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निर्मोक-निर्विकल्प
४१८ निर्मोक-पु० [सं०] साँपकी केंचुल; छोड़ना, त्यागना, -संघ,-समूह-पु० (एलेक्टरेट) निर्वाचकोंका समूह या मोचन; शरीरके ऊपरका चमड़ा, खाल; कवच; आकाश वर्ग ।-मण्डल-पु० (एलेक्टोरल कॉलेज) जनता द्वारा सावर्णि मनुके एक पुत्र ।
चुने गये प्रतिनिधियोंका वह दल या समूह जो बाद में निर्मोक्ष-पु० [सं०] पूर्ण मोक्ष ।
लोक-सभा आदिके निर्दिष्टसंख्यक सदस्योंका अप्रत्यक्ष निर्मोचन-पु० [सं०] मुक्ति, छुटकारा ।
निर्वाचन करे। -सची-स्त्री० (एलेक्टोरल रोल) निर्वानिर्मोल*-वि० अनमोल, बहुमूल्य ।
चनमें भाग लेनेकी अर्हता रखनेवाले मतदाताओंके नाम, निर्मोह-वि० [सं०] मोह या अज्ञानसे रहित; ममता, पेशे, उम्र आदिका ब्योरा बतानेवाली सूची।
दयासे शून्य, निष्ठुर, बेदर्द । पु० रैवत मनुके एक पुत्र । निर्वाचन-पु० [सं०] 'वोट' द्वारा चुनना, चुनाव । निर्मोहिया-वि० दे० 'निमोह' ।
-केंद्राध्यक्ष-पु० (प्रिजाइडिंग ऑफिसर) किसी एक निर्मोही-वि० दे० 'निर्मोह' ।
निर्वाचन केंद्र में मतदान आदिकी देखभाल तथा व्यवस्था निर्याण-पु० [सं०] निकलना, बाहर जाना, कूच, प्रस्थान करनेवाला अधिकारी। -क्षेत्र-पु० चुनावका हलका । (विशेषतः सेनाका); प्राणका निकलना; पशुओंको बाँधने -पदाधिकारी-पु० (रिटर्निग ऑफिसर) किसी निर्वा
या छाननेकी रस्सी; हाथीकी आँखका कोना; मोक्ष; लोहा । चन-क्षेत्रके निर्वाचनकी निगरानी, व्यवस्था आदि करने निर्यात- वि० [सं०] जो बाहर गया हो, जिसने प्रस्थान वाला तथा मतोंकी गणना कराकर उसका परिणाम प्रकट किया हो । पु० बेचनेके लिए बाहर भेजा जानेवालामाल; करनेवाला अधिकारी, चुनाव-अधिकारी। बाहर जाना या भेजना। -कर-पु० निर्यातपर लगाया निर्वाचित-वि० [सं०] जिसका निर्वाचन किया गया हो, जानेवाला कर।
'वोट' द्वारा चुना हुआ। निर्यातक-पु० [सं०] (एसपोर्टर ) व्यापारिक वस्तुएँ निर्वाच्य-वि० [सं०] न कहने योग्य निदोष; जिसपर विदेशोंको भेजनेवाला व्यापारी।
आपत्ति न की जा सके। निर्यातन-पु० [सं०] बदला लेना, प्रतिशोध; प्रतीकार, निर्वाण-वि० [सं०] बुझा हुआ (दीपक आदि); मृत; विनिमय किसीकी धरोहर उसे लौटा देना, प्रतिदान; ऋण जो अस्त हो गया हो, अस्तंगत; मुक्त; शांत; अचल, आदि चुकाना; मारण ।
स्थिर । पु० बुझना; अस्त होना, अस्तमन; (हाथीको) निर्याति-स्त्री० [सं०] प्रस्थान, गमन; मृत्यु; मोक्ष । नहलाना, धोना; गजमज्जन; मोक्ष, परम गति; शांति निर्यास-पु० [सं०] स्वतः या काटनेपर वृक्षों आदिमेंसे
विनाश; संगम; सुख, निर्वृति; एक मात्रागण (छंद); निकलनेवाला रस, गोंद; किसी वस्तुमेंसे निकलनेवाला
परम आनंद । पानी, रस आदि काढ़ा, काथ; अर्क।
निर्वात-वि० [सं०] जहाँ हवा न चलती हो, बायुसे निर्लज-वि० [सं०] लज्जारहित, बेशर्म, बेहया।
रक्षित; शांत। निलिंग-वि० [सं०] जिसमें कोई परिचायक चिह्न न हो। निर्वार्य-वि० [सं०] जो निःशंक होकर परिश्रमपूर्वक कर्म निर्मित-वि० [सं०] जो किसी विषय में लिप्त न हो। | करे जिसका निवारण न हो सके । निलेप-वि० [सं०] जिसपर कलई न की गयी हो; जो निर्वास, निर्वासन-पु० [सं०] देश निकाला; मारण, किसी वस्तु या विषयमें आसक्त न रहे, आसक्तिरहित; विमनः विमन uatus
जो किसीसे कुछ संबंध न रखे, उदासीन । पु० संत, ऋषि । निर्वासित-वि० [सं०] नगर, देशसे निकाला हुआ। निर्लोम-वि० [सं०] लोभरहित, संतोषी।
निर्वाह-पु० [सं०] किसी चली आती हुई वस्तुका बना निर्वश-वि० [सं०] जिसकी वंशपरंपरा उसीके शरीरसे
रहना; किसी कार्यको पूरा करना, निष्पादन; पूरा किया समाप्त हो जाय, जिसका वंश उच्छिन्न हो गया हो।
जाना, समाप्ति; (प्रतिज्ञा आदिको) पूरा करना, पालन, निर्वक्तव्य-वि० [सं०] दे० 'निर्वचनीय'।
निबाहना; गुजारा। -भृति-स्त्री० (लिविंग वेज) वह निर्वचन-वि० [सं०] मौन, चप; आपत्तिरहित निदोष ।
भृति या वेतन जिसपर कर्मचारी और उसका परिवार पु० निरुक्ति; उच्चारण; उक्ति, कहावत; शब्द-सूची; (इंटर- सुखसे जीवन-निर्वाह कर सके। -व्यय-पु० (कॉस्ट प्रेटेशन) किसी शब्द, पदसमूह या वाक्यादिका अपनी ऑफ मेनटेनेस) जीवन निर्वाहका-भोजन-वस्त्रादिकासमझके अनुसार अर्थ लगाना, व्याख्या करना।
व्यय । निर्वचनीय-वि० [सं०] जिसका निर्वचन किया जा सके, निर्वाहक-वि० [सं०] निर्वाह करनेवाला । जो लक्षण आदिके द्वारा समझाया जा सके ।
निर्वाहण-पु० [सं०] पूरा करना, निभाना; ऐसी वस्तुओंनिर्वसन-वि० [सं०] वस्त्रहीन ।
को नगरमें ले जाना जिनके आयातपर प्रतिबंध लगा हो । निर्वसु-वि० [सं०] दरिद्र ।
निर्वाहना*-स० क्रि० दे० 'निबाहना' । निर्वहण-पु० [सं०] समाप्ति निबाहना, निर्वाह; नाटककी निर्विकल्प-वि० [सं०] विकल्पसे रहित । पु० ज्ञाता ज्ञय प्रस्तुत कथाकी समाप्ति । -संधि-स्त्री० नाटकमें प्रयुक्त आदिके विभाग तथा विशेष्य-विशेषणके संबंधसे रहित वह होनेवाली पाँच संधियों में से एक ।
ज्ञान जिसमें केवल ब्रह्म और आत्माकी एकरूपताका निर्वाक(च)-वि० [सं०] मौन, चुप ।
अखंड बोध होता हो (वे०); एक प्रकारका प्रत्यक्ष ज्ञान निर्वाचक-पु० [सं०] निर्वाचन करनेवाला, वह जो निर्वा जिसमें किसी विषयका केवल इसी रूपमें ज्ञान होता है
चन करे, वह जिसे मताधिकार प्राप्त हो । -गण,-वर्ग, कि यह कुछ है, नाम, जाति आदिसे ससृष्ट रूपमें नहीं
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