Book Title: Jain Shasan 1996 1997 Book 09 Ank 01 to 48
Author(s): Premchand Meghji Gudhka, Hemendrakumar Mansukhlal Shah, Sureshchandra Kirchand Sheth, Panachand Pada
Publisher: Mahavir Shasan Prkashan Mandir
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वर्ष ४ ७-८ . १-१०-६:
एक - एक विषय के लिए प्रयुक्त पृष्ठ और प्रविष्टि कर रहे है साथ ही प्रत्येक अध्याय के विषयों के विषयो का भी उल्लेख कर रहे है । तालिका निम्न प्रकार है :
अध्याय
विषय
प्रथम प्रमुख संदर्भ ग्रंथो का विवरण द्वितीय क्ला, पुरातत्त्व एवं प्राचीन लेख तृतीय इतिहास और काल गणना चतुर्थ भूगोल और यात्राऐ
पंचम जीवन चरित्र ( बायोग्राफी) षष्ठ धर्म
सप्तम दर्शन और तर्कशास्त्र
अष्टम समाज शास्त्र और शिक्षा
नवम भाषा और साहित्य
दशम अन्य सामान्य विवरण
प्रविष्टि
कुल संख्या प्रविष्टियां
तक
३५९
९५६
आदि की तालिका प्रस्तुत अन्तर्गत आने वाले उप
૧૪૫
५१७
१५०९ ५५३.
१५७४ ६५
१६३५
६१
१८२०
१८५
१९४० १२०
२००० ६०
२५२६ ५२६
२९१६ ३९०
पृष्ठ
संख्या
तक
३४२
१०४४.
१३९१,
१४१०
१४३०
१४९९.
१५६२.
१५८६
१७८१
१९२
१९१८ १३७
कुल
पृष्ठ
७०२
३४७
१९
२०
६९
६३
२७
उपर्युक्त अध्यायो के विषयो को उप-विषयो में वर्गीकृत किया गया है जैसे प्रथम अध्याय में जिन सन्दर्भ ग्रंथों से जैन शोध सन्दर्भ ढूंढे गये है उनका उल्लेख है ( १ ) इनसाइक्लोपीडिया (२) जैन कोष ग्रंथ ( डीक्शनरीझ) (३) बिब्लिओग्राफीस (४) विवरणात्मक सूचियां ( केटलोगस ) जिन-जिन भंडारो के केटलोग में जैन संदर्भ विद्यमान है, उन सभी का उल्लेख है (५) गजेटियर्स (६) जनगणना रिपोर्टस (७) गाइडस ( शोध सहायक पुस्तकें (८) मंदिर आदि आदि ।
दूसरे अध्याय में ( १ ) पुरातत्त्व (२) कला (३) मूर्ति लेख (४) शिलाखेख (५) यन्त्र लेख ( ६ ) मुद्रा, सिक्के, सीलें (मुहरें ) ( 1 ) मूर्ति विज्ञान (८) स्थापत्य कला आदि । बाकी अध्यायों में उप-विषय नहीं है । इस तरह स्व. बाबूजी को जहां भी जो जैन संदर्भ मिला उसका संग्रह जैन बि में कर
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