंट; कानूनपरवाना। -प्रद-वि० मुक्ति देनेवाला । -फौज-स्त्री० पेशावर्गका एक भेद जोवकीलसे छोटा होता है।-नामा[हिं०] ईसाइयोंका एक सेवा और धर्मप्रचारकार्य करने पु० वह लेख जिसके जरीये कोई आदमी मुखतार बनाया वाला संघटन (सालवेशन आरमी)। -मंडप-पु० विश्व- जाय, मुखतारका अधिकार-पत्र । -(३)आम-पु० वह नाथमंदिर (काशी)। -मार्ग-पु० मुक्ति पानेका मार्ग, व्यक्ति जिसे किसीकी ओरसे कोई कार्य करनेका अधिकार साधन । -युद्ध-पु० (वार ऑफ लिबरेशन) दूसरे राष्ट्र- दिया गया हो। -खास-४० वह जिसे किसी मुकदमेकी की अधीनता, दासतासे अपने देशको स्वतंत्र करने, छुट
पैरवी या और कोई खास काम करनेका अधिकार दिया कारा दिलानेके लिए किया जानेवाला संघर्ष । -लाभ- गया हो। पु० मुक्ति, छुटकारा मिलना। -स्नान-पु० ग्रहणकी मुखतारी-स्त्री० [अ०] मुखतारका काम या पेशा। समाप्ति, मोक्षके बाद किया जानेवाला स्नान । मुखनस-वि० [अ०] हिजड़ा, नपुंसक । मुख-पु० [सं०] मुँह दरवाजा, निकलने-पैठनेका रास्ता।।
lion :वाजा. निकलने का रास्ता। मखबिर-पु० [अ०] खबर देनेवाला, जासूस; वह मुल-कमल-पु० कमल जैसा मुख । -कांति-स्त्री० जिम जो अपराध स्वीकार कर सरकारी गवाह बन जाय चेहरेकी आब, सौंदर्य। -चित्र-पु. मुखपृष्ठपर छपा
तथा जिसे माफी दे दी जाय । हुआ चित्र । -चूर्ण-पु० चेहरेपर मलनेका सुगंधित मुखबिरी-स्त्री० [अ०] जासूसी। पाउडर । -च्छद-पु० (मास्क ) चेहरेको छिपानेके | मुखर-वि० [सं०] अधिक बोलनेवाला, वाचाल; अप्रियलिए पहना जानेवाला कपड़ा, नकाब । -ज-वि० | मुखसे उत्पन्न । पु० ब्राह्मण । -दूषण-पु० प्याज । मुखरित-वि० [सं०] ध्वनित, शब्दायमान । -दूषिका-स्त्री० चेहरेपर होनेवाली फुसी। -धावन- मुखाकृति-स्त्री० [सं०] चेहरा। पु० मुंह धोना । -पट-पु० बुरका घुघट । -पत्र-पु० मुखागर,* मुखाग्र-वि० [सं०] कंठस्थ, जबानी याद । (आर्गन) किसी दल या संस्था द्वारा प्रकाशित वह मुखातब-[अ०] जिससे बात-चीत की जाय, संबोध्य । सामयिक पत्र जिसमें उसके सिद्धांतों, उद्देश्यों आदिकी मुखातिब-वि० [अ०] खिताब या संबोधन करनेवाला, चर्चा की जाती है। -पाक-पु० मुँह पकना, बैलों, बात करनेवाला; मतवज्जह । घोड़ों आदिको होनेवाला एक रोग -पात्र-पु० (स्पोक्स- मुखापेक्षी(क्षिन् )-वि० [सं०] (दूसरेका) मुँह जोहने. मैन) सरकार या किसी संस्था आदिकी तरफसे आधिकारिक | वाला, पराश्रित । रूपसे कोई कथन करनेवाला, दे० 'प्रवक्ता'। -पिंड- मुखामय-पु० [सं०] मुखरोग । पु० ग्रास मृत व्यक्तिके उद्देश्यसे अंत्येष्टिके पूर्व दिया | मुखारी-स्त्री० मुखाकृति; ऊपर या सामनेका भाग; जानेवाला पिंड । -पिडिका-स्त्री० मुँहासा। -पृष्ठ
आ° मुहासा । -पृष्ठ- दतुअन । पु० पुस्तक, मासिक पत्र आदिका आवरण-पृष्ठ ।-प्रक्षा-मुखालफत-वि० [अ०] विरोध; शत्रुता। लन-पु० मुँहको धोना, साफ करना। -प्रसाद-पु० मुखालिफ़-वि० [अ०] विरोध करनेवाला; शत्रु; उलटा। मुखकी प्रसन्नता, मुखकी प्रसन्न मुद्रा। -प्रिय-वि. जो मुखासव-पु०[सं०] थूक राल । खाने में अच्छा लगे, सुस्वादु । पु० नारंगी; ककड़ी; लवंग। मुखिया-पु० प्रधान व्यक्ति, अगुआ; वह व्यक्ति जिसका -बंध,-बंधन-पु० पुस्तककी प्रस्तावना, भूमिका कर्तव्य गाँवमें होनेवाले अपराधों, दुर्घटनाओं आदिकी -भूषण-पु० पान । -मंडल-पु० चेहरा ।-मार्जन- सूचना थाने में भेजवाना हो; वल्लभकुलके मंदिरों में मूर्तिके पु० मुँह साफ करना, मुखप्रक्षालन । -रुचि-स्त्री० मुख- पूजन, भोग लगाने आदिका काम करनेवाला। कांति । -रोग-पु० गले, मसूड़े, जीभ आदिमें होनेवाला मुखिल-वि० खलल डालनेवाला, बाधक ('गबन')। रोग। -रोधक (मुखावरोधक) अधिनियम-पु० मुख्तलिफ़-वि० [अ०] भिन्न, जुदा, विसदृश; कई तरहका। (गैगिंग ऐक्ट) मुख बंद कर देने, भाषण करनेपर प्रतिबंध महतसर-वि० [अ०] संक्षिप्त साररूप; लगा देनेवाला अधिनियम । -रोधन-पु० (गैगिंग) मख्तसरन-अ० [अ०] थोड़े में, संक्षेपमें ।
For Private and Personal Use Only