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प्रवर्ग-प्रवेशिका (सिलेक्ट कमिटी) किसी विषयकी छानबीन करने और स्थगित कर देना या उसमें विलंब करना। विचार-विमर्श के बाद निश्चित मत प्रकट करनेके लिए प्रविष्ट-वि० [सं०] घुसा हुआ, अंदर गया हुआ।रोगी
बनायी गयी चुने हुए. विशेषश सदस्योंकी समिति । पु० (इनडोर पेशेंट) वह रोगी जो चिकित्सालयमें ही प्रवर्ग-प० म०टेगरी) कई भागों, वर्गों या श्रेणि- रखकर चिकित्सा करनेके उद्देश्यसे भरती कर लिया गया योंमेंसे एक ।
हो, अंतर्वासी रोगी। प्रवर्तक-पु० [सं०] प्रवृत्त करनेवाला, किसी काममें लगाने प्रविष्टि-स्त्री० [सं०] (एंट्री) खाते, पुस्तक आदिमें लिखने, वाला; चलानेवाला, आरंभ करनेवाला, जारी करनेवाला , चढ़ाने, दर्ज करनेकी क्रिया; वह चीज जो इस प्रकार आविष्कार करनेवाला; उसकानेवाला, उभारनेवाला; | लिखी या दर्ज की गयी हो। किसी पात्रका प्रवेश (ना०); मध्यस्थ, पंच ।
प्रविसना*-अ० कि० प्रवेश करना, घुसना । प्रवर्तन-पु० [सं०] प्रवृत्त करना, किसीको किसी बातमें | प्रवीण-वि० [सं०] निपुण, कुशल । लगाना; आरंभ करना, चलाना, जारी करना; उसकाना, प्रवीणता-स्त्री० [सं०] निपुणता, कौशल । उभारना आविष्कार करना (हिं०)।
प्रवीन*-वि० दे० 'प्रवीण' । स्त्री० अच्छी वीणा। प्रवर्तित-वि०सं०] आरब्ध, चालित; स्थापित, उत्तेजित । प्रवीर-पु० [सं०] अच्छा वीर, सुभट । वि० उत्तम बली। प्रवर्द्धन, प्रवर्धन-धु० [सं०] बढ़ती, वृद्धि ।
प्रवृत्त-वि० [सं०] प्रवृत्तियुक्त, लगा हुआ, रत; जिसका प्रवर्षण-पु० [सं०] वर्षा, बारिश; किष्किचाके पासका आरंभ हुआ हो, आरब्ध; निश्चित निर्दिष्ट निर्बाध । एक पर्वत ।
प्रवृत्ति-स्त्री० [सं०] प्रवाह, बहाव; मनका किसी विषयप्रवह-पु० [सं०] बहाय; वायुः सात प्रकारकी वायुओंमेंसे की ओर झुकाव; वार्ता, वृत्तांत; आरंभ; उत्पत्ति आचारएक जिसके सहारे नक्षत्र परिभ्रमण करते हैं ।
व्यवहार अध्यवसाय; भाग्यशब्दोंके अर्थका बोध करानेप्रवहमान-वि० [सं०] प्रवाहशील, बहनेवाला। . की एक शक्ति; इंद्रिय आदिका अपने-अपने विषयमें निरत प्रवात-पु० [सं०] स्वच्छ वायु, ताजी हवा; जोरकी हवा, । होना, सांसारिक विषयोंके प्रति आसक्ति, निवृत्तिका
हवादार जगह । वि. जिसमें तेज हवा लगती हो। उलटा। -मार्ग-पु० संसारके धंधों में संलग्न रहना। प्रवाद-पु० [सं०] बोलना; व्यक्त करना; लोगों में प्रचलित प्रवृद्ध-वि० [सं०] बहुत अधिक बढ़ा हुआ; प्रौढ घमंडी; बात, जनश्रुति, किवदंती; बातचीत, वार्तालाप; चुनौती। उग्र विशाल । प्रवादक-वि० [गं०] वाद्य बजानेवाला (संगीत)। प्रवेग-पु० [सं०] अधिक वेग; (टेपो) हिलने, चलने, काम प्रवादी(दिन)-पु० [सं०] प्रवाद करनेवाला । करने आदिकी तीव्र गति; घटनाओं आदिका जल्दी-जल्दी प्रवान -पु० दे० 'प्रमाण' ।।
और तेजीसे होना; (वेलॉसिटी) किसी वस्तुके तेजीसे प्रचारण-पु० [सं०] निषेध, मनाही; प्रतिरोध; स्वेच्छासे आगे बढ़ने, नीचे गिरने आदिकी रफ्तार । किया जानेवाला दान, काम्यदान; उत्तम वस्तु(जैसे हाथी, प्रवेणि, प्रवेणी-स्त्री० [सं०] वेणी, चोटी; जल आदिका घोड़ा आदि)का दान महादान; इच्छा पूर्ण करना । प्रवाह; हाथीकी झूल; एक नदी ।। प्रवाल-पु० [सं०] दे० 'प्रबाल'।
प्रवेश-पु० [सं०] भीतर जाना, घुसना; पैठ, पहुँच, प्रवास-पु० [सं०] परदेशमें रहना, विदेशवास; परदेश रसाई; किसी पात्रका रंगमंचपर आना (ना०); किसी
जाना। -गत,-स्थ,-स्थित-वि० परदेश गया हुआ। विषय, शास्त्रकी जानकारी, अभिशता; द्वार; किसी कार्यमें प्रवासन-पु० [सं०] बाहर रहना; देशनिष्कासन; बध । संलग्न रहना। -द्वार-पु० भीतर जानेका द्वार या प्रवासी(सिन्)-वि० [सं०] परदेशमें रहनेवाला । रास्ता। -पत्र-पु० (टिकट) किसी सिनेमा, नाट्यशाला, प्रवाह-पु० [सं०] बहनेकी क्रिया या भाव, बहाव; जल संगीत-सम्मेलन आदिमें प्रवेशका अधिकार प्रदान करने
आदिक धारा; किसी वस्तुका अटूट क्रम, बँधा हुआ तार, वाला पत्र ।-रोधन-पु०(पिवोटिंग) अधिकारियों आदिसे अखंड परंपरा घटनाक्रम ।
अपनी माँगें पूरी कराने के लिए या लोगों को कोई अनुचित प्रवाहक-वि० [सं०] अच्छी तरह वहन करनेवाला । पु० काम करनेसे रोकनेके लिए कार्यालय, दुकान आदिके राक्षस ।
सामने अड़कर बैठ जाना जिससे उनके प्रवेशमें बाधा प्रवाहिका-स्त्री० [सं०] ग्रहणी रोग; * बहनेवाली धारा, पड़े, धरना। -शुल्क-पु० प्रवेश पानेका अधिकार नदी-'मधुर लालसाकी लहरोंसे यह प्रवाहिका स्पंदित | प्राप्त करनेके लिए दिया जानेवाला धन । होती'-कामायनी।
प्रवेशक-पु० [सं०] प्रवेश करनेवाला; नाटक में दो अंकोंके प्रवाहित-वि० [सं०] बहाया हुआ; ढोया हुआ। बीचका एक प्रकारका अंक जिसमें नीच पात्र न दिखायी प्रवाहिनी-स्त्री० [सं०] नदी।
हुई तथा भावी घटनाओंकी सूचना देते है।। प्रवाही(हिन)-वि० [सं०] बहनेवाला, प्रवाहयुक्ता ले प्रवेशन-पु० [सं०] प्रवेश कराना; प्रवेश; सदर दरवाजा। जानेवाला; चलानेवाला ।
प्रवेशना*-अ० क्रि० प्रवेश करना। स० क्रि० प्रवेश प्रविधि-स्त्री० [सं०] (टेकनीक) कोई (कलात्मक) कार्य कराना । करनेका विशेष ढंग, विशेष विधि या विशेष कौशल। प्रवेशिका-स्त्री० [सं०] प्रवेश-पत्र या प्रवेश-शुल्क; (प्राइ. प्रविध्वस्त-वि० [सं०] फेंका हुआ, क्षुब्ध ।।
मर) किसी विषय में प्रवेश करानेवाली प्रारंभिक पुस्तक । प्रविलंब करना-स० क्रि० (रीप्रीव्ह) सजाकी काररवाई | -परीक्षा-स्त्री० (एंट्रेस इग्जामिनेशन) उच्च शिक्षाका
३३-क
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