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पायिक-पारस्पर्य होना-दर्जा बढ़ना।
पारणक-पु० (पास) किसी स्थान, सिनेमा-भवन, सभापायिक-पु० [पं०] पैदल सिपाही; दूत ।
गृह आदिके भीतर या बाहर जानेका लिखित अनुमतिपायी(यिन् )-पु० [सं०] पीनेवाला (समासमें)। पत्र; रेल आदि द्वारा बिना किराया दिये यात्रा करनेका पारंगत-वि० [सं०] दे० 'पारगत'।
अनुमतिपत्र । पारंपरीण-वि० [सं०] परंपरागत, क्रमागत ।
पारणा-स्त्री० [सं०] व्रतके बादका भोजन; भोजन । पारंपरीय-वि० [सं०] परंपरागत ।
पारतंत्र्य-पु० [सं०] पराधीनता । पार-पु० [सं०] नदी-समुद्र भादिका दूसरी ओरका किनारा; पारत्रिक-वि० [सं०] परलोक-संबंधी; परलोकका; परलोक किसी वस्तुका दूसरा किनारा; किसी दूरतक फैली हुई बनानेवाला, जिससे परलोक बने । वस्तुका अंतिम भाग, प्रांतभाग; किसी दूर तक फैली हुई पारथ*-पु० दे० 'पार्थ'; पारथी। वस्तुके दो किनारों में से कोई एक अंत, हृद; पारा । अ० | पारथिव*-पु० राजा; मिट्टीका शिवलिंग। वि० मिट्टीपरे, दूर ।-ग-वि० पार जानेवाला; पार पहुँचानेवाला; | संबंधी; मिट्टीका बना हुआ। जिसने किसी वस्तुका पार पा लिया हो; जिसने किसी | पारद-पु० [सं०] पारा; एक प्राचीन असभ्य जाति । विद्या या शास्त्रका पूरा ज्ञान प्राप्त कर लिया हो (वेदांत- पारदारिक-पु० [सं०] परस्त्रीगामी, लंपट । पारग')। -गत-वि० पारतक पहुँचा हुआ, जिसने पार पारदेशिक-वि० [सं०] दूसरे देशका, विदेशी । पु० दूसरे पा लिया हो; जिसने किसी विद्या या शास्त्रका पूर्ण शान | देशका निवासी; यात्री। प्राप्त कर लिया हो, पवित्र ।-गामी(मिन्)-वि० पार | पारधि*-पु० दे० 'पारधी' ।-पति-पु० धनुर्धरों में श्रेष्ठ, जानेवाला । -दर्शक-वि० पारको या दूसरे किनारेको | कामदेव । दिखानेवाला; जिसके आर-पार देखा जा सके।-दर्शिता | पारधी-पु० बहेलिया, चिड़ीमार; शिकारी हत्यारा । -स्त्री० (ट्रांसपेरेंसी) पदार्थों के आर-पार देखे जा सकनेकी पारन-* पु० दे० 'पारण'। क्षमता या गुण, पारदशी होनेका गुण |-दर्शी(शिन)- पारना-स० क्रि० जमीनपर डाल देना; गिराना; साँचेमें विदूरदशी,परिणामदशी; बहुश,पंडित ।-दर्शि-किरण- या और किसी चीजमें जमाकर कुछ तैयार करना; * स्त्री० (एक्सरे) दे० 'क्ष किरण।-नेता(त)-वि० पार ले सुलाना; पछाड़ना; रखना; सम्मिलित करना; पहनना; जानेवाला किसी विषयका पूरा ज्ञान करानेवाला ।-पत्र ढाना डालना पालन करना। अ० क्रि० सकना, करने में -पु० (पासपोर्ट) समुद्र-पार जानेका वह अनुशापत्र जिसमें समर्थ होना। यात्रा की संरक्षाका भी अभिवचन सन्निविष्ट रहता है। पारबती-स्त्री० दे० 'पार्वती'। मु०-उतर जाना-दे० 'पार उतरना'; कोई प्रयोजन पारमार्थिक-वि० [सं०] परमार्थ-संबंधी; अविकारी और सिद्ध करके अलग हो जाना। -उतरना-तैरकर या| सत्य; स्वाभाविक (जैसे-पारमार्थिक सत्ता); परमार्थका नाव आदिके द्वारा नदी आदिके उस पार जाना; किसी प्रेमी; परमार्थकी ओर दृष्टि रखनेवाला; अति उत्तम । कार्यको समाप्त करके उससे छुट्टी पाना; किसी कार्यमें पारमार्थ्य-पु० [सं०] परम सत्य । सफलता प्रास करना; भवबंधनसे मुक्त होना, संसारसे पारमिता-स्त्री० [सं०] पूर्णता, उत्कृष्टता (यह छः प्रकारकी छुटकारा पाना । -उतारना या करना-नदी, समुद्र मानी गयी है, दान, शील, शांति आदि)। आदिके दूसरे किनारे पहुँचाना उद्धार करना।-पाना- पारलौकिक-वि० [सं०] परलोक-संबंधी; परलोकका। किसी वस्तुके अंततक पहुँचना । (किसीसे)-पाना- पारवश्य-पु० [सं०] पराधीनता, परवशता । परास्त करना। -बसाना*-वश चलना। -लगना- पारशव-वि० [सं०] परशु-संबंधी; लोहेका बना हुआ। किनारे पहुँचना । (किसीका बेड़ा)-लगना-गुजारा पु० लोहा; परस्त्रीसे उत्पन्न पुत्र; ब्राह्मण और शूद्रासे होना, निर्बाह होना। (किसीसे बेड़ा)-लगना-किया उत्पन्न एक वर्णसंकर जाति । जा सकना हो सकना । -लगाना-नदी आदिके दूसरे पारपद-पु० [सं०] दे० पारिषद' या 'पार्षद'। किनारे पहुँचाना उद्धार करना। (किसीका बेडा)- पारस-पु० एक प्रकारका पत्थर जिसके स्पर्शसे लोहा सोना लगाना-निर्वाह करना। -होना-दूसरे किनारे या | हो जाता है, स्पर्शमणि; बहुत लाभ पहुँचानेवाला पदार्थ, उस पार पहुँचना; काम पूरा कर लेना।
पारस जैसा उत्तम पदार्थ, परसा हुआ भोजन; वह पत्तल पारई*-स्त्री० बड़ा कसोरा।।
जिसमें एक आदमीके खाने भरका भोजन रखा गया हो; पारख-स्त्री० दे० 'परख' । पु० दे० 'पारखी'।
ईरान देश। पारखद-पु० दे० 'पार्षद'।
| पारसव-वि०, पु० दे० 'पारशव' । पारखी-पु० परखनेवाला, वह जिसमें परखनेकी शक्ति है। पारसी-पु० एक अग्नि पूजक जाति । स्त्री० [सं०] फारस पारजात*-पु० दे० 'पारिजात'।
देशकी भाषा। पारण-पु० [सं०] किसी व्रत या उपवासके बादका पहला पारसीक-पु० [सं०] फारस देश; फारस देशका घोड़ा; भोजन (पारण उपवासका अंग माना जाता है); बादल; | फारस देशका निवासी। तृप्ति, संतोष पूरा करना; व्रत या उपवासके बादका भोजन | पारस्परिक-वि० [सं०] आपसका, आपसी । करनेकी क्रिया; पढ़ना, अध्ययन; पुस्तकका सारा विषय । पारस्पर्य-पु० [सं०] (रेसीप्रॉसिटी) व्यवहार में एक दूसरेका वि० पार करनेवाला; उद्धार करनेवाला ।
| खयाल रखना; परस्पर रिआयत करने या सुविधा देनेका
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