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बनाया जाता है ।
परिसंपद् - स्त्री० [सं०] ( असेट्स ) ( किसी महाजन या व्यापारिक संस्था आदिकी) वह संपत्ति तथा पावना आदि जिससे (उसका ) देय या ऋण चुकाया जा सके । परिसमापक - पु० [सं०] (लिक्विडेटर ) किसी प्रमंडल, व्यापारिक संस्था आदिका देना-पावना ले-देकर उसका कार बार समाप्त करनेवाला अधिकारी । परिसमापन - पु० [सं०] (लिक्विडेशन) किसी व्यापारिक संस्था, प्रमंडल आदिके देने-पावनेका हिसाब चुकाकर उसका कारबार समाप्त करना; ऋण आदि पूरी तरह चुका देना । परिसमाप्ति - स्त्री० [सं०] पूर्ण समाप्ति; ( टरमिनेशन) किसी चलते हुए काम, छुट्टी, रेलपथ आदिकी समाप्ति या अंत हो जाना ।
परिसर - पु० [सं०] (नदी, नगर, पर्वत आदिके) आसपासकी भूमि; विधान, नियम; स्थिति, मोका; मृत्युः एक देवता; इधर से उधर जाना, हिलना-डोलना । परिसरण - पु० [सं०] चारों ओर घूमना, पर्यटन | परिसीमन - पु० [सं०] (डीलिमिटेशन) किसी स्थान, क्षेत्र, प्रदेश आदिकी सीमा स्थिर करना । परिसीमा - स्त्री० [सं०] चौहद्दी; अवधि, हद, अंतिम सीमा । परिस्तरण - पु० [सं०] छितराना, फैलाना; आवरण । परिस्तान - पु० [फा०] परियोंका देश, परियोंका लोक । परिस्थिति - स्त्री० [सं०] आसपास, चारों ओरकी स्थिति,
अवस्था ।
परिस्पर्द्धा - स्त्री० [सं०] दे० 'प्रतिस्पर्द्धा' | परिस्पर्धी (नि) - वि० [सं०] दे० 'प्रतिस्पद्धीं' | परिस्फुट - वि० [सं०] सुस्पष्ट; अच्छी तरह विकसित । परिस्फुरण - पु० [सं०] कंपन; कलीयुक्त होना, कलीका निकलना ।
परिस्यंद - पु० [सं०] चूना, रिसना; दे० 'परिष्यंद' | परिस्राव - पु० [सं०] चारों ओरसे चूना, टपकना या रिसना; एक रोग जिसमें मलके साथ-साथ पित्त और कफ गिरता है ( आ० वे० ) ।
परिस्रावण - पु० [सं०] वह बरतन जिसमें से साफ किया जानेवाला पानी टपकाते हैं ।
परिसावी (विन्) - वि० [सं०] चूने, टपकने या रिसनेवाला; बहनेवाला | पु० एक प्रकारका भगंदर | परिस्त - वि० [सं०] टपका हुआ, रसा हुआ । परिस- पु० ईर्ष्या, डाह ।
परिहरण - पु० [सं०] त्यागना, तजना; दूर करना, निवारण; छीन लेना, अपहरण करना । परिहरणीय- वि० [सं०] परिहरणके योग्य | परिहरना* - स० क्रि० छोड़ना, त्यागना । परिहस* - पु० दे० 'परिहास'; दुःख । परिहस्त- पु० [सं०] हाथका छरुला । परिहार - पु० [सं०] ( एवॉइड ) त्याग करने, छोड़ देनेकी क्रिया; बचा जाने या प्रयोग न करनेकी क्रिया; (रेमीशन) अनावृष्टि आदि संकटके कारण दी जानेवाली कर या लगानकी माफी, छूट; ऋण या ढंड आदिमें की गयी कमी; दोष आदिको दूर करना, दोषका निराकरण; गाँवके चारों
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परिसंपद्- परीक्ष्यमाण
ओर जनता की ओरसे परती छोड़ी हुई जमीन (स्मृति); पराजित शत्रुसे छीनी हुई वस्तुएँ; अनादर, अवज्ञा; खंडन; किसी कुकृत्यका प्रायश्चित्त करना; राजपूतोंका एक वंश जो अग्निवंशके अंतर्गत माना जाता है ।
परिहारना * - स० क्रि० दूर करना; प्रहार करना, मारना । |परिहार्य - वि० [सं०] परिहार करने योग्य, त्यागने या निवारण करने योग्य ।
परिहास-पु० [सं०] हँसी, मजाक |
परी - स्त्री० घी, तेल निकालनेकी कलछी, पली; [फा०] पुरानी कथाओं के अनुसार अवश्य होने तथा जहाँ चाहे वहाँ जा सकने आदिकी शक्तिसे युक्त उड़नेवाली परम सुंदर स्त्रियाँ जिनका निवासस्थान कोहकाफ पहाड़ माना जाता है (फारसी-उर्दूकी कवितायें इन्हें सुंदर स्त्रियोंका उपमान बनाया गया है); अति रूपवती स्त्री (ला०) । - ख़ाना - पु० परियों या हसीनोंके रहनेका स्थान । -जाद - पु०परीका वच्चा । वि० हसीन, सुंदर, खूबसूरत । परीक्षक - पु० [सं०] परीक्षा करने या लेनेवाला, परखनेवाला, जाँचनेवाला ।
परीक्षण - पु० [सं०] परीक्षा करने या लेनेकी क्रिया, जाँच, परख; राजाके मंत्री, चर आदिके दोषादोषकी जाँच करना । -काल- पु० ( प्रोवेशन) कोई कर्मचारी कामके योग्य है या नहीं, इसकी जाँच या परख करनेका समय । - नलिका - स्त्रो० ( टेस्ट ट्यूब ) परीक्षणके काम आनेवाली शीशे (काँच) की नलिका, परखनली । परीक्षना* - स० क्रि० परीक्षा लेना । परीक्षा - स्त्री० [सं०] किसीके गुण, दोष, योग्यता, शक्ति आदिकी सच्ची जानकारी के लिए उसे अच्छी तरह देखनाभालना -परख या किसीके गुण, दोष, योग्यता आदिका पता लगानेके लिए किया जानेवाला काम, इम्तहान; तर्क, प्रमाण आदिके द्वारा किसी वस्तुके तत्त्वका निश्चय करना; किसी वस्तुका ऐसा प्रयोग जो उसके बारेमें कोई विशेष बात निश्चित करनेके लिए किया जाय; विद्यार्थियों या उम्मीदवारोंकी योग्यताकी वह विशेष प्रकारको जाँच जिसमें उनसे मौखिक या लिखित रूपमें प्रश्न पूछे जाते हैं; अभियुक्तकी सदोषता या निर्दोषता अथवा साक्षीकी सचाई या झुठाईका निर्णण करनेकी एक प्राचीन रीति । -काल - पु० परीक्षाका समय। - भवन- पु० ( इग्जामिनेशन हॉल) वह कमरा या घर जिसमें परीक्षार्थी परीक्षा देते समय बैठते हैं, परीक्षा देनेका स्थान । -शुल्क- पु० परीक्षा के निमित्त लिया जानेवाला द्रव्य । परीक्षार्थी (र्थिन् ) - पु० [सं०] ( इग्जामिनी) परीक्षा देने
वाला ।
परीक्षालय - पु० [सं०] (इग्जामिनेशन हॉल) वह भवन या स्थान जहाँ बैठकर परीक्षार्थियोंको परीक्षा देनी पड़े। परीक्षित - वि० [सं०] जिसकी परीक्षा ली गयी हो, जाँचा हुआ, आजमाया हुआ । पु० ( इग्जामिनी ) वह व्यक्ति जिसकी परीक्षा ली जाय या जो परीक्षा में बैठा हो । परीक्षित् पु० [सं०] पांडुकुलके एक प्रसिद्ध राजा जो अभिमन्युके पुत्र और अर्जुनके पौत्र थे । परीक्ष्यमाण - वि० [सं०] (प्रोवेशनर) (वह कर्मचारी) जिसकी
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