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नर्मठ - नवाज़
भला । -दिल- वि० कोमल हृदयवाला । नर्मठ - पु० [सं०] परिहास - कुशल मनुष्य, मसखरा; जार । नर्मदेश्वर - पु० [सं०] नर्मदा में पाया जानेवाला एक शिवलिंग |
नर्मी - स्त्री० [फा०] नर्म होनेका भाव ।
नल-पु० पानी, हवा आदिको एक स्थान से दूसरे स्थानतक ले जानेके लिए धातु, काठ आदिका बना इंडेके आकारका पोला लंबोतरा टुकड़ा; एकमें जोड़े हुए ऐसे बहुत से टुकड़े; वह नल जिसके द्वारा घरोंमें पानी पहुँचाया जाता है; पेशावकी नली; * आदमी; [सं०] निषध देशके एक प्राचीन और प्रसिद्ध चंद्रवंशी राजा जिनका विवाह विदर्भनरेश भीमकी कन्या दमयंती से हुआ था; रामकी सेनाका एक भट जिसने नीलके सहयोगसे समुद्रपर पत्थरका पुल बाँधा था । -कूप- पु० [हि० ] ( ट्यूबवेल) खेतों आदिमें जमीन के भीतर बैठाया गया नल, जिसका एक सिरा उस गहराईतक पहुँचता है जहाँ पानी रहता है । नलनी * - स्त्री० दे० 'नलिनी' । नलिका - स्त्री० छोटा और पतला नल, नली; [सं०] नली नामका_गंधद्रव्य; जुलाहों का कपड़ा बुननेका एक औजार; एक प्राचीन. अस्त्र ।
नलिन - पु० [सं०] कमल; कुमुद; सारस; नील; जल । नलिनी - स्त्री० [सं०] कमलिनी; वह जलाशय जिसमें कमलकी प्रचुरता हो; कमलोंका समूह; नली नामका गंधद्रव्य नदी ।
नली - स्त्री० छोटा और पतला नल; बंदूक में वह लंबा छेद जिसमें से होकर गोली बाहर आती है; नलके आकारको पतली हड्डी; [सं०] मैनसिल; नलिका नामक गंधद्रव्य । नलुआ-पु० पशुओं का एक रोग; छोटा नल; बाँसकी पोर । नलोपाख्यान - पु० [सं०] राजा नलकी कथा | नल्लिका - स्त्री० (पिपेट) किसी द्रव पदार्थका थोड़ा सा अंश एक पात्रसे निकालकर दूसरे पात्रमें डालने, गिरानेके लिए प्रयुक्त पतली छोटी नली (रसा० वि० ) । नव - वि० [सं०] नया, नूतन । जात-वि० तुरंतका पैदा हुआ, नया। ज्वर - ५० वह ज्वर जो अभी हाल में आरंभ हुआ हो, तरुण ज्वर । तन* - वि० नूतन, नया । - नी - स्त्री० ताजा मक्खन । -नीत- पु० दे० 'नवनी' । - प्रसूता - स्त्री० वह स्त्री जिसे हाल में ही बच्चा पैदा हुआ हो। मल्लिका - स्त्री० चमेली; नेवारी नामका फूल; इसका झाड़ । - यौवन- पु० नयी जवानी, चढ़ती जवानी । - यौवना - स्त्री० वह स्त्री जिसकी चढ़ती जवानी हो, तरुणी । रंग-वि० [हिं०] खिलते हुए सौंदर्यवाला, अभिनव छविसे युक्त; नवीन रूप या शोभासे युक्त । - रंगी - वि० [हिं०] नित्य नये रंगमें रँगा रहनेवाला, रँगीला । -वधू - स्त्री० नवविवाहिता स्त्री, नयी दुलहिन । - शिक्षित - वि० जिसने अभी हाल में कोई कला या विद्या सीखी हो; जिसने आधुनिक शिक्षा प्राप्त की हो । - संगम - पु० पति और पत्नीका प्रथम मिलन, प्रथम समागम । - सर* - वि० नयी उम्रका | दे० 'नव ( न् ) ' के साथ । - ससि* - पु० द्वितीयाका चंद्रमा । - सिखा - वि० [हिं०] दे० 'नौसिखुआ। ' ।
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नव (न्) - वि० [सं० ] नौ । पु० नौकी संख्या, ९ । - कुमारी - स्त्री० नवरात्र में पूजी जानेवाली नी कुमारियाँ । - खंड - पु० पृथ्वी के नौ विभाग - भारत, इलावृत्त, किंपुरुष, भद्र, केतुमाल, हरि, हिरण्य, रम्य और कुश । - ग्रह - पु० नौ ग्रह - सूर्य, चंद्र, भौम, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु । - दुर्गा - स्त्री० दुर्गा के नौ विग्रहशैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री | -द्वार - पु० शरीरके नौ छिद्र जो प्राणके निकलने के नौ मार्ग हैं- दो नेत्र, नाकके दोनों छिद्र, मुख, दो कान और दो गुप्तेंद्रियाँ । द्वीप - पु० बंगालका एक प्राचीन विद्याकेंद्र, नदिया | - धातु-स्त्री० नौ प्रकारकी धातुएँ । - निधि - स्त्री० कुबेरकी नौ निधियाँ - पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुंद, कुंद, नील और खर्व । - रत्नपु० नौ प्रकारके रल - मोती, मानिक, वैदूर्य, गोमेद, हीरा, मूँगा, पद्मराग, पन्ना और नीलम; राजा विक्रमादित्य की सभा के प्रख्यातः नौ विद्वान् धन्वंतरि क्षपणक, अमरसिंह, शंकु, वेतालभट्ट, घटखर्पर, कालिदास, वराहमिहिर और वररुचि, नौ प्रकारके रत्नोंवाला हार । - रस- पु० साहित्य में प्रसिद्ध नौ प्रकारके रस - शृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स, अद्भुत और शांत । -रात्र -५० नौ दिनोंमें समाप्त होनेवाला यज्ञ, व्रत, अनुष्ठान आदि; चैत्र और आश्विन में शुट्टा प्रतिपदासे नवमी तक के नौ दिन जिनमें दुर्गा की विशिष्ट पूजा की जाती है। -सत - वि०, पु० दे० 'नवसप्त' । -सप्तवि० सोलह । पु० सोलह शृंगार - सर- पु० [हिं०] नौ लड़का हार | मु० - सत सजना या साजना - सोलद्दों
शृंगार करना ।
नवक - पु० [सं०] नौ सजातीय वस्तुओंका समाहार । नवका* - स्त्री० नौका |
नवता - स्त्री०, नवत्व- पु० [सं०] नया होनेका भाव,
नयापन ।
नवति - वि० [सं०] अस्सी और दस । स्त्री० नब्बेकी संख्या | नवधा- अ० [सं०] नौ प्रकारसे नौ भागोंमें, नौ टुकड़ों या खंडोंमें। -भक्ति-स्त्री० नौ प्रकारकी या नौ प्रकार से की जानेवाली भक्ति - श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद सेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्मनिवेदन । नवन * - पु० झुकना, नमन । नवना* - अ० क्रि० झुकना; नम्र होना ।
नवनि* - स्त्री० झुकनेकी क्रिया या भाव; नमन; नम्रता । नवम - वि० [सं०] नवाँ ।
नवमी - स्त्री० [सं०] पक्षकी नवीं तिथि ।
नवल - वि० नवीन, नया; रँगीला, सुंदर; नयी उम्रका, युवा । - किशोर - पु० कृष्ण । नववर, नववरि* - स्त्री० दे० 'न्योछावर' | नवाँ - वि० नवम, आठवेंके ठीक बादका । नवा - वि० नया ।
नवाई * - वि० नया । स्त्री० नम्रता ।
नवागत वि० [सं०] नया-नया या हालका आया हुआ । नवाज़ - वि० [फा०] कृपा करनेवाला, कुपालु, दयावान् ।
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