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मडिया-मतिमाह मठिया-स्त्री० छोटा मठ फूलकी बनी हुई चूड़ियाँ । वालोंके संबंध निर्वाचकों द्वारा मतदानकी व्यवस्था हो । मठी-स्त्री० [सं०] छोटा मठ ।
दान-पत्र-पु० (बैलट) वह पत्र जिसपर चुनावमें खड़े मठी(ठिन)-पु० सं०] मठाधीश ।
होनेवाले व्यक्तिका नाम और उसका विशेष चिह्न अंकित मठोठा-पु. कुएँकी जगत ।
रहता है और जिसपर मतदाता कोई चिह्न बनाकर मठोर-स्त्री० दही मथनेकी मटकी; नील बनानेका माठ । किसीके पक्षमें अपना मत देता है। -दानपेटिका,मड़ई-स्त्री० लकड़ी आदिके खंभोंपर छप्पर रखकर बनायी पेटिका-स्त्री० (बैलट बॉक्स) वह पेटी जिसमें मतदाताओं हुई कुटी, झोपड़ी।
द्वारा मतपत्र छोड़े या डाले जाते हैं।-देय-पु०(वोटेबिल) मडराना, मडलाना-अ०क्रि० दे० 'मँडराना'।
वह विषय या व्ययकी वह मद जिसपर सदस्योंका मत मड़वा-पु० दे० 'मंडप'।
लिया जा सके ।-पत्र-पु० दे० 'मतदान-पत्र' ।-भेदमड़हट -पु० दे० 'मरघट' ।
पु० मतकी भिन्नता, राय न मिलना । -संग्रह-पु० मड़ा-पु० 'माड़ा' नामक नेत्ररोग; प्रकोष्ठ, कमरा । प्रश्नविशेषपर मतप्रकाशके अधिकारियोंकी रायोका इकट्ठा म.डुआ-पु० एक मोटा अनाज ।
किया जाना।-स्वातंत्र्य-पु० मत, विचारकी स्वतंत्रता । मईया-स्त्री० मड़ई, झोपड़ी।
मतना*-अ० क्रि० मत स्थिर करना; बिचारना-'मत मढ़-पु० मठ । वि० जो एक जगह बैठ जानेपर वहाँसे । बैठि बादल औ गोरा'-प० । मतवाला होना। जल्दी हटे नहीं।
मतलब-पु० [अ०] अभिप्राय, आशय अर्थगरज, स्वार्थ मढ़ना-स० क्रि० ऐसी चीज जड़ना, लगाना जिससे पूरी प्रयोजन; वास्ता, सरोकार । -का आशना,-का यारवस्तु ढक जाय (तसवीरपर शीशा, चौखटा मेजपर कपड़ा); । गरज निकालनेके लिए दोस्ती करनेवाला, खुदगर्ज । बाजेके मुँह पर चमड़ा लगाना; थोपना (दोष)। | मतलबी-वि० [अ०] अपनी गरज देखनेवाला, स्वाथीं । मढ़वाना-स० कि मढ़नेका काम दूसरेसे कराना। मतवार, मतवारा*-वि० दे० 'मतवाला'। मढ़ाई-स्त्री० मढ़नेका काम; मढ़नेकी मजदूरी।। मतवाला-वि० (शराबके) नशेमें चूर, मस्त; बदमस्त मढ़ी-स्त्री० छोटा मठ; छोटा मंदिर, कुटी।
(बलादिक) गर्वसे इतराता हुआ । [स्त्री० 'मतवाली'] पु० मया -पु० मढ़नेवाला।
किलेकी दीवारसे शत्रुपर लुढ़काया जानेवाला भारी पत्थर। मणि-पु०, स्त्री० [सं०] बहुमूल्य और कांतियुक्त पत्थर, मतांतर-पु० [सं०] दूसरा मत, भिन्न मत । रत्न, जवाहिर श्रेष्ठ जन; बकरीके गलेकी थैली; लिंगका मता, मतो*-पु० सलाह, उपदेश, सम्मति । अग्रभाग; योनिका अग्रभाग; कलाई, मणिबंध; घड़ा। मताधिकार-पु० [सं०] (फ्रैंचाइज़) लोकसभा, विधान-कंकण-पु० रत्नजटित कंकण । -कांचन-योग-पु० सभा, नगरपालिका आदिके लिए सदस्य चुननेका, मत रत्न और सोने जैसा शोभा-सुंदरता बढ़ानेवाला संयोग। प्रदान करनेका, अधिकार । -कुंडल-पु० रत्न-जटित कुंडल । -दीप-पु० रत्नजटित | मताधिकारी(रिन)-पु० [सं०] मत देनेका अधिकारी दीप; दियेका काम देनेवाला मगि। -दोष-पु० रत्नका (वोटर)। दोष ।-धर-पु. साँप । -बंध-पु० कलाई ।-माला- मतानुयाचक-पु० [सं०] (कैनवैसर) वह जो किसी क्षेत्रके स्त्री० मणियोंकी माला, लक्ष्मी ।
मतदाताओंके पास जाकर अपने पक्षमें मत देनेका मतंग-पु० [सं०] हाथी; बादल । -ज-पु० हाथी। अनुरोध करे। मतंगी*-पु० हाथीका सवार ।
मतानुयायी (यिन्)-वि० [सं०] मतविशेषका अनुगमन मत-अ० न, नहीं (निषेधात्मक, जैसे-मत करो)। स्त्री० करनेवाला। दे० 'मति' । वि० [सं०] सम्मत, अभिप्रेत, माना हुआ; | मतारी -स्त्री० माता। अचिंत; सोचा-विचारा हुआ; सम्मानित; बराबर किया मतार्थी(र्थिन्)-बि० [सं०] ( कैडिडेट) मत देनेके लिए हुआ। पु० राय, सम्मति; विचार, सिद्धांत; धर्ममत, पंथ; | प्रार्थना करनेवाला, उम्मेदवार । -घटक-पु० (पोलिंग अभिप्राय, मंशा; चुनावमें, प्रस्ताव आदिके पक्ष-विपक्षमें, एजेंट ) मतदान केंद्रपर मता की ओरसे काम करने निर्धारित विधिसे प्रकट किया हुआ मत, वोट, राय वाला, उसके हितों और अधिकारोंकी रक्षाका ध्यान ( आ०)। -गणना-स्त्री० मतों, वोटोंकी गिनती। रखनेवाला व्यक्ति ।। -दाता-सूची-स्त्री० (वोटर्स लिस्ट) किसी नगर, जिले मतावलंबी(बिन्)-वि० [सं०] मत या धर्मविशेषका आदिके उन बालिग व्यक्तियोंकी सूची जिन्हें मतदानका अवलंबन करनेवाला । अधिकार प्राप्त हो । -दान-पु. चुनाव आदिमें मति-* अ० दे० 'मत' । वि० सदृश । स्त्री० [सं०] बुद्धि, विधिवत् मतप्रकाश। -दानकक्ष,-दानकोष्ठ-पु० समझा राय; इच्छा; अभिप्राय । -द्वेध-पु० मतभेद । (पोलिंग बूथ) मतदानकेंद्रका वह कमरा, घर या घेरा -भ्रंश-पु० बुद्धिनाश; पागलपन। -भ्रम-पु० बुद्धिका जहाँ किसी विशेष मुहल्ले या मुहल्लोंके मतदाताओं भ्रम, अलका उलटफेर । -मंद-वि०मंदबुद्धि, कमसमझ । या किसी एक संख्यासे किसी अन्य विशेष संख्या- | -हीन-वि० निर्बुद्धि । मु०-मारी जाना-बुद्धिभ्रंश तकके निर्वाचकों या केवल स्त्रियों द्वारा मतदानकी होना, अलका मारा जाना। व्यवस्था हो।-दानकेंद्र-पु० (पोलिंग स्टेशन) वह स्थान मतिमान (मत्)-वि० [सं०] बुद्धिमान् , समझदार। जहाँ विधानसभा आदिकी सदस्यताके लिए खड़े होने-मतिमाह*-वि० दे० 'मतिमान् ।
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