Book Title: Jain Shasan 1996 1997 Book 09 Ank 01 to 48
Author(s): Premchand Meghji Gudhka, Hemendrakumar Mansukhlal Shah, Sureshchandra Kirchand Sheth, Panachand Pada
Publisher: Mahavir Shasan Prkashan Mandir
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: श्री नासन (Azils) मूल्य तीन-तीन सो रुपये है । छपाई उत्तम और स्पष्ट है, फ रीडिंग सावधानीपूर्वक किया गया है । ग्रन्थ संग्रहणीय और जैन इतिहास के सन्दर्भो की बहुमूल्य धरोहर है । इसके प्रथम भाग में १०४४ पृष्ठ तथा ९५६ प्रविष्टियां है । द्वितीय भाग में १९४८ तक लगभग ९०० पृष्ठ तथा प्रविष्टियां १९५४ है । इस तरह कुल २६१० प्रविष्टियां है तथा पृष्ठ संख्या १९४८ हो जाती है । इसका सम्पादन जैन विद्या के मूर्धन्य विद्वान् श्रद्धेय स्व. डा. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, कोल्हापुर ने किया है जो सम्पादन कला के पारखी और महारथी थे । ..
पर आश्चर्य की बात है कि उन्हीने इस ग्रंथ के विषय में अपने कुछ . भी विचार व्यक्त नहीं किये है । लगता है वे ग्रंथ सम्पादित तो कर चुके थे पर जब ग्रंथ प्रकाशित हुआ तो वे दिवंगत हो गये थे, यदि जीवित रहते तो अवश्य ही ग्रन्थ की उपयोगिता और महत्ता पर अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते । जो कुछ भी हो ग्रंथ के लिए यह निश्चय ही रिक्ततापूर्ण स्थिति है जी खटकती है । यह महान् ग्रन्थ जैन शोध बिद्या के मूर्धन्य मनीषी श्रद्धेय . स्व. पं. जुगलकिशोरजी मुख्त्यार को सश्रद्धा, समर्पित किया गया है, जो निश्चय ही इस योग्य थे ।
- इस ग्रंथ में इनडेक्स न होने के कारण इस ग्रन्थ रत्नाकर से कोई शोध सन्दर्भ रूपी रत्न ढूंढ़ निकालना असम्भव नहीं तो कठिन अवश्य ही है । पर स्व. डा. उपाध्ये 'की सम्पादन कला ने सम्पूर्ण ग्रन्थ को दस अध्यायों में विभाजित लर इनडेक्स' के अभाव की अंशत: पूर्ति कर दी है। वैयक्तिक सन्दर्भ खोज पाना सो नितान्त दुर्लभ हैं पर विषयगत अध्याय में से परिश्रम करके कुछ काम के सन्दर्भ 'ढूंढे जा सकते है किन्तु इससे इनडेक्स की अभाव पूर्ति 'नही हो सकती है । ग्रन्थ के प्रारम्भ में वीर सेवा मंन्दिर दिल्ली के मंत्री महोदय का प्रकाशकीय वक्तव्य हैं जिसमें उन्होने ग्रंथ के विषय में अपने विचार व्यक्त करते हुए तीसरे भाग के रूप में इनडेक्स पाठकों को शीघ्र ही देने का उल्लेख किया है किन्तु खेद की बात है कि दस वर्ष बाद भी इस ग्रंथ के इनडेक्स के कहीं कोई आसार नहीं दिखाई देते है जिससे ग्रंथ की उपयोगिता और वहुमूल्यता घट रही है । शोधार्थी इसका भरपुर उपयोग नहीं कर पा