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चाड़वानु काम वनस्पति पोतानी स्वाभाविक शक्ति थी करे छे, पाणी नी शक्ति थी नही. दरेक पदार्थ मां पोता नी स्वाभाविक शक्ति रहेली छे. तेवीजरीते आत्मा पोता नी कर्म ग्रहण करवानी स्वाभाविक शक्ति थी कर्म ग्रहण करे छे. मूलम्सिद्ध तथेदगृहणीयमेव, वस्त्वत्र यस्यास्ति तदेव लाति । किचुम्बकोलोहमयाज्म-यघातूनन्यांश्चगह्णातितथास्वभावात् ८
गाथार्थ- एटलु सिद्ध थयु के जे वस्तु ग्रहण करवा योग्य होय तेज वस्तु ने ग्रहण करे छे. शु लोह चुम्बक तेवा प्रकार ना स्वभाव थी लोढा ने छोड़ी बीजी धातुनो ने ग्रहण करे ? विवेचन- प्रा जगत मां पदार्थो बे प्रकार ना छेचेतन अने अचेतन. बन्न प्रकार ना पदार्थो ने पोत पोता ना स्वभाव अवश्य होय छे. स्वभाव प्रमाणे दरेक पदार्थो काम करेज. ज्ञानादि गुणो मां रमणता करवी ए पात्मा नो स्वभाव छे. सड़ण-पड़ण विध्वंस ए पुद्गल नो स्वभाव छे. शीतलता ए पाणी नो स्वभाव छे. उष्णता ए अग्निनो स्वभाव छे. एम दरेक वस्तुनो पोत पोतानो स्वभाव होय छे स्वभाव सम्बन्धमा प्रश्न होई शकतो नथी. जेमके पाणी शीतल केम ? तो एकज जबाब के ते तेनो स्वभाव छे. दरेक पदार्थ पोताना मूल स्वभाव ने छोड़तो