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पठानिन-पण्याजीवक पठानिन-स्त्री० पठानकी या पठान जातिकी स्त्री। पड़िया-स्त्री० भैसका मादा बच्चा । पठानी-स्त्री० पठानकी या पठान जातिको स्त्री; पठानका | पडोnt-y० परवल खेखसा । स्वभाव; पठानपन । वि० पठानका; पठान-संबंधी। पड़ोस-पु० किसीके घरके पासके घर, प्रतिवेश; किसीके पठार-पु० दूरतक फैली हुई चौरस और ऊँची जमीन । । घरके आसपासकी जगह । पठावनि*-स्त्री० दे० 'पठावनी'।
पड़ोसी, पडौसी-पु० पड़ोसमें रहनेवाला । पठावनी-स्त्री० किसी कार्यके लिए किसीको कहीं भेजनापदंत-स्त्री०निरंतर पढ़ना; जादू । किसीको कहीं भेजने या पहुँचानेकी उजरत ।
पड़ता-वि०, पु० पढ़नेवाला। पठित-वि० [सं०] पढ़ा हुआ।
पढ़त-स्त्री० (रीडिंग) दे० 'वाचन' । पठिया-स्त्री० जवान और हृष्ट-पुष्ट औरत ।
पढ़ना-स० क्रि० लिखे हुए अक्षरों या शब्दोंका क्रमसे पठीना -सक्रि० पठाना, भेजना।
उच्चारण करना; पुस्तक या लेख आदिको इस प्रकार पठौनी-स्त्री० दे० 'पठावनी' ।
देखना कि उसमें लिखे हुए शब्द समूहका अर्थ या भाव पव्यमान*-वि० पढ़ने योग्य ।
समझमें आ जाय; मन ही मन जपना; बोल-बोलकर पड़छती, पढ़छत्री-स्त्री० पानीकी बौछारसे बचानेके लिए याद करना, धोखना; जादू करना; तोता-मैना आदिका
कच्ची दीवारपर रखी या लगायी जानेवाली छाजन या टट्टी। सिखाये हुए शब्दोंका उच्चारण करना; नयासबक सीखना; पड़ता-पु० किसी मालकी खरीद या तैयारीका खर्चा | सीखना । मु०-लिखना-शिक्षा प्राप्त करना। विक्रीके दामोंसे लागत छाँटकर होनेवाली बचत; औसत पढ़वाना-स० कि० किसीको पढ़ने में प्रवृत्त करना। दर; लगानकी दर । मु०-निकालना-फैलाना,- पढ़वयाt-पु० पढ़ने या पढ़ानेवाला । बैठाना-लागतका विचार कर भाव निश्चित करना। पढ़ाई-स्त्री० पढ़नेका काम, पठन पढ़नेका भाव; विद्योपड़ताल-स्त्री० पड़तालनेका काम या भाव; निरीक्षण, जाँच पार्जन, शिक्षा; पढ़ानेका काम, पाठन पढ़ानेका भाव (यह शब्द प्रायः 'जाँच' शब्दके साय ही प्रयुक्त होता है); पढ़ानेका तर्ज; अध्ययनका ढंग; पढ़ानेके बदले दिया पटवारी या कानूनगो द्वारा की जानेवाली खेतोंकी एक जानेवाला धन, पढ़ानेकी उजरत ।। विशेष प्रकारकी जाँच जिसमें बोयी हुई फसल, उसे बोने- पढ़ाना-स० वि० शिक्षा देना, शिक्षित बनाना, कोई वालेका नाम, सिंचाई आदिका ब्योरा लिखा जाता है। विषय या बात सिखाना तोता-मैना आदिको किसी शब्द पड़तालना-सक्रि० जाँच करना; छानबीन करना। या शब्द-समूहका उच्चारण करना सिखाना। पड़ती-स्त्री० दे० 'परती।
पढ्या-पु० पढ़ने या पढ़ानेवाला। पड़ना-अनि. गिरना; कहीं यकायक जा पहुँचना; असर पण-पु० [सं०] ११ या २० माशेके बराबर एक पुराना होना; खाली न जाना; आना; डाला था पहुँचाया जाना; | सिका, ताँबेका एक पुराना सिक्का जो अस्सी कौड़ियोंके बिछाया, रखा जाना; घटनाका रूप प्राप्त करना; घटित बराबर होता था; जुआ; बाजी; बाजी लगायी हुई चीज होना; ब्याहा जाना; स्थित होना; दखल देना; शरीक प्रतिज्ञा; इकरार; मजदूरी, पारिश्रमिक वेतन; मूल्य; होना; टिकना, ठहरमा, मुकाम करना; लेटना बीमार धन; बेचनेकी चीज, विक्रय वस्तु; न्यवहार । -क्रियाहोना; मिलना पड़ता खाना; आमदनी, लाभ आदिका | स्त्री० (बेटिंग) बाजी लगानेका कार्य, पणन। . पड़ता होना; प्रसंग प्राप्त होना; उपस्थित होना; राहमें पणन-पु० [सं०] खरीदने-बेचनेकी क्रिया; बाजी लगाना, मिलना; निकल आना, पैदा होना; होना; हो जाना; | शर्त लगाना; प्रतिज्ञा करना; इकरार करना, कौल करना। तीव्र इच्छा होना; धुन सवार होना; नियत किया जाना, पणव-पु०, पणवा-स्त्री० [सं०] छोटा ढोल; एक वर्णवृत्त । मुकर्रर होना; बन जाना। (किसीपर पड़ना-आफत पणवानक-पु० [सं०] नगाड़ा।
आना, विपत्ति आना । क्या पड़ी है-क्या मतलब है ?) पणांगना-स्त्री० [सं०] वेश्या । पड़पड़ाना-अ० क्रि० 'पड़-पड़' शब्द होना; मिर्च आदि पणासी*-वि० विनाशक-'हौं जव ही जब पूजन जात
तीखी वस्तुओंके स्पर्शसे जीभका जलनेसा लगना । पिता पद पावन पाप-पणासी'-राम । पड़पड़ाहट-स्त्री० पड़पड़ानेकी क्रिया या भाव ।
पणित-वि० [सं०] खरीदा या बेचा हुआ जिसकी बाजी पड़वा-स्त्री० दे० 'परिवा' । पु० दे० 'पड़वा'।
लगायी गयी हो; स्तुत । पु० बाजी। पडवी -स्त्री० वैशाख या ज्येष्ठमें बोयी जानेवाली एक पण्य-वि० [सं०] क्रय-विक्रयके योग्य व्यवहार या प्रकारकी ईख।
व्यापारके योग्य । पु० विक्रेय वस्तु, सौदा, रोजगार, पड़ा-पु० भैसका बच्चा, पँड़वा ।
व्यापार मूल्य, दाम, दुकान। -क्षेत्र-पु०,-भूमिपदापढ़-स्त्री. 'पड़-पड़' की आवाज। अ० 'पड़-पड़' की स्त्री० (मारकेट) वस्तुएँ बेचने-खरीदनेका स्थान, बाजार । आवाजके साथ।
-पति-पु० बहुत बड़ा व्यापारी। -पत्तन-पु० मंडी। पडाव-पु० सेना, काफिला या पथिकोंका रातभर या कुछ -योषित-विलासिनी-स्त्री० वेश्या । -वाहक नौका समयके लिए मार्गमें कहीं ठहरना; सेना या पथिकोंका | -स्त्री० (कारगो बोट) माल ढोनेवाली नाव । -वीथि,यात्राके बीचका अस्थायी ठहराव यात्रियोंके ठहरनेकी वीथिका-वीथी,-शाला-स्त्री० बाजार; दुकान । जगह, टिकान । मु०-मारना-पड़ाव डाले हुए काफिले | पण्यांगना-स्त्री० [सं०] वेश्या । या यात्री-दलको लूटना; कोई भारीसाहसका काम करना। पण्याजीवक-पु० [सं०] व्यापारी ।
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