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पटिया - पठाना
पटिया - स्त्री० चौकोर और समतल कटा हुआ पत्थरका लंबोतरा टुकड़ा; काठकी तख्ती; खाटकी पाटी; छोटा हेंगा; लंबा और कम चौड़ा खेत; * सिरके सँवारे हुए बाल । पटी - स्त्री० [सं०] यवनिकाः * कपड़ेकी पट्टी; कमरबंद । पटीर- पु० [सं०] खेलनेका गेंद; चंदन; कत्था; * बड़का पेड़ । पटीलना - स० क्रि० समझा-बुझाकर किसीको अपनी राय में करना; पीटना कमाना; काम पूरा करना । पटु - वि० [सं०] कुशल, प्रवीण, चतुर, चालाक; नीरोग । पटुता - स्त्री०, पटुत्व - पु० [सं०] दक्षता, कुशलता । पटुली - स्त्री० झूलेकी तख्ती; चौकी । पटुवा - पु० पटसन; करेमू । पटूका* - पु० दे० 'पटका' । पटेरा - पु० दे० 'पटेला'; दे० 'पटैला' ।
पटेल - पु० गाँवका मुखिया; गाँवका नंबरदार । पटेलना - स० क्रि० दे० 'पटीलना' |
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पेटी; लिखना सीखने की लकड़ीकी लंबोतरी और चौरस पटरी, पटिया, तख्ती; सबक, सीख, शिक्षा; हानिकर शिक्षा (ला० ) ; बहकानेवाली सीख; खाटकी पाटी; कपड़ा, कागज या धातुका पतला और लंबा टुकड़ा; धाव आदिपर बाँधनेका कपड़ेका लंबा और पतला टुकड़ा; पत्थरका लंबा, पतला और कम मोटा टुकड़ा; छाजनके ठाट में लगायी जानेवाली लकड़ीकी लंबी बल्ली; कपड़े की किनारी; उन कई धज्जियों में से एक जिन्हें एक में मिलाने से टाट या कोई ( ऊनी कपड़ा (पट्टू आदि) बनता है; नावके बीचो-बीचका तख्ता; चने, तिल आदिको चाशनी में मिलाकर बनायी जानेवाली एक प्रकारकी पपड़ी; घुटने के नीचेसे लेकर टखनेतक पाँव में लपेटी जानेवाली सूती या ऊनी कपड़े की धज्जी; माँगके दोनों ओर कंघी से जमायी जानेवाली बालोंकी तह; पाँत; छाजनकी कड़ियोंकी पाँत; संपत्ति या मिलकियतका एक भाग, पत्ती; ऐसी जमींदारीका एक भाग जो कई हिस्सेदारोंकी संयुक्त संपत्ति हो; किसी एक पट्टीदार के हिस्सेकी जमींदारी; वह कर जिसे जमींदार किसी कार्य के लिए द्रव्य एकत्र करने के निमित्त असामियोंपर लगाता है। -दार पु० वह जो किसी संयुक्त संपत्ति के किसी भागका स्वामी हो; किसी संपत्ति में अपना हिस्सा रखनेवाला; किसी बात में किसीके बराबर अधिकार रखनेवाला व्यक्ति, बराबरका अधिकारी या हकदार । - दारी - स्त्री० पट्टियाँ होनेका भाव; किसी वस्तुका कई पट्टीदारोंकी संपत्ति होना; पट्टीदार होनेका भाव; समान अधिकार रखनेका भाव; संपत्ति या अधिकार में बराबरका अधिकारी होने का दावा; किसी विषय में दूसरे के बराबर अधिकार रखनेका दावा; कई पट्टीदारोंकी संयुक्त संपत्ति । मु० - जमाना - माँगके दोनों ओरके बालोंको इस प्रकार सँवारना कि उनकी तह बैठ जाय । - दारी करना - समान अधिकार रखनेका दावा करना; पट्टीदारीका प्रश्न खड़ा करके किसीके काम में बाधा पहुँचाना; बराबरी करना । - पढ़ाना - बहकानेवाली शिक्षा देना । - में आना- किसीकी धूर्ततापूर्ण बातों में फँस जाना । पट्ट - पु० एक प्रकारका ऊनी कपड़ा । पद्वैत- पु० पटैत; मूर्ख मनुष्य । पटुमान * - वि० पढ़ने योग्य ।
पटेला - पु० वह नाव जिसका बीचका भाग पटा हो; एक प्रकारकी घास; पटेरा; हेंगा; जमीन चौरस करनेका गोला, भारी पत्थर; कुश्तीका एक पेंच ।
पटेली - स्त्री० छोटा पटेला ।
पटैत- पु० पटेबाज |
पटैला - पु० पटेला; अर्गला, ब्योंड़ा ।
पटोर - पु० एक प्रकारका कपड़ा; रेशमी कपड़ा । पटोरी - स्त्री० रेशमी चादर या साड़ी । पटोल - पु० [सं०] एक प्रकारका कपड़ा; परवल । पट्ट - पु० 'पट' की आवाज; [सं०] पटिया, तख्ती, प्लेट; पीठ, पीढ़ा; शासन, दानपत्र आदि खुदवाने की ताँबे आदिकी पट्टी; मालिककी ओरसे असामी आदिको दिया जानेवाला भूमि आदिके उपयोगका अधिकारपत्र; घावपर Nath पट्टी, कपड़े आदिका लंबा पतला टुकड़ा; पगड़ी; चक्की; चौराहा; नगर; किसी चौरस चीजकी सतह; रेशम; दुपट्टा राजसिंहासन; सिल; एक पहनावा; बारीक या रंगीन कपड़ा; ढाल; पटसन । वि० मुख्य; औंधा । -कीटपालन - पु० (सेरिकल्चर) दे० 'कोशकीटपालन' । - देवी, महिषी, - राशी - स्त्री० पटरानी । - विलेख-पु० (लीजडीड) वह विलेख जिसमें किसी भूमि या संपत्ति के उप भोग-संबंधी अधिकार किसीको दिये जानेकी शर्तें, पट्टेकी शर्ते, विवरण आदि रहता है। -शाक-पु० पटुवा । पट्टक - पु० [सं०] तख्ती; राजाज्ञा खुदवानेका ताम्रादिका पट्ट घावपर बाँधने की पट्टी; दस्तावेज |
पट्टन - पु० [सं०] शहर ।
पट्टांशुक - पु० [सं०] रेशमी वस्त्र ।
पट्टा - पु० किसी स्थावर संपत्तिके उपयोगका अधिकारपत्र, सनद; पालतू कुत्ते, बिल्ली आदिके गलेमें लगायी जानेवाली पट्टी; पीढ़ा; चपरास; पुरुषोंके सिरके पीछेकी ओरके बराबर कटे बाल; चमड़ेका कमरबंद; वंक्षण । ( पट्टे ) - पछाड़ - पु० कुश्तीका एक पेंच । पट्टिका - स्त्री० [सं०] पटिया, तख्ती, प्लेट, कपड़ेका टुकड़ा या चीरा; रेशमी कपड़ेका टुकड़ा या चीरा; घावपर बाँधने की पट्टी । - लोध्र- पठानी लोध । पट्टी - स्त्री० पठानी लोध; ललाटका एक गहना; घोड़ेकी पठाना* - स० क्रि० भेजना ।
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पट्टा - पु० युवा, तरुण, चढ़ती जवानीवाला मनुष्य, पशु आदि; कुश्तीबाज जवान; लंबा और मोटे दलका पत्ता; मांसपेशियोंको एक दूसरीसे और हड्डियोंसे जुड़ी रखनेवाली मोटी नस; एक तरहका मोटा गोटा जो कुछ सुनहला और कुछ रुपहला होता है। -पछाड़ - वि० ( वह स्त्री) जो पट्टको भी पछाड़ दे, बहुत बलवती (स्त्री) । पट्टी-स्त्री० दे० 'पठिया' ।
पठन- पु० [सं०] पढ़नेकी क्रिया, पढ़ना; ( रीडिंग ) दे० 'वाचन'; वर्णन करना । - शील- वि० जो बहुत पढ़े । पठनीय - वि० [सं०] पढ़ने योग्य । पठनेटा-पु० पठानका बेटा ।
पठवाना * - स० क्रि० भेजवाना ।
पठान - पु० मुसलमानोंकी एक प्रसिद्ध उपजाति ।
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