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धात्विक मूल्य-धा
धाविक मूल्य - पु० [सं०] ( इंट्रिजिक वैल) किसी सिक्के आदिका वास्तविक मूल्य- वह मूल्य जो बाजारभाव के अनुसार उसमें मिली हुई धातुका मूल्य हो और जो उसपर अंकित मूल्यसे कम या अधिक हो सकता है । धातवीय - वि० [सं०] धातु-संबंधी; धातु से बना हुआ । धान - पु० एक प्रसिद्ध अन्न जिसका चावल प्रधान खाद्यों में गिना जाता है, तुषयुक्त चावल, शालि; इसका पौधा । धाना* - अ० क्रि० दौड़ना; (ला० ) वेगसे चलना; दौड़धूप
करना ।
धानी - वि० धानकी हरी पत्ती के रंगका, जो रंग में धानकी हरी पत्ती जैसा हो, हलके हरे रंगका । स्त्री० धानकी हरी पत्तीके रंगका एक रंग, तोतई; एक रागिनी; * धान्य; भूना हुआ जौ; [सं०] आधार, पात्र; अधिष्ठान, स्थान ( जैसे राजधानी, यमधानी ) ।
धानुक - पु० धनुर्धर, कमनैत; धुनिया । धानुष्क- पु० [सं०] धनुर्धर, धन्वी, तीरंदाज ।
धान्य - पु० [सं०] अन्न; सतुप अन्न; धान; धनिया; चार तिलका एक प्राचीन परिमाण । - मुख- पु० चीर-फाड़ के कामका एक पुराना औजार ( सुश्रुत ) । -संग्रह - पु० अन्नका भंडार ।
धान्योत्तम - पु० [सं०] शालि, धान ।
धाप - पु० कोसका आधा, एक मं.ल; वह फासला जो एक साँसमें दौड़कर पार किया जा सके। स्त्री० तृप्ति, संतोष । धापना* - अ० क्रि० तेज' चलना; दौड़ना; तृप्त होना, अघाना - 'बातों के पकवानसे धापा नाहीं कोय' - साखी । स० क्रि० तृप्त करना, संतुष्ट करना ।
धाबा - पु० मकानकी हमवार छत; ऐसी छतवाला मकान; बासा, होटल ।
धाम (न्) - पु० [सं०] गृह, घर, वासस्थान, अधिष्ठान; किरण, तेज, प्रभा; प्रताप, प्रभाव; वह स्थान या लोक जहाँ किसी देवताका निवास हो; देवस्थान; पारिवारिक सदस्यः सेना, समूह; अवस्था; वर्ग; शरीर, तन; जन्म; परमेश्वर ।
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बाई धार' - सू० । - दार- वि० धारवाला, जिसमें धार हो । मु०- बँधना - इस प्रकार गिरना कि धार बन जाय । - बाँधना - इस प्रकार गिराना कि धार बँध जाय; मंत्र आदिकी शक्तिसे किसी हथियारकी काटने की शक्तिको कुंठित कर देना ।
| धारक - वि० [सं०] धारण करनेवाला । पु० वह जो धारण करे; ऋण लेनेवाला, कर्जदार; वह वस्तु जिसमें कोई वस्तु रखी जाय, पात्र; कलश, घड़ा; संदूक आदि । धारण- पु० [सं०] किसी वस्तुको ग्रहण करना या उसका आधार बनना, पकड़ना, थामना या लेना, आधान; पहनना; ऋण या उधार लेना; अवलंबन, ग्रहण या स्वीकार करना; खाना या पीना; सुरक्षित रखना, बनाये रखना, रक्षण, पालनः स्मरण रखना ।
धारणा - स्त्री० [सं०] ग्रहण, रक्षण, पालन आदि करनेकी क्रिया; मस्तिष्क में कोई वस्तु धारण करनेकी शक्ति; विचार, निश्चित मति । - शक्ति - स्त्री० मस्तिष्क में ग्रहण करनेकी शक्ति ।
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धामक धूमक- स्त्री० धूम-धाम, ठाट-बाट । धामनिका, धामनी-स्त्री० [सं०] दे० 'धमनी' । धामस धूमस - स्त्री० धूम-धाम; जंजाल । धामिन - पु० एक तरहका साँप जिसकी पूँछ में विष रहता है। धायँ - स्त्री० गोला- गोली दगनेका शब्द । धायें - अ० लगातार 'धायें' की आवाज के साथ; इस प्रकार (जलना) कि लपटें ऊपर उठें (जैसे-चिता 'धायें धायें' जल रही है) । धाय - स्त्री० बच्चे को दूध पिलाने और उसकी देख-भाल करनेके लिए नियुक्त स्त्री, उपमाता, धात्री । पु० धत्र वृक्ष | धायना* - अ० क्रि० दौड़ना । धार - पु० [सं०] जमा किया हुआ वर्षाका जल जो बड़ा गुणकारी होता है; धाराके रूपमें जलका बरसना, जोरकी वर्षा ऋण । स्त्री० [हिं०] तलवार आदिका वह तेज किनारा जिससे कुछ काटते हैं, बाढ़; किसी द्रव पदार्थ के गिरने या बहने की परंपरा, प्रवाह, स्रोत; छापा, डाका; सेना, फौज; देवी या पवित्र नदी आदिको दिया जानेवाला अर्घ्यं । *अ० ओर, तरफ - 'महरि पैठत सदन भीतर छींक
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धारणावधि - स्त्री० [सं०] (टेन्यूर) वह समय या अवधि जबतक कोई पद, संपत्ति आदि धारण की जाय या उसका उपभोग किया जाय ।
धारणीय - वि० [सं०] धारण करने योग्य | पु० धरणीकंद | धारन* - पु० धारण करनेवाला, धारक । धारना* - स० क्रि० धारण करना; ऋण लेना । धारयिता (तृ) - पु० [सं०] धारणकर्ता धारण करनेवाला । धारा - स्त्री० [सं०] किसी द्रव पदार्थके बहने या गिरनेकी परंपरा, प्रवाह, धार; क्रम, सिलसिला । - घर - पु० बादल; तलवार । -निपात-पात-पु० जलधाराका गिरना; भारी वृष्टि । - प्रवाह - वि० धारारूप में अविराम गति से बहने या चलनेवाला ( भाषण इ० ) । अ० अविराम गतिसे; अविच्छिन्न रूपमें । - यंत्र - पु० फौवारा । - वाहिक - वाही (हिन्) - वि० अविच्छिन्न गतिवाला; लगातार होने या जारी रहनेवाला । धारा - स्त्री० ( सेक्शन ) किसी अधिनियम आदिका वह स्वतंत्र अंग या भाग जिसमें किसी एक विषयकी सब बातें या आदेश एक साथ सन्निविष्ट हों, दफा; क़ानून, विधान । - सभा - स्त्री० (लेजिस्लेटिव कौंसिल) व्यवस्थापिका सभा । धारि* - स्त्री० धार; समुदाय, झुंड; सेना ।
धारिणी - स्त्री० [सं०] पृथ्वी । वि० स्त्री० धारण करनेवाली; जिसपर किसीका ऋण हो, कर्जदार (स्त्री) ।
धारी- पु० एक वर्णवृत्त । स्त्री० कपड़े आदिपरको लकीर; * समूह; सेना । - दार- वि० जिसमें धारियाँ हो । धारी (रिन्) - वि० [सं०] धारण करनेवाला | धारोष्ण - वि० [सं०] तुरंतका दुहा हुआ (दूध ), ताजा और गरम ।
धार्तराष्ट्र- पु० [सं०] धृतराष्ट्रका वंशज; काली चोंच और काले पैरोंवाला हंस |
धार्मिक - वि० [सं०] धर्म संबंधी; धर्म करनेवाला; क्षमा, दया आदिसे युक्त, पुण्यात्मा, धर्मात्मा, धर्मशील | धार्य - वि० [सं०] धारण करने योग्य; सह्य
धा
- पु० [सं०] घृष्टता, ढिठाई, उद्दंडता, अविनय ।
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