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परदादा-परमार्थ या परदे में रहनेका नियम होना; दुराव-छिपाव होना। परभाइ-पु० दे० 'प्रभाव' । (परदे के पीछे-छिपे-छिपे। -परदे-गुप्त रीतिसे,छिपे- परभात*-पु० दे० 'प्रभात' । छिपे।-में छेद होना-परदेके पीछे व्यभिचार होना। परभाती-स्त्री० दे० 'प्रभाती'। -में रखना-स्त्रियोंको सबके सामने न होने देना; गुप्त परभाव-पु० दे० 'प्रभाव' । रखना। -में रहना-स्त्रियोंका घरसे बाहर न निक- परम-वि०[सं०] सर्वोत्कृष्ट; सर्वोच्च; मुख्य; सबसे पहलेका, लना; स्त्रियोंका सबके सामने न होना; छिपा रहना आद्य; अत्यधिक; अतिगूदा सबसे खराब हद दर्जेका । पु० बाहर न निकलना (व्यंग्य)।
ओंकार; शिवः विष्णु; वह जो मुख्य या सर्वोच्च हो। परदादा-पु० दादाका बाप, प्रपितामह ।
-गति-स्त्री० उत्तम गति, मुक्ति। -तत्त्व-पु० मूलपरदोस*-पु० दे० 'प्रदोष'; भारी दोष ।
तत्त्व, ब्रह्म । -धाम (न्)-पु० वैकुंठ । -पद-पु० परधान*-वि० दे० 'प्रधान' । पु० दे० 'परिधान'; मंत्री, | सबसे उच्च पद या स्थान; मुक्ति । -पिता (तृ)-पु० नायक; माया; बुद्धि।
परमेश्वर । -पुरुष,-पूरुष-पु० परमात्मा; विष्णु । परन-पु० मृदंग आदिके प्रधान बोलोंके बीचमें बजाये -ब्रह्म (न्)-पु० दे० 'परब्रह्म । -भट्टारक-पु० जानेवाले बोलोंके टुकड़े; * प्रण टेकपत्ता । * स्त्रीण्टेव, चक्रवती राजाओंकी एक प्राचीन उपाधि । -भट्टारिकाआदत । -कुटी-स्त्री०, -गृह-पु० झोपड़ी।
स्त्री० पटरानियों की एक प्राचीन उपाधि । -रस-पु० परना*-अ० क्रि० दे० 'पड़ना'।
तक्र, मट्ठा । -वीरचक्र-पु० भारतीय गणतंत्रमें शत्रुके परनाना-पु० नानाका पिता (स्त्री० परनानी)।
सम्मुख असाधारण वीरता प्रदर्शित करनेपर भारत-सेनाके परनामा-पु० दे० 'प्रणाम'।
किसी वीरको दिया जानेवाला 'विक्टोरिया क्रास'के ढंगका परनाला-पु० घरके गंदे पानी और गलीजके बहनेका । प्रथम श्रेणीका उपहार । -श्रेष्ठ-वि० (हिज़ एक्सलेंसी) मार्ग, नाबदान, मोरी।
दे० 'महामहिम', तत्रभवान् । -सत्ता-स्त्री० (ऐबसाल्यूट परनाली-स्त्री० छोटा परनाला; घोड़ोंकी पीठका कंधों और पावर) अनियंत्रित शक्ति या अधिकार, पूर्ण तथा अबाध पुट्ठोंकी अपेक्षा नीचा होना जो उनके तेज होनेका लक्षण | सत्ता। -हंस-पु. एक प्रकारका संन्यासी। माना जाता है।
परमांगना-स्त्री० [सं०] अच्छी स्त्री। परनि*-स्त्री० आदत, टेव ।
परमा-स्त्री० शोभा; सौंदर्य । + पु० प्रमेह रोग । परनीत-स्त्री० प्रणति, प्रणाम ।
परमाक्षर-पु० [सं०] ॐकार । परपंच*-पु० दे० 'प्रपंच'।
परमाणु-पु० [सं०] (ऐटम) पृथ्वी, जल, तेज और वायुका परपंचक*-वि० प्रपंच करनेवाला; फसादी; धूर्त ।
वह सबसे छोटा भाग जिसके और टुकड़े न हो सकें। परपंची*-वि० दे० 'परपंचक' ।
किसी पदार्थका वह सबसे छोटा टुकड़ा जिसके और टुकड़े परपट-पु० चौरस मैदान ।
न हो सकें।-बम-पु० [हिं०] यूरेनियमसे तैयार किया परपटी-स्त्री० दे० 'पर्पटी'।
जानेवाला एक महाविध्वंसक बम जिसका आविष्कार परपरा*-वि० चरपरा; 'पर-पर' आवाजके साथ टूटनेवाला। द्वितीय महायुद्धके समाप्तिकाल में हुआ (इसी बमके प्रहारपरपराना -अ० क्रि० मिर्च आदि तीखी वस्तुओंके स्पर्शसे से जापानने मित्र-सेनाओंके सामने घुटने टेक दिये)। जीभ आदिका जलनेसा लगना, चुनचुनाना ।
-वाद-पु० न्याय और वैशेषिक दर्शनका यह मत कि परपराहट-स्त्री० परपरानेकी क्रिया या भाव ।
संसारकी सृष्टि परमाणुओंसे हुई है। (ऐटमिज्म) परमाणुओंपरपूठा-वि० पक्का, दृढ़ ।
से वस्तुओंके निर्माण तथा परमाणुओंके कार्यों, प्रभावादिपरपोता-पु० पोतेका पुत्र, प्रपौत्र ।
का विवेचन करनेवाला सिद्धांत । -वादी(दिन)-पु० परफुल्ल, परफुल्लित*-वि० दे० 'प्रफुल्ल' ।
परमाणुवादको माननेवाला। परबंध*-पु० दे० 'प्रबंध'।
परमात्मा (स्मन्)-पु० [सं०] परमेश्वर । परब-पु० दे० 'पर्व' । स्त्री०किमी रत्नका छोटा टुकड़ा। परमाद्वैत-पु०[सं०] सभी भेदोंसे रहित परमात्मा विष्णु । परबत-पु० दे० 'पर्वत'।
परमाधिकार-पु०[सं०] (प्रेरोगेटिव) दे० 'विशिष्टाधिकार'। परबत्ता-पु० पहाड़ी तोता ।
परमानंद-पु० [सं०] उत्तम आनंद; उत्तम आनंदरूप परबल*-वि० दे० 'प्रबल' । पु० एक तरकारी। परमात्मा । परबाल-पु० पल कपर निकला हुआ वह अनावश्यक बाल | परमान-पु०प्रमाण, विश्वास परिमाण सत्य बात; अवधि । जो बहुत पीड़ा पहुँचाता है। * दे० 'प्रवाल'।
परमानना*-स० क्रि० प्रमाणरूपमें ग्रहण करना, प्रमाण परबी-स्त्री० पर्वका दिन; त्योहारी ।
मानना; अंगीकार करना; मानना, विश्वास करना । परबीन*-वि० दे० 'प्रवीण'।
परमायु (स)-स्त्री० [सं०] सर्वाधिक आयु । परबेस*-पु० दे० 'प्रवेश'।
परमार-पु० राजपूतोंका एक वंश। परबोध*-पु० दे० 'प्रबोध' ।
परमारथ*-पु० दे० 'परमार्थ'। परबोधना*-स० क्रि० प्रबुद्ध करना, जगाना; शानका | परमार्थ-पु० [सं०] उत्कृष्ट बस्तु; नित्य और अबाधित
उपदेश देना, समझाना-बुझाना, सांत्वना देना। पदार्थ; यथार्थ तत्त्व; सत्य; मोक्ष ब्रह्म ।-वादी(दिन)परभा*-स्त्री० दे० 'प्रभा'।
पु० वेदांती, तत्त्वज्ञ । -विद्-पु० ब्रह्मज्ञानी, दार्शनिक । २९
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