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प्रादुर्भाव-प्राभियोक्ता
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जिसमें सबसे महत्वपूर्ण तथा आवश्यक प्रश्नोंको प्रथम प्रापना*-स० क्रि० प्राप्त करना, पाना। स्थान, प्राथमिकता, देनेका विशेष ध्यान रखा गया हो। प्रापयिता(त)-वि०, पु० [सं०] प्राप्त करानेवाला । प्रादुर्भाव-पु०[सं०] प्रकट होना,प्रकाश उत्पत्ति, अस्तित्व- प्रापित-वि० [सं०] प्राप्त कराया हुआ; पहुँचाया हुआ। ग्रहण; देवताका पृथ्वीपर प्रकट होना।
| प्रापी(पिन)-वि० [सं०] प्राप्त करनेवाला; पहुँचनेवाला प्रादुर्भूत-वि० [सं०] जिसका प्रादुर्भाव हुआ हो, जो प्रकट | (समासांतमें)। हुआ हो; उत्पन्न ।-मनोभवा-स्त्री० एक प्रकारकी मध्या प्राप्त-वि० [सं०] पाया हुआ, जो मिला हो, लब्ध; जो नायिका जिसके मनमें कामका पूरा प्रादुर्भाव होता है। आ पड़ा हो, उपस्थित स्थापित; पूरा किया हुआ; उचित प्रादेश-पु० [सं०] अँगूठेके सिरेसे तर्जनीके सिरेतककी जहाँ कोई पहुँचा हो, आसादित । -काल-वि० जिसे दूरी; प्रदेश, प्रांत; स्थान ।
करनेका समय उपस्थित हो,समयोचित । पु० उचित समय, प्रादेशन-पु० [मं०] दान ।
किसी बातका उपयुक्त अवसर; मृत्युका समय ।-जीवन-वि० प्रादेशिक-वि० [सं०] प्रदेश-संबंधी, प्रदेशका; अर्थद्योतक । जिसकी जान लौट आयी हो, जो मरते-मरते बच गया प्रसंगगत । पु० किसी प्रदेशका शासक, सूबेदार ।-सेना- हो। -मनोरथ-वि० जिसका मनोरथ पूर्ण हो गया स्त्री० (टेरिटोरियल आमी) किसी विशेष प्रदेश या क्षेत्र- हो। -यौवन-वि० जिसकी जवानी आ गयी हो । में स्थानीय सुरक्षाको दृष्टिसे तैयार की जानेवाली (नाग- -व्यवहार-वि० बालिग। रिकोंकी) सेना।
प्राप्त -स्त्री० [सं०] वह लड़की जोरजस्वला हो गयी हो। प्रादेशिनी-स्त्री० [सं०] तर्जनी ।
प्राप्तव्य-वि० [सं०] पाने, मिलने योग्य । प्राधान्य-पु० [सं०] प्रधानका भाव, प्रधानता; श्रेष्ठता | प्राप्ताधिकार-पु० (प्रिविलेज) वह विशेष अधिकार जो मूल कारण।
कुछ ही लोगोंको प्राप्त हो; किसी व्यक्ति, वर्ग, संस्था प्राधिकरण-पु० [सं०] (अथॉरिजेशन) किसीको कोई काम आदिको उसकी विशेष स्थितिके कारण प्राप्त विशेष अधि
करने, आदेश देने आदिका अधिकार प्रदान करना। कार या सहूलियत । प्राधिकार-पु० [सं०] (अथॉरिटी) कोई काम करने, आदेश प्राप्तानुज्ञ-वि० [सं०] (लाइसेंस्ड) जिसे किसी वस्तुके देने आदिका अधिकार; इस तरहका वह अधिकार जो बेचने या कोई काम करनेका अनुज्ञापत्र दिया गया हो। किसी पदाधिकारीको अपने पदके कारण प्राप्त हो। पु० (लाइसेंसी) वह व्यक्ति जिसे इस तरहका अनुज्ञापत्र प्राधिकारी(रिन)-पु० [सं०] ( अथॉरिटी) बह जिसे | दिया गया हो। प्राधिकार प्राप्त हो । (प्राधिकारिवर्ग= अथारिटीज।) प्राप्तावसर-वि० [सं०] दे० 'प्राप्तकाल'। प्राधिकृत-वि० [सं०] जिसे विधिविहित अधिकार प्राप्त प्राप्ति-स्त्री० [सं०] पाया जाना, मिलना, लाभ; पहुँच; हो; जो विधिविहित अधिकारी द्वारा स्वीकृत हो ।-अभि- | उपार्जन, उदय, अनुमिति; हिस्सा; भाग्य; संहतिः पूर्वकर्ता-(र्तृ)पु० (अथोराइज्ड एजेंट) वह अभिकर्ता जिसे कमौका फल, फलागम (ना०), आठ सिद्धियों में से एक प्रतिनिधिरूपमें कोई काम करनेका विधिविहित अधिकार जिसके द्वारा प्रत्येक अभीष्ट पदार्थ मिलता है; आय, धना. प्राप्त हो । -पूँजी-स्त्री० [हिं०] (अथॉराइज्ड कैपिटल) गम; फायदा, लाभ, जरासंधकी एक पुत्री जो कंससे व्याही कारखाने आदिमें लगानेके लिए हिस्सेदारोंसे ली जाने- थी; कामदेवकी एक पत्नी; चंद्रमाका ग्यारहवाँ स्थान वाली वह जी जिसकी स्वीकृति विशेष प्राधिकारीसे | (फो० ज्यो०)।-कर्ता(र्तृ)-पु०(रीसिपियेंट) वह जिसे ली गयी हो।
कोई वस्तु प्राप्त हो। प्राध्यापक-पु० [सं०] (लेक्चरर, प्रोफेसर) वह अध्यापक प्राप्त्याशा-स्त्री० [सं०] प्राप्तिकी आशा, मिलनेकी आशा।
जो अपने विषयका अच्छा विद्वान् हो; किसी महाविद्या-प्राप्य-वि० [सं०] प्राप्त करने योग्य; जहाँतक पहुच हो लय आदिका उच्च श्रेणीका अध्यापक ।
सके जो मिल सके, मिलने योग्य । प्रान*-पु० दे० 'प्राण'।
प्राप्यक-पु० (बिल) किसीके हाथ बेचे हुए माल या किसीके प्रानी -पु० दे० 'प्राणी' ।
लिए किये हुए काम आदिका ब्योरा और प्राप्य मूल्य प्रानुमतिपत्र-पु० [सं०](परमिट) वह पत्र जिसमें कोई ऐसा | दिखानेवाला पत्र । माल, जिसपर किसी तरहका नियंत्रण हो, सीमित मात्रा- प्राबल्य-पु० [सं०] प्रबलता; प्रधानता; शक्ति । में खरीदनेकी विशेष अनुमति दी गयी हो; माल उतारने प्राभिकर्ता(त)-पु० [सं०] (एटनी) वह व्यक्ति जिसे या हटाने-बढ़ानेकी विशेष अनुमति प्रदान करनेवाला पत्र। किसी अन्य व्यक्ति या संस्थाकी ओरसे प्रतिनिधि-रूपमें प्रानेस* -पु० दे० 'प्राणेश' ।
कार्य करनेका विधिविहित अधिकार प्राप्त हो; वह जिसे प्रापक-पु० [सं०] प्राप्त करने या करानेवाला; पहुँचाने- मुकदमे मामले में किसीकी ओरसे देख-रेख करने आदिका वाला; (पेयी) जिसे रुपया-पैसा आदि दिया जाय, विधिविहित अधिकार दिया गया हो। चुकाया जाय, पानेवाला ।
प्राभियोक्ता (क्त)-पु० [सं०] (प्रॉसीक्यूटर) किसीके विरुद्ध प्रापण-पु० [सं०] प्राप्त करना या कराना; पहुँचाना, कोई मामला चलानेवाला । -पक्ष-पु० ( प्रॉसीक्यूशन) ले जाना; वाला।
वह पक्ष जिसकी ओरसे किसीके विरुद्ध कोई मामला न्याप्रापणिक-पु० [सं०] व्यापारी, सौदागर ।
यालयमें चलाया गया हो। (राजकीय प्राभियोक्ताप्रापति*-स्त्री० प्राप्ति; एक सिद्धि ।
पु० (गवर्नमेंट प्रॉसीक्यूटर) राज्यका वह विधिक अधिकारी
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