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निष्काश - निसबत
बिना किसी कारण के होनेवाला, अहेतुक । अ० विना किसी कारणके, अकारण - बंधु - पु० वह जो बिना किसी प्रकार के स्वार्थ के बंधुता रखे, स्वार्थरहित बंधु - वैरी (रिन् ) - पु० वह जो अकारण वैरभाव रखे । freera, निष्कास - पु० [सं०] बाहर करना, निकालना । निष्कासन - पु० [सं०] बाहर करना, निकालना, निःसारण । निष्कासित - वि० [सं०] बाहर किया हुआ, निकाला _हुआ, निःसारित; रखा हुआ; नियुक्त; विकसित । निष्किचन - वि० [सं०] दे० 'अकिंचन' | निष्किल्विष - वि० [सं०] पापरहित, निर्दोष । निष्कीटन - पु० [सं०] (स्टेरिलाइजेशन) रासायनिक प्रक्रिया आदिकी सहायता से किसी वस्तुको जीवाणुओं या कीटा ओंसे रहित कर देना; दे० 'वंध्यीकरण' | निष्कीटित - वि० [सं०] (स्टेरेलाइज्ड) किसी प्रक्रिया द्वारा जिसके कीटाणु नष्ट कर दिये गये हों; वंध्यीकृत । निष्कुल- वि० [सं०] जिसके कुलमें कोई न रह गया हो । निष्कुलीन - वि० [सं०] नीच कुलका ।
निष्कृत - वि० [सं०] निकाला हुआ; मुक्त; हटाया हुआ; निष्पाप - वि० [सं०] पापरहित ।
उपेक्षित; क्षमित । पु० प्रायश्चित्त मिलनस्थान । निष्कृति - स्त्री० [सं०] निस्तार, पाप आदि से मुक्ति, छुटकारा; उद्धार; प्रायश्चित्त; उपेक्षा; दुराचरण । -धन- पु० (रैनजम) किसीको छुटकारा या मुक्ति देनेके बदले दबाव डालकर वसूल किया जानेवाला धन । निष्कृप - वि० [सं०] जिसमें दया न हो, निर्दय, निष्ठुर । निष्क्रम - वि० [सं०] बिना क्रमका, अक्रम । पु० बाहर
निकलना; जातिच्युति । - पत्र- पु० ( पासपोर्ट ) दे० 'पारपत्र' | - मार्ग - ५० बाहर निकलने या जानेका रास्ता । निष्क्रमण - पु० [सं०] दे० 'निष्क्रम' | निष्क्रय - पु० [सं०] खरीद; वेतन, भृति; भाड़ा; किसी वस्तुके बदले में दी जानेवाली रकम या वस्तु, बदला; छुटकारे के लिए दिया जानेवाला द्रव्य ( कौ० ) । निष्क्रयण- पु० [सं०] छुटकारे के लिए दी जानेवाली रकम । निष्क्रांत - वि० [सं०] जिसका निष्क्रमण हो चुका हो; निर्गत ।
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निष्क्रांतों की संपत्ति - स्त्री० ( इवैकुई प्रापटी ) ( जान मालके संकट से बचने के लिए ) जो लोग अपना पूर्व-स्थान छोड़कर अन्यत्र चले गये हों उनके द्वारा अपने पीछे छोड़ी हुई संपत्ति ।
निष्क्रिय - वि० [सं०] जो कुछ भी न करे- धरे; विहित कर्मों को न करनेवाला; जिसमें या जिससे कार्य या व्यापार न हो, क्रियारहित । - प्रतिरोध-पु० शासककी ओर से होनेवाले दमनका प्रतिकार न कर उसकी अनुचित आज्ञा या कानूनका उल्लंघन (पैसिव रेसिस्टेंस) । निष्क्रियता - स्त्री० [सं०] निष्क्रिय होनेकी दशा या भाव। निष्ठ - वि० [सं०] ( समासांतमें) स्थित, निर्भर; संलग्न; तत्पर; में विश्वास करनेवाला ।
निष्ठा - स्त्री० [सं०] स्थिति; आधार; एकाग्रता, तत्परता; दृढ़ता; अनुराग; श्रद्धा; विश्वास; पूरा होना, निष्पत्तिः नाश; क्लेश; निर्वाह; याचना; व्रत; निश्चय । निष्ठावान् (वत्) - वि० [सं०] निष्ठावाला |
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निष्ठीव, निष्ठीवन- ५० [सं०] खखार आदिको मुँह से बाहर निकालना, थूकना; थूक
निष्ठुर - वि० [सं०] कड़ा, कठोर; परुषः कड़े दिलका; निर्दय, बेरहम |
निष्ठ्यत वि० [सं०] उगला हुआ; बाहर निकाला हुआ;
उक्त |
निष्ण, निष्णात - वि० [सं०] कुशल, प्रवीण, निपुण | निष्पंक - वि० [सं०] जिसमें पंक न हो, पंकरहित । निष्पंद - वि० [सं०] गतिहीन, स्थिर |
निष्पक्ष - वि० [सं०] जो किसी पक्षका न हो, जिसमें पक्षपात न हो ।
निष्पत्ति - स्त्री० [सं०] उत्पत्ति; पूरा किया जाना, समाप्ति; सिद्धिः परिपाक, नाद की अंतिम अवस्था (हठयोग); निर्वाह । निष्पत्र - वि० [सं०] पत्तोंसे रहित; बिना पंखका । निष्पन्न - वि० [सं०] जो पूरा किया जा चुका हो, समाप्त | निष्पादक - पु० [सं०] निष्पादन करनेवाला | निष्पादन - पु० [सं०] निष्पन्न करनेकी क्रिया, तामील ।
निष्पुत्र - वि० [सं०] पुत्रहीन, जिसके पुत्र न हो । निष्प्रभाव - वि० [सं०] जिसका कोई प्रभाव न रह गया हो, जिसका प्रभाव नष्ट या रुद्ध कर दिया गया हो, अप्रभावी ।
निष्प्रभ - वि० [सं०] जिसमें चमक न हो, द्युतिहीन; जिसमें तेज न हो, विवर्ण ।
निष्प्रयोजन - वि० [सं०] जिससे कोई प्रयोजन न सिद्ध हो, व्यर्थ; बिना किसी मतलबका । अ० वृथा, बिना किसी मतलब के ।
निष्प्रेही * - वि० दे० 'निस्पृह' ।
निष्फल - वि० [सं०] जिसका कुछ फल न हो; जिससे कुछ अर्थ न सिद्ध हो; बेकार, बिना फलका । निष्फला - स्त्री० [सं०] वह अधिक अवस्थावाली स्त्री जिसे रजोधर्म न होता हो, विगतार्तवा स्त्री । निसंक* - वि० दे० 'निःशंक' । निसंग* - वि० दे० 'निस्संग' | निसँठ - वि० धनहीन, दरिद्र । निसंस* - वि० दे० 'नृशंस' | निसँस* - वि० दे० 'निसाँसा' | निसँसना* - अ० क्रि० हॉफना ।
निस* - स्त्री० निशा, रात । -कर- पु० चंद्रमा । - द्योस - अ० दे० 'निसवासर' । -वासर-अ० रात-दिन, सर्वदा । पु० रात और दिन ।
निसक - वि० शक्तिहीन, कमजोर । निसचय, निसचै* - पु० दे० 'निश्चय' । निसत* - वि० असत्य, मिथ्या, झूठा ।
निखतरना* - अ० क्रि० निस्तार पाना, मुक्ति पाना, छुट
कारा पाना, चचना ।
निसतार* - पु० दे० ' निस्तार' ।
निसतारना * - स० क्रि० उद्धार करना, मुक्त करना । निसबत - स्त्री० [अ०] लगाव, संबंध, वास्ता; तुलना । अ० संबंध में ।
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