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मुड़ाना-मुद्रा मुड़ाना-स० कि. सिरके बाल उस्तरेसे बनवाना । अकस्मात् पूरी हो जानेसे प्रसन्न होती है। मड़िया-पु० जिसका सिर मुंड़ा हुआ हो; संन्यासी बैरागी। मुदिर-पु० [सं०] मेघ-'मुदिरसे मेदुर मुदित मतवारे स्त्री० मोड़ी लिपि, महाजनी लिपि ।
हैं'-मति० कामुक व्यभिचारी मेंढक ।। मुतअल्लिक-वि० [अ०] तअल्लुक, लगाव रखनेवाला, | मुद्गर-पु० [सं०] मुगदर हथौड़ा मुंगरा; एक प्राचीन अस्त्र। संबद्ध संयुक्त ।
मुद्दई-पु० [अ०] दावा करनेवाला, वादी, दावेदार । मुतअल्लिम-पु० [अ०] इल्म सीखनेवाला, शिक्षार्थी । . मुद्दत-स्त्री० [अ०] अरसा लंबा अरसा; अवधि, मीआद । मुतक्का-पु. कोठे या बरामदेके किनारे रेलिंगका काम | मुद्दती-वि० [अ०] मीआदवाला, सावधि । देनेके लिए खड़ी की हुई, पतली, नीची दीवार; [अ०] मुहालेह-पु० जिसपर दावा किया गया हो, प्रतिवादी। तकिया लगानेकी जगह, तकियागाह ।
मुद्ध*-वि० दे० 'मुग्ध' । मुतफन्नी-वि० [अ०] चालबाज, फरेबी, फसादी। मुद्धा-पु० टखना। मुरफ़रिकात-स्त्री० [अ०] फुटकल चीजें; फुटकल खर्चीकी मुद्धी-स्त्री० रस्सी, डोरीकी खिसकनेवाली गाँठ । मद।
मुद्र-पु० (टाइप) छपाईके काममें प्रयुक्त होनेवाले सीसे मुतबन्ना-वि० [अ०] गोद लिया हुआ। पु० दत्तक पुत्र । आदिके अक्षर, टाइप। -लिख-पु० (टाइपराइटर) मुतलक-वि० [अ०] बंधनरहित; निपट, निरा। अ० । कागजपर टाइपके अक्षर छापनेकी मशीन । -लेखकबिलकुल, कतई ।
पु० (टाइपिस्ट) मुद्रलिखकी सहायतासे कागजपर टाइपमुतलाशी-वि० हूंढ़नेवाला-'जो देखो वह हुआ नौकरी के अक्षर छापनेवाला ।-लेखनयंत्र-पु० दे० 'मुद्रलिख। का मुतलाशी'-पूर्ण ।
मुद्रक-पु० [सं०] छापनेवाला (प्रिंटर) । मुतव जिह-वि० [अ०] तवज्जुह करनेवाला, ध्यान मुद्रण-पु० [सं०] मुहर करना; छापना; छपाई । - देनेवाला।
यंत्र-पु० किताब इत्यादि छापनेकी कल। -स्वामुतवल्ली-पु० [अ०] मस्जिद या वक्फ संपत्तिका प्रबंध तंत्र्य-पु० (फ्रीडम ऑफ प्रेस) सरकारी अधिकारीको करनेवाला; वली, संरक्षक ।
दिखाये बिना या उसकी अनुमति लिये बिना किसी मुतसद्दी-पु० [अ०] लेखक, मुंशी; हिसाब लिखनेवाला। समाचार-पत्र में किसी विषयपर लेख लिखने, टीका करने मुतसिरी*-स्त्री० मोतियोंकी कंठी ।
या किसी पुस्तकादिमें उसकी चर्चा करनेकी स्वतंत्रता । मुताबिक़-वि० [अ०] सदृश, अनुरूप । अ० अनुसार । मुद्रणालय-पु० [सं०] छापाखाना, प्रेस । मुतालबा-पु० [अ०] माँगना, माँग पावना ।
मुद्रांकन-पु० [सं०] मुद्रा, मुहरसे छापना; छपाई । मुतास-स्त्री० पेशाबकी हाजत ।
मुद्रांकित-वि० [सं०] छपा हुआ; (सील्ड ) जिसपर मुताह-पु० [अ०] मीयादी, अस्थायी निकाह जो मुसल- | (नाम, पद आदिकी) मोहर लगा दी गयी हो, जो मोहर मानांके शीया संप्रदायमें जायज है।
लगाकर बंद कर दिया गया हो। मताही-स्त्री० अ०] वह स्त्री जिससे मुताह किया गया। मद्रा-स्त्री० [सं०] नामकी मुहर, सिका नाम खुदी हुई हो; रखेली।
अँगूठी; मुखचेष्टा; शरीरपर छपवाये हुए विष्णुके आयुधोंमुतिलाडू*-पु० मोतीचूरका लड्डू ।
शंख, चक्र आदिके चिह्नः देवपूजनमें हाथकी उँगलियोंका मुतेहरा-पु० कलाई पर पहननेका एक गहना।
विशेष विन्यास (तंत्र); हठयोगके आसन; परवाना-राहमुत्तला-वि० [अ०] जिसे इत्तिला दी गयी हो, सूचित, दारी; सीसेके ढले हुए अक्षर जो छापनेके काम आते हैं आगाह ।
(टाइप); काँच या स्फटिकका बना कुंडल जो गोरखपंथी मुत्तहिदा-वि० [अ०] इकट्टा, संयुक्त।
कानमें पहनते हैं; एक अलंकार जहाँ प्रस्तुत अर्थके मुद-पु० [सं०] हर्प, उमंग ।
सिवा अन्य अर्थ भी इंगित हो। -कार-पु. मुहर मुर्रिस-पु० [अ०] शिक्षा (दर्स) देनेवाला, अध्यापक । बनानेवाला । -बाहुल्य,-विस्तार-पु० (इनफ्लेशन) मुदरिंसी-स्त्री० [अ०] मुदरिसका काम, अध्यापकी। दे० 'मुद्रास्फीति' । -यंत्र-पु० छापनेकी कल, प्रेस मुदवंत*-वि० हर्षयुक्त, मुदित ।
(आ०)। -रक्षक-पु० वह अधिकारी जिसके पास राजमुदा-स्त्री० [सं०] हर्ष, मोद । * अ० मतलब यह कि । कीय मुहर रहे। -लिपि-स्त्री० छाप । -विज्ञान,लेकिन ।
शास्त्र-पु० मुद्रातत्त्व पुराने सिक्कोंके आधारपर इतिहासका मुदाखलत-स्त्री० [अ०] दखल देना, हस्तक्षेप रोक-टोक । विवेचन करनेवाला शास्त्र (न्यूमिसमैटिक्स)।-विस्फीति
-बेजा-स्त्री० दूसरे के घर या जमीनमें उसकी इजाजतके स्त्री०(डीफ्लेशन) मुद्राके प्रचलनमें हुई असाधारण वृद्धिको बिना चला जाना।
घटाना या सामान्य स्थितिमें लाना, मुद्राके अत्यधिक मुदाम-अ० [अ०] सदा, नित्य ।
विस्तारमें कमी करना, मुद्रासंकोच । -संकोच-पु० मुदामी-वि० [अ०] सदा रहनेवाला।
(डीफ्लेशन) दे० 'मुद्राविस्फीति' । -स्फीति-स्त्री० मुदित-वि० [सं०] मोदयुक्त, आनंदित ।
(इनफ्लेशन) किसी राज्यमें कागजी मुद्राका चलन असामुदिता-स्त्री० [सं०] हर्ष, आनंद; चित्तकी वह अवस्था धारण रूपसे बढ़ जाना, जिससे वस्तुओंके दाम बहुत चढ़ जिसमें दूसरेका सुख देखकर सुख होता है (योग); परकीया जाते हैं, मुद्राबाहुल्य, मुद्राविस्तार ।-स्फीति-रोधक-वि० नायिका जो परपुरुषकी प्रीति पानेको अपनी इच्छा | (ऐंटी इनफ्लेशनरी) मुद्रास्फीति रोकनेवाला (उपाय इ०)।
४१-क
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