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पूय-पूर्ति
एक तरह की मीठी पूरी ।
पूय - पु० [सं०] पीप या पीब, मवाद । प्यारि- पु० [सं०] नीमका पेड़ ।
पूर- पु० किसी पकवानके भीतर भरा जानेवाला मसाला; [सं०] जलराशि; प्रवाह; बाढ़; जलाशय; घावको साफ करना या भरना; व्रणशुद्धि; । * वि० पूर्ण, पूरा 1 पूरक - वि० [सं०] पूरा करनेवाला, पूर्ति करनेवाला; तुष्ट करनेवाला । पु० एक प्रकारका प्राणायाम जिसमें नाकके बायें छेद से प्राणवायुको धीरे-धीरे भीतर पहुँचाते हैं; किसी की कमी पूरी करने के लिए ऊपरसे मिलाया जानेवाला अंश ।
पूरण - पु० [सं०] पूर्णं या पूरा करनेकी क्रिया; भरने याभरे जानेकी क्रिया; एक प्रकारकी रोटी; भरना; गुणन ( गणित ) । पूरन - पु० उबाले जानेके बाद सिलपर पिसी हुई मटर या चनेकी दाल । वि० दे० 'पूर्ण' | - काम* - वि० दे० 'पूर्णकाम' | - परब * - पु० पूर्णिमा, पूनो । - पूरी - स्त्री० वह पूरी जिसमें पूरन भरा गया हो, पूरन भरी हुई पूरी। -मासी | - स्त्री० दे० 'पूर्णमासी' | पूरना - +स० क्रि० पूरा करना, पूर्ति करना; सिद्ध करना, पूर्ण करना (मनोरथ के साथ); * आच्छादित करना, ढक देना, व्याप्त कर देना; त्योहारों, मांगलिक अवसरोंपर अबीर, चौरेठे आदिसे पृथ्वीपर विशेष आकारके क्षेत्र बनाना (चौक पूरना); बटना; * बजाना । अ० क्रि० व्याप्त होना, ओत-प्रोत होना; रमना; छाना । दूरनिमा * - स्त्री० दे० 'पूर्णिमा' | पूरब-पु० सूरजके निकलनेकी दिशा; पश्चिमके सामने की दिशा । * वि० दे० 'पूर्व' । * अ० पहले, पूर्व । पूरबल * - पु० प्राचीन काल, पुराना जमानाः पूर्वजन्म | पूरबला * - वि० प्राचीन समयका, पुराना; पूर्वजन्मका । पूरबली * - स्त्री० पूर्व जन्मका कर्म । पूरबिया - पु० पूरवी देशका निवासी । वि० दे० 'पूरबी' । पूरबी - वि० पूरव संबंधी; पूरबका । स्त्री० एक राग । पूरयिता (तृ) - पु० [सं०] पूर्ण करनेवाला; विष्णु । वि० पूरा करनेवाला; संतुष्ट करनेवाला ।
पूरा - वि० भरा हुआ, परिपूर्ण, खालीका उलटा; जो अपने सभी अंशों, अगोंसे युक्त हो, समूचा, अन्यून, सकल; जिसमें कोई कोर-कसर न हो; जिसमें किसी प्रकारकी न्यूनता न हो; यथेष्ट, पर्याप्त, जितना चाहिये उतना; जो अधूरा न हो, समाप्त, पूर्ण; सिद्ध, सफल; पक्का; ठीक, सही | मु० (कोई काम ) - उतरना - भली भाँति संपन्न होना । (किसी का) - पड़ना - अँट जाना; कमी न होना । (दिन) ( पूरे) करना- किसी तरह समय बिताना । (दिन) - होना - अंतिम समय निकट आना । पूरानीत भूमि- स्त्री० [सं०] ( एल्यूबिअल सॉइल ) दे० 'जलोढ भूमि' ।
पूरित - वि० [सं०] पूरा किया हुआ; भरा हुआ; गुणा किया हुआ, गुणित; तृप्त ।
पूरी - स्त्री० घी या तेल में छानी हुई रोटी; तबले आदिके मुँहपरका चमड़ा; * घास आदिका पूला । पूरुख* - ५० दे० 'पुरुष' ।
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पूरुष - पु० [सं०] पुरुष; आत्मा ।
पूर्ण - वि० [सं०] भरा हुआ; समूचा, अखंड, समग्र पूरा किया हुआ, सिद्ध; समाप्त, संपन्न; जिसे किसी बातकी अपेक्षा न हो, आप्तकाम; यथेष्ट, पर्याप्त; बीता हुआ, अतीत; तृप्तः शब्दकारी; सशक्त; स्वार्थी; झुकाया हुआ (धनुष ) । - काम - वि० जिसकी सभी इच्छाएँ पूरी हो चुकी हों, जिसकी कोई इच्छा पूरी होनेको बाकी न हो, परितुष्ट | - कुंभ - पु० जल आदिसे भरा हुआ कलसा; एक प्रकारका युद्ध | गर्भा - वि० स्त्री० जिसका गर्भ पूरी तरह वृद्धिको प्राप्त हो चुका हो, जो शीघ्र बच्चा जननेवाली हो । -चंद्र- पु० पूर्णिमाका चंद्रमा । प्रज्ञ, - बोध - वि० परम ज्ञानी । -मासी - स्त्री० शुक्ल पक्षकी अंतिम तिथि जिसमें चंद्रमा अपनी सोलहों कलाओंसे युक्त हो जाता है, पूनो । विराम - पु० वाक्यकी समाप्तिका सूचक चिह्न |
पूर्णतः, पूर्णतया अ० [सं०] अच्छी तरह, पूर्ण रूपसे । पूर्णांक - पु० [सं०] पूरी संख्या अविभक्त संख्या ( गणित ); किसी प्रश्नपत्र के लिए निर्धारित अंक । पूर्णाधिकारप्राप्त दूत-पु० [सं०] ( मिनिस्टर प्लेनीपोर्टशिअरी) वह दूत जिसे स्वविवेक से काम लेते हुए यथावश्यक निर्णय करनेका पूरा अधिकार दिया गया हो । पूर्णाधिवेशन - पु० [सं०] (प्लीनरी सेशन) किसी सभा, संस्था आदिका पूरा अधिवेशन - वह अधिवेशन जिसमें उसके सभी सदस्य सम्मिलित हो सकें । पूर्णायु (स् ) - स्त्री० [सं०] सौ वर्ष की आयु ( मनुष्यकी पूरी आयु सो वर्षकी मानी गयी है) । वि० सौ वर्षकी आयुवाला | पु० एक गंधर्व । पूर्णावतार - पु० [सं०] वह अवतार जिसमें ईश्वर अपनी सभी कलाओंसे युक्त होकर अवतीर्ण हुआ हो, विष्णुका चौथा, सातवाँ और आठवाँ अवतार । पूर्णाश - वि० [सं०] जिसकी आशा पूरी हो चुकी हो । पूर्णाहुति - स्त्री० [सं०] वह आहुति जिससे होमकर्म समाप्त .किया जाता है, होमकर्मकी अंतिम आहुतिः किसी कार्यका "वह अंग जिससे वह पूर्णताको प्राप्त हो । पूर्णिमा - स्त्री० [सं०] शुक्ल पक्षकी अंतिम तिथि, पूनो । पूर्णेदु - पु० [सं०] सोलहों कलाओंसे युक्त चंद्रमा । पूर्णोपमा स्त्री० [सं०] उपमालंकारका वह भेद जिसमें उपमेय, उपमान, वाचक और साधारण धर्म, ये चारों अंग उक्त हों ।
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पूर्त - वि० [सं०] पूरा किया हुआ, पूरित; ढका हुआ, छन्न, व्याप्त; पालित; रक्षित । पु० पूरा करना; पालन; कुआँ, तालाब खोदवाने, मंदिर बनवाने आदिका धार्मिक कृत्य; पुरस्कार | -विभाग- ५० वह सरकारी विभाग जिसके जिम्मे सड़क, नहर, पुल आदि बनवानेका काम रहता है, तामीरातका मुहकमा (पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट) । - संस्थास्त्री० ( चैरिटेबिल इंस्टिट्य ूशन) कुआँ, तालाब आदि धर्मार्थ बनवानेवाली संस्था |
पूर्ति - स्त्री० [सं०] पूरा करनेकी क्रिया, पूरण; संतुष्टि, तृप्ति; गुणा करना, गुणन; उपभोक्ताओंकी आवश्यकता पूरी करनेके लिए उन्हें चीजें देना, जुटाना, समायोग (सप्लाई ) ।