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शरीर धारण करना । - बिसरना - सुध-बुध खोदेना, अपनेको भूल जाना ।
देह - पु० [अ०] गाँव । -कान-पु० ग्रामवानी; किसान; गँवार । - क्रानियत - स्त्री० गँवारपन; देहातीपन । देहरा - पु० देवालय, मंदिर; * मनुष्यशरीर । देहरि, देहरी* - स्त्री० दे० देहली' । देहलि, देहली - स्त्री० [सं०] दरवाजेकी चौखटमेंकी नीचेवाली लकड़ी जिसे लाँघकर घर में घुसते निकलते हैं । -दीप, - दीपक - पु० देहलीपर रखा हुआ दीया (जो बाहर-भीतर दोनों ओर प्रकाश फैलाता है); अर्थालंकारका एक भेद । दीपक न्याय - पु० एक तर्कप्रणाली जिसके अनुसार किसी वस्तुसे दो कार्य एक साथ उसी प्रकार सिद्ध हो सकते हैं। जिस प्रकार देहलीपर रखे दीपकसे बाहर-भीतर दोनों ओर उजाला हो जाता है ।
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देहवंत* - वि० शरीरवाला | पु० देहधारी ।
देहांत - पु० [सं०] मृत्यु, मरण ।
देहांतर - पु० [सं०] दूसरा शरीर । - प्रवेश - पु०, - प्राप्ति - स्त्री० (ट्रांसमाइग्रेशन) (आत्माका) एक देह या योनि त्यागकर दूसरी देह या योनि धारण कर लेना । देहात - पु० गाँव, गँवई ।
देहाती - पु० ग्रामवासी, ग्रामीण । वि० गाँवका; गाँवसंबंधी; गाँव में होनेवाला; गंवार | - पन- पु० देहाती होनेका भाव । देहात्मवाद - पु० [सं०] एक दार्शनिक सिद्धांत जिसके अनुसार देह ही आत्मा है, देहसे भिन्न आत्मा नामका कोई पदार्थ नहीं ।
देहात्मवादी ( दिन ) - पु० [सं०] देहात्मवादको मानने वाला, चार्वाक मतका पोषक ।
देहाध्यास - पु० [सं०] देहको आत्मा या देहधर्मको आत्माका धर्म समझनेका भ्रम ।
देहावरण - पु० [सं०] जिरह; वस्त्र ।
देहावसान - पु० [सं०] देहांत, मृत्यु |
देहियाँ, देही - स्त्री० शरीर ।
देही ( हिन्) - पु० [सं०] देहधारी जीव, शरीरी | दैउ* - पु० - आकाशः दैव ।
दैत्य - पु० [सं०] कश्यपके वे क्रूरकर्मा पुत्र जो उनकी पत्नी दिति के गर्भ से उत्पन्न हुए; भीमकाय और अत्यंत बलशाली मनुष्य । - गुरु- पु० शुक्राचार्य । - पुरोधा ( धस ), - पूज्य पु० शुक्राचार्य । - माता (तृ) - स्त्री० दिति । दैत्यारि - पु० [सं०] विष्णुः देवता ।
दैत्येंद्र - पु० [सं०] दैत्योंका राजा । दैनंदिन - अ० [सं०] दिनोंदिन प्रतिदिन । वि० प्रतिदिन होनेवाला, नित्यका ।
दैनंदिनी - वि० स्त्री० [सं०] दे० ' दैनंदिन' । स्त्री० रोजनामचा, डायरी |
दैन
[-पु० [सं०] दीनता; शोक; निर्बलता । वि० दिनसंबंधी; * देनेवाला । * स्त्री० देनेकी क्रिया; दी हुई वस्तु । दैनिक - वि० [सं०] प्रतिदिनका; प्रतिदिन होने या निक लनेवाला; दिन संबंधी - पंजी-स्त्री० (जर्नल) दैनिक घटनाओं (या लेन-धन, क्रय-विक्रय) आदिका विवरण लिखनेकी बही, दैनंदिनी, डायरी |
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देह-दो
दैनिकी - स्त्री० [सं०] (डेली रिपोर्ट) दिन-प्रतिदिन होनेवाली या प्रत्येक दिनकी घटनाओंका विवरण (डायरी) 'दैनंदिनी' ।
दैन्य- पु० [सं०] दीनता, दरिद्रता; कातरता; एक संचारी
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भाव ।
दैवत* - पु० दे० 'दैत्य' ।
दैया - पु० देव, दई । स्त्री० दाई मा । अ० एक आश्चर्य या शोकसूचक शब्द |
दैर्घ, दैर्घ्य - पु० [सं०] दीर्घता, लंबाई, विस्तार | दैव- पु० [सं०] पूर्व जन्ममें उपार्जित कर्म जिसका शुभा शुभ फल वर्तमान जन्ममें भोगते हैं, भाग्य, नियति, अष्ट देवता; ईश्वर; विधाताः आकाश; आठ प्रकारके विवाहों में से एक । वि० देवता-संबंधी; देवताका देवता द्वारा प्रेरित । - गति - स्त्री० ईश्वरीय प्रेरणा; भाग्यका फेर । - ज्ञ - पु० ज्योतिषी । - दुर्विपाक - पु० विधिकी प्रतिकूलता, भाग्यका बुरा फेर, दुर्भाग्य । -पर- वि० जो भाग्यकी दुहाई दे; जो भाग्य के भरोसे बैठा रहे, नियतिवादी । - योग- पु० संयोग, इत्तिफाक । वर्षपु० देवताओंका वर्ष जो १३१५२१ सौर दिनोंका होता है । -वश, - वशात् अ० संयोगसे, अकस्मात् । - वाणी- स्त्री० आकाशवाणी; संस्कृत भाषा । - वादी (दिन) - वि० दे० 'दैवपर' । - विद् - पु० ज्योतिषी । - विवाह - पु० वह विवाह जिसमें कन्या यज्ञ करानेवाले ऋत्विकको ब्याह दी जाय ।
दैवागत- वि० [सं०] आकस्मिक, जो दैवयोगसे हुआ हो । दैवात् - अ० [सं०] संयोगवश, दैवयोगसे | दैविक - वि० हुआ; देवकृत
[सं०] देवता-संबंधी; देवताके निमित्त किया
दैवी ( चिन्) - पु० [सं०] ज्योतिषी ।
देवी- वि० दैवीय, देवता-संबंधी; ईश्वरदत्तः संयोगसे होनेवाला ।
दैवोपहत- वि० [सं०] अभागा, मंदभाग्य । दैशिक - वि० [सं०] देश-संबंधी; देश-जनित | दैहिक - वि० [सं०] देह-संबंधी, शारीरिक; देह-जनित । दाँचना* - स० क्रि० दवाना; दबावमें डालना । दो - वि० एक और एक, एकसे एक अधिक; कुछ । पु० दो की संख्या, २ । - अमली - स्त्री० एक स्थानपर दो राजाओंका शासन, द्वैध शासन । - आब, - आबापु० दो नदियोंके बीचका भूखंड । - एक - वि० कुछ, थोड़े, संख्या में कम । -ग़ला - वि० वर्णसंकर । -गानापु० ( डूएट) वह गाना जिसका कुछ अंश एक व्यक्ति द्वारा और कुछ अन्य व्यक्ति द्वारा क्रम क्रमसे गाया या बजाया जाय । - गुना - वि० दे० 'दुगना' ।-चंद - वि० दुगना । - चार -अ० दे० 'दो एक' । - चित्ता - वि० जिसका ध्यान इधर-उधर बँटा हो । जीवा - स्त्री० गर्भिणी । -टूक- वि० खरा, साफ-साफ । -तरफ़ा - वि० दोनों ओरका; दोनों पक्षोंके अनुकूल । - तला, तल्ला - वि० दो तल्लोंवाला, दो मंजिला । - तारा- पु० एक तरहका दुशाला; दो तारोंवाला एक बाजा | - दस्ती - स्त्री० तलवारका दोहत्था वार; कुश्तीका एक पेंच । वि० दोनों
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