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नोर- नौबत
वि० [स्त्री० अच्छी; सुंदर ।
नोर* - वि० नया, नूतन । पु० आँसू | नोल* - वि० दे० 'नवल' । + स्त्री० चिड़ियाकी चोंच । नोवना* - स० क्रि० दुहने के समय गायकी पिछली टाँगोंको एक में बाँधना ।
नोहर* - वि० जिसका मिलना कठिन हो, जो बड़ी कठिनाईसे मिले, दुष्प्राप्य अपूर्व, अद्भुत । नौ- स्त्री० [सं०] नाव; जहाज । कर्ण-पु० जहाजकी पतवार । - कर्णधार - पु० पोतचालक । - कर्म (न्) - पु० मलाहकी वृत्ति, माझीका पेशा । -जीविक - पु० माझी । -तरण - पु० (नैविगेशन) दे० 'नौपरिवहन' । - तरणीय - वि० (नैविगेबिल) जिसमें नौका, जहाज आदि चल सकते हों ( वह नदी, तालाब आदि ); नौतार्य । - तार्थ - वि० जो नावसे पार किया जाय । -दंड० डाँड़ा। - नेता (तृ) - पु० वह जो जहाजकी पतवार पकड़े रहे, कर्णधार, नाविक । - परिवहन - पु० ( नैविगेशन ) जहाज आदिमें बैठकर जल-मार्ग से यात्रा करना । - परिवहनविषयक - वि० (नॉटिकल) समुद्र यात्रा, जहाज द्वारा ले जाने या जहाजों, नाविकों आदिसे जिसका संबंध हो । - प्रभार - पु० ( टनेज ) पोत या जहाजपर लाई जा सकने वाले मालका कुल भार; जहाजका खुद अपना भार या उस जलराशिका भार जो समुद्रादिमें संतरण किये जानेपर उसके द्वारा हटायी जाय । -बल-पु० (नेवी ) जलसेना, जहाजीं बेड़ा। - बलाध्यक्ष - पु० ( एडमिरल ) नौबल या नौसेनाका प्रधान सेनापति, नौसेनाका सबसे बड़ा अधिकारी । - विज्ञान - पु० (नॉटिकल साइंस) जहाजों, नाविकों या नौकानयन संबंधी विज्ञान । - साधन - पु० बेड़ा । - सेना - स्त्री० समुद्री लड़ाई लड़नेवाली सेना, जंगी जहाजों पर से लड़नेवाली सेना, जलसेना । -सेनापतिपु० नौसेनाका अध्यक्ष |
नौ - वि० आठ और एक, आठसे एक अधिक । पु० नौकी संख्या, ९ । - कड़ा - पु० प्रतिव्यक्ति तीन-तीन कौड़ियाँ लेकर तीन व्यक्तियों द्वारा खेला जानेवाला एक प्रकारका जुआ । - गरौँ, - गिरिही * - स्त्री० दे० 'नौगही' । -गही, - ग्रही - स्त्री० हाथका एक गहना । - दसी स्त्री० किसानोंकी जमींदारोंसे रुपया लेनेकी एक रीति जिसके अनुसार वे सालभर में ९) के बदले १०) देते हैं । स्त्री० नौ प्रकारकी भक्ति । -नगा-पु० नौ नगोवाला हाथमें पहननेका एक गहना । - मासा - पु० गर्भाधान से नवाँ, मास; इस मास में की जानेवाली रस्म जिसमें मिठाई आदि बँटती है। - रतन - पु० दे० 'नवरल'; नौनगा । स्त्री० खटाई, गुड़, मिर्च, केसर आदि नौ चीजोंसे तैयार की जानेवाली एक प्रकारकी चटनी । -रातर - पु०दे० 'नवरात्र' । - लखावि० जिसकी कीमत नौ लाख हो, नौ लाखका । - सत*पु० सोलहों शृंगार - 'नौसत साजे चली गोपिका गिरिवर पूजा हेतु' - सू० । - सरा- पु० नौ लड़ियोंवाली माला । - सरिया - वि० चालबाज, फरेबी, जालिया । मु० - दो ग्यारह होना - चंपत होना, भाग जाना । नौ* - वि० नव, नया।
बद* - वि० जो हाल में बुरी
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दशा से अच्छी दशाको प्राप्त हुआ हो। -रंग- पु० एक पक्षी; * औरंग-औरंगजेब - शब्दका एक विकृत रूप । - रस - वि० ताजा पका हुआ (फल); नौजवान ।-रूपपु० नीलकी पहली कटाई । - सिख, - सिखिया, - सिखुवा - वि० जिसने अभी सीखना आरंभ किया हो, जिसने अभी हाल में ही सीखा हो ।
नौ - वि० [फा०] नया, हालका, ताजा । -आबाद - वि० हालका बसा हुआ, जहाँ लोग द्दालमें बसे हों । - आबादीस्त्री० नया बसा हुआ स्थान या देश, उपनिवेश । -जवानवि० चढ़ती जवानीवाला, नवयुवक । -जवानी - स्त्री० उठती जवानी चढ़ती युवावस्था । - निहाल - पु० नव• युवक। -बरार पु० वह जमीन जिसपर पहली बार मालगुजारी लगी हो । - बाला - स्त्री० वह लड़की जो हाल में बालिग हुई हो -मुसलिम - वि० जो हाल में ही मुसलमान हुआ हो। -रोज़-पु० ( पारसियोंका ) वर्षका पहला दिन; त्योहार या खुशीका दिन । -शहानावि० दूल्हा जैसा, दूल्हे के समान । - शा, शाह - पु० नौजवान शाह; दूल्हा, वर । -शी- स्त्री० दुलहिन, नववधू |
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नौकर - पु० [फा०] वह कर्मचारी जो वेतन लेकर किसीका काम करे; छोटे-मोटे कामोंको करनेके लिए नियुक्त किया गया वैतनिक सेवक, भृत्य, खिदमतगार । शाही - स्त्री० कर्मचारियों द्वारा संचालित शासन प्रबंध, दफ्तरी हुकूमत । नौकराना - पु० दस्तूरी; वेतन या इनामके रूपमें नौकरको दी जानेवाली रकम; नौकर-खर्च ।
नौकरानी - स्त्री० टहल करनेवाली स्त्री, दासी, भृत्या । नौकरी-स्त्री० नौकरका काम या पेशा, सेवा, मुलाजमत । - पेशा- पु० नौकरी करके जीवन निर्वाह करनेवाला मनुष्य ।
नौका- स्त्री० [सं०] नाव; पोत । - दंड - पु० डाँड़ा। नौकाधिकरण- पु० [सं०] (एडमिरलटी) दे० 'नावधिकरण' । नौछावरी - स्त्री० दे० 'निछावर' |
नौज - अ० ऐसी नौबत न आये, भगवान् न करे; कुछ परवाह नहीं, बलासे (स्त्रि०) [अ० नऊज - हम पनाह माँगते * पु० दे० 'नौजा' । नौजा* - पु० बादाम; चिलगोजा । नौजी - स्त्री० लीची । नौतन* - वि० दे० 'नूतन' |
नौतम - वि० बिलकुल नया; ताजा - 'तुम सतगुरु मैं नौतम चेला' - कबीर । पु० नम्रता । नौता* - वि० नया । पु० दे० 'न्योता' । नौधा* - वि० नौ प्रकारकी (भक्ति) । नौन* - पु० नमक ।
नौना - अ० क्रि० नत होना, झुकना; नम्र होना । * वि० सुंदर ।
नौबत - स्त्री० [फा०] बारी; गत, दुर्दशा; स्थिति, योग; हालत, दशा, उत्सव, मंगल आदि सूचित करनेवाला बाजा; समय-समय पर बजने वाला बाजा; धौंसा, नगाड़ा । - खानापु० नौबत बजानेका फाटकके ऊपरका कमरा या स्थान । -नवाज़ - पु० नक्कारची । मु०-की टकोर - धाँसेकी
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