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नैदाघ-नोनी नैदाघ-वि० [सं०] निदाघ संबंधी; निदाधका, ग्रीष्मका। नैसा*-वि० अनिष्ट, बुरा।। नैदाधिक, नैदाघीय-वि० [सं०] दे० 'नैदाघ' । नैसिक, नैसुक* -वि०, अ० दे० 'नेसुक' नैदानिक-वि० [सं०] जो रोगोंका निदान जानता हो। नैहर-पु० स्त्रीके पिताका घर, मायका। पु० रोगका निदान करनेवाला।
नोइनी, नोई-स्त्री० वह रस्सी जिससे दूध दुहनेके समय नैन*-पु० दे० 'नयन' ।-सुख-पु० एक तरहका चिकना गायकी पिछली टाँगें बाँधी जाती हैं। सूती कपड़ा।
नोक-त्री० [फा०] किसी वस्तुका उस ओरका अग्रभाग नैना-पु० नेत्र । अ० क्रि० नयना, झुकना।। जिस ओर वह पतली होती चली गयी हो; किसी चीजका नैनू-पु० एक तरहका बूटेदार सूती कपड़ा; * मक्खन । निकला हुआ बारीक सिरा; किसी ओर निकला हुआ नैपुण, नैपुण्य-पु० [सं०] निपुण होनेका भाव, निपुणता, कोना । -झाँक-स्त्री० सजधज, सजावट, अलंकरण; पटुता, चातुरी, कौशल; वह वस्तु जिसके लिए कौशल ताव, अभिमान; ताना, छींटाकशी, चुटीली बात; छेड़आवश्यक हो; समग्रता, पूर्णता ।
खानी संघर्ष विवाद । -दार-वि० नोकवाला, नुकीला नैमित्तिक-वि० [सं०] निमित्त या शकुनको जाननेवाला;
चुटाला, चुभनेवाला; सजधजका, ठाटका । निमित्त या शकुन-संबंधी शास्त्रको पढ़नेवाला; किसी नोकना*-अ० कि० ललचना; आकृष्ट होना। निमित्तसे किया जानेवाला, जो किसी निमित्तसे या नोकाझाँकी-स्त्री० छींटाकशी, तानाजनी, एक दूसरेको विशेष प्रयोजनको दृष्टिमें रखकर किया जाय (जैसे- चुटीली बातें कहना झगड़ा, विवाद । प्रायश्चित्तके रूपमें किया जानेवाला कर्म या पुत्रेष्टि यज्ञ); नोकीला -वि० दे० 'नुकीला' । आकस्मिक; विशेष कारणसे उत्पन्न ।
नोखा-वि० अनोखा, अद्भुत, अपूर्व । नैयमिक-वि० [सं०] नियमके अनुसार होने या किया नोच-स्त्री० नोचनेका काम या भाव; छीनने या बलपूर्वक जानेवाला।
लेनेका कार्य; किसीको परेशान या बेबस करके उससे बारनैया*-स्त्री० नाव ।
बार कुछ लेना; बहुतसे व्यक्तियोंका कई ओरसे एक साथ नैयायिक-पु० [सं०] न्यायशास्त्रका विद्वान् ।
माँगना । -खसोट-स्त्री० लूटपाट, छीनाझपटी । नैरंतर्य-पु० [सं०] निरंतरत्व, अविच्छिन्नता ।
नोचना-सक्रि० लगी या जमी हुई वस्तुको झटकेके साथ नैर*-पु० नगर, देश।
इस प्रकार खींचना कि वह अपने स्थानसे अलग हो जाय, नरपेक्ष्य-पु० [सं०] निरपेक्ष होनेकाभाव, उपेक्षा, तटस्थता। झटकेसे उखाड़ना या तोड़ना; नख, दाँत आदिसे किसी नैरी-पु० [सं०] निरर्थक होनेका भाव, निरर्थकता। वस्तुके कुछ अंशको खींचकर अलग करना; शरीरपर नख नैराश्य-पु० [सं०] निराश होनेका भाव, नाउम्मेदी; | या पंजेसे इस प्रकार आघात करना कि खरोच पड़ जाय;
आशा या इच्छाका अभाव । -वाद-पु० (पैसिमिज्म) किसीको बेबस करके बार-बार उससे कुछ लेना, किसीको संसारको दुःखमय मानने, प्रत्येक वस्तु या घटनाको फेरमें डालकर बार-बार उससे कुछ न कुछ वसूल करना; नैराश्यपूर्ण दृष्टिसे ही देखनेका सिद्धांत ।
इतना माँगना कि जी ऊब जाय । नैरुक्त, नरुक्तिक-पु० [सं०] निरुक्ति जाननेवाला। | नोचानाची-स्त्री० दे० 'नोचखसोट'। नैरुज्य-पु० [सं०] आरोग्य, स्वस्थता ।
नोचू-वि० नोचनेवाला; नोचखसोट करनेवाला । नैगुण्य-पु० [सं०] निर्गुण होनेका भाव, सत्व आदि गुणों- नोट-पु० [अं०] स्मरणके लिए लिख लेना, टाँकमा संक्षेप से रहित होनेका भाव, निर्गुणत्व; गुणराहित्य ।
छोटा पत्र या लिखा हुआ परचा; किसी घटना आदिके नैघृण्य-पु० [सं०] निर्दयता, निष्ठुरता ।
संबंधमें लिखित टिप्पणी; सरकार द्वारा रुपयेकी जगह नैर्मल्य-पु० [सं०] निर्मलता, स्वच्छता ।
चलाया गया वह कागज जिसपर उतने रुपयोंकी संख्या नैर्लज्य-पु० [सं०] लज्जाहीनता, बेहयाई।
लिखी रहती है जितनेका वह होता है। -पेपर-पु० नैवेद्य-पु० [सं०] देवताको समर्पित की जानेवाला भोज्य पत्र लिखनेका कागज । -बुक-स्त्री० वह पुस्तिका जिसमें
आवश्यक बातें स्मरणार्थ लिख ली जाती है। मैश, नैशिक-वि० [सं०] निशा-संबंधी निशाका। .नोटिस-स्त्री० [अं॰] सूचना; इश्तहार, विज्ञापन । नैश्चल्य-पु० [सं०] निश्चल होनेका भाव, स्थिरता। नोना-पु० नमक । -चा-पु० नमकीन अचार, आमका नैश्चित्य-पु० [सं०] निश्चित होनेका भाव; निश्चित | । एक प्रकारका अचार जो उसकी फाँकों में केवल नमक संस्कार ।
लगाकर तैयार किया जाता है। लोनी जमीन । -छीनैश्श्रेयस, नैश्य सिक-वि० [सं०] दे० 'नैःश्रेयस'। । स्त्री० लोनी मिट्टी। -हरामी*-वि० नमकहराम । नैष्टिक-वि० [सं०] निष्ठावाला; उपनयनसे लेकर मृत्युतक नोना-पु० सीड़के कारण दीवार या जमीन में लगनेवाला ब्रह्मचर्यका पालन करते हुए गुरुकुलमें निवास करनेवाला नमकका अंश; लोनी मिट्टी । वि० जिसमें नमकका अंश (ब्रह्मचारी); किसी व्रतके अनुष्ठान में लगा हुआ; निश्चया- । हो, खारा; अच्छा; सुंदर । त्मक; स्थिर; पारंगत।
नोनाचमारी- स्त्री० एक मशहूर जादूगरनी। नष्ठूर्य-पु० [सं०] निठुराई, निर्दयता ।
नोनिया -पु. एक जाति जो लोनी मिट्टीसे नमक तैयार नैष्ठ्य-पु० [सं०] नियम-निष्ठा; दृढ़ता ।
करती है। स्त्री० एक भाजी जो स्वाद में नमकीन होती है। नैसर्गिक-वि० [सं०] निसर्ग-संबंधी; स्वाभाविक, सहज । नोनी-स्त्री० लोनी मिट्टी; नोनिया नामकी भाजी।
वस्तु ।
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