________________
( २५१ )
तेमां इन्द्रियो ने जे प्रत्यक्ष थाय ते प्रत्यक्ष प्रमाण. जेम के पांचे इन्द्रियो द्वारा जे वस्तु जाणी शकाय छे ते प्रत्यक्ष प्रमाण अनुमान ना आधारे जे वस्तु नक्की थाय छे ते अनुमान प्रमाण. जेम के मन्दिर नी ध्वजा जोवाथी लागे के अहीं मन्दिर होवू जोइये अने घुमाड़ो जोवाथी अहियां अग्नि होवो जोइये विगेरे अनुमान प्रमाण, अर्थात् लिङ्ग जोवा थी वस्तु नुं अनुमान करवू ते अनुमान प्रमाण जाणवू.
आगम अथवा शास्त्र द्वारा जे नक्की थाय ते आगम प्रमाण. जेमके कंदमूल मां अनंत जीवो होय छे ते आगम प्रमाण जाणवं. कोई पण वस्तु नुं उपमा द्वारा ज्ञान थाय छे ते उपमा प्रमाण. जेम के रोझ गाय जेवं होय छे, ते उपमा प्रमाण, अर्थात् जंगल मां रोझ ने जोया बाद विचार आवे के पा शंहशे ? त्यारे 'गाय जेवं रोझ होय छे' ते याद प्रावतां 'गाय जेवं आ रोझ छे.' एम जे ज्ञान थाय ते उपमा प्रमाण जाणवू. अहियां आगम प्रमाण बतावे छे के कोई पण वस्तु नुं पागम थी सिद्ध करवू होय तो सत्पद द्वारा सिद्ध थाय छे. शब्दो नो समह ते सत्पद थी कहेवा योग्य छे, अने प्रथम कहेल छतां फरीथी हवे कहेवाशे. मूलम्: कालःस्वभावोनियतिःपुराकृतं,तथोद्यमः प्राणमनोऽसुमन्तः। प्राकाश संसारविचारधर्मा,--धर्माधिमोक्षानरकोलोको ४