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निरर्थ - निराशा
हो, प्रतिबंधरहित; जिसकी गति, प्रवाह अवरुद्ध न हो, निरहेतु* - वि० दे० 'निर्हेतु' |
स्वच्छंद, अबाध; निर्विघ्न ।
निरर्थ - वि० [सं०] दे० 'निरर्थक' |
निरर्थक - वि[सं०] जिसका कुछ अर्थ न हो, बेमतलब; निष्प्रयोजन, निष्फल, व्यर्थ, बेकाम । निरवकाश - वि० [सं०] जिसे या जिसमें अवकाश न हो। निरवच्छिन्न- वि० [सं०] जिसका सिलसिला न टूटे, निरंतर ।
निरवद्य - वि० [सं०] दोषरहित, विशुद्ध; उत्कृष्ट; अनिंद्य । निरवधि-वि० [सं०] जिसकी कोई सीमा न हो, अपार, निःसीम |
निरवयव - वि० [सं०] अंगरहित, पूर्ण; निराकार । निरवलंब - वि० [सं०] जिसे कोई सहारा न हो, असहाय । निरवशेष - वि० [सं०] संपूर्ण, समग्र । निरवसाद - वि० [सं०] प्रसन्न, हृष्ट । निरवाना- स० क्रि० निरानेका काम दूसरेसे कराना । निरवारना * - स० क्रि० निवारण करना, हटाना; प्रतिबंधभूत वस्तुको दूर करना;मुक्त करना, छुड़ाना; खोलना, उलझी हुई वस्तुको सुलझाना; छितराना; अलग करना, तजना, त्यागना; तय करना, फैसला करना । निरवाह * - पु० दे० 'निर्वाह' । निरवाहना-स० क्रि० दे० 'निबाहना' | निरवेद* - पु० दे० 'निर्वेद' ।
निरशन - वि० [सं०] जिसने कुछ खाया पिया न हो । पु० भोजनका अभाव, उपवास । निरसंक* - वि० दे० 'निशंक' |
निरस - वि० [सं०] जिसमें रस न हो, स्वादहीन, फीका, बेमजा; जो आनंद न दे; रूखा-सूखा ।
निरसन - पु० [सं०] फेंकना, दूर हटाना, अपसारण; निवारण; खंडन, ( पहलेका आदेश ) रद्द करना, प्रत्याख्यान; वमन करना; दूर करना, निराकरण; नाश; वध; (रिपील) किसी विधि आदिको अधिकार पूर्वक या वैध रीतिसे रद्द कर देना ।
निरसित - वि० (रिपील्ड ) ( विधि, अधिनियम आदि ) जिसका निरसन कर दिया गया हो । निरस्त - वि० [सं०] दूर हटाया हुआ, निवारितः वमन किया हुआ; थूका हुआ; फेंका हुआ; अलग किया हुआ, त्यक्त; खंडित; जिसका नाश किया गया हो; जिसका उच्चारण शीघ्रताके साथ किया गया हो । निरस्त्र - वि० [सं०] जिसके पास हथियार न हो, बिना हथियारका निहत्था ।
निरस्त्रीकरण - पु० [सं०] (डिस-आर्ममेंट) अस्त्रविहीन करना;
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शस्त्रास्त्रोंकी संख्या घटाना । निरस्त्रीकृत - वि० [सं०] (डिम आर्ल्ड) जिसके हथियार छीन लिये गये हों, जो अस्त्रहीन कर दिया गया हो । निरस्थि - वि० [सं०] जिसमेंसे हड्डी निकाल दी गयी हो; बिना हड्डीका ।
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निरहंकार, निरहंकृत, निरहंकृति - वि० [सं०] जिसमें अभिमान न हो; जिसमें शरीर, इंद्रिय आदिके प्रति 'यह मेरा है' यह भावना न हो ।
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निरहेल * - वि० जिसकी अवहेलना हो, जिसका आदर न हो, तुच्छ, निकृष्ट
निरा-दि० बिना मिलावटका, विशुद्ध; एकमात्र एकदम, कोरा, निपट |
निराई-स्त्री० निरानेको क्रिया; निरानेकी उजरत । निराकरण - पु० [सं०] दूर हटाना, निवारण; दूर करना, परिहार, खंडन, निरसन; ( एब्रोगेशन ) राजा, प्रधान शासक या अधिकारी द्वारा किसी विधि, अध्यादेश, संधि आदिका रद्द कर दिया जाना ।
निराकांक्ष - वि० [सं०] जिसे किसीकी अपेक्षा, इच्छा न हो; इच्छारहित, निरपेक्ष ।
निराकार - वि० [सं०] जिसका कोई आकार या रूप न हो, भद्दा, कुरूप; विनम्र | पु० परमात्मा । निराकुल- वि० [सं०] व्याप्त; भरा हुआ; जो घबराया न हो, धीर, शांत, * बहुत घबराया हुआ - 'व्याकुल बाहु, निराकुल बुद्धि - राम० ।
निराकृत - वि० [सं०] जिसका निराकरण किया गया हो । निराखर* - वि० दे० 'निरक्षर' ।
निराग (स्) - वि० [सं०] निष्पाप; निरपराध निराचार - वि० [सं०] आचारहीन | निराजी - स्त्री० जुलाहोंके करघेकी एक लकड़ी | निराट* - वि० निरा, कोरा; एकमात्र । अ० बिलकुल - 'कोउक होत निराट दिगम्बर' - सुंदर० ।
निराडंबर - वि० [सं०] जिसमें ढोंग न हो; बिना नगाड़ेका । निरादर - वि० [सं०] अपमानजनक; आदररहित । पु० आदरका अभाव; अपमान ।
निराधार - वि० [सं०] बिना आश्रयका, असहाय; बेबुनि याद, अयथार्थ, अमूल ।
निरानंद - वि० [सं०] आनंदरहित । पु० आनंदका अभाव; दुःख ।
निराना स० क्रि० पौधोंकी बढ़तीको रोकनेवाली अनावश्यक घास, तृण आदिको खुरपीसे खोदकर दूर करना । निरापद् - वि० [सं०] आपत्तिसे रहित, निर्विघ्न, सुरक्षित निराप, निरापुन - वि० जो अपना न हो, परकीय | निरामय - वि० [सं०] नीरोग; स्वस्थ; निर्दोष । निरामिष - वि० [सं०] मांसरहित; * मांस न खानेवाला । - भोजी ( जिन्) - वि० मांस न खानेवाला । निरायुध - वि० [सं०] जिसके पास हथियार न हो, निरख । निरार, निरारा* - वि० अलग, जुदा । निरालंब - वि० [सं०] दे० 'निरवलंब' । पु० ब्रह्म । निराला - पु० निर्जन स्थान, एकांत स्थान । वि० जहाँ कोई बस्ती या मनुष्य न हो, विजन, एकांत, जो अपने ढंगका अकेला हो, विलक्षण; बेजोड़, अनुपम, अद्वितीय । निरावना * - स० क्रि० 'निराना' । निरावरण- वि० [सं०] आवरणरहित, खुला हुआ । निरावृत्त - वि० [सं०] जो ढँका न हो । निराश - वि० [सं०] जिसे आशा न हो, हताश । निराशा - स्त्री० [सं०] आशाका अभाव, नाउम्मेदी | -वाद- पु० संसारको दुःखमय मानने तथा प्रत्येक वस्तु
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