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( ३०० ) संबंधी बुद्धि थाय छे. भूगोल विद्यार्थी पृथ्वी ऊपर रहेल गाम, नगर, पर्वत, नदी, देश विगेरे अनेक प्रकार ना पदार्थो नं ज्ञान थाय छे. तथा लोक नाड़ी जोवाथी लोक. रचना नुं ज्ञान थाय छे, तेम प्रतिमा ना पूजन थी जे देव नी प्रतिमा छे ते देव ना गुणो नुं स्मरण थाय छे ? चूलम्:कर्माहिकालानलाकोटचक्र -स्तदाश्रितज्ञप्तिरिह स्थितानाम् । शास्त्रीयवर्णन्यसनात्समग्र-शास्त्रावबोधस्तदभीक्षकारणाम् ।५ गाथार्थः- कर्म चक्रादि चक्रो वड़े प्रा संसार मा रहेला मनुष्यो ने ते चक्रो ने आश्रित रहेला पदार्थो नुं ज्ञान थाय छे. शास्त्र संबंधी वर्ण नी स्थापना थी सकल शास्त्र नुं ज्ञान शास्त्र ना जोनार ने थाय छे. विवेचन-कर्म चक्र, अहि चक्र, सूर्य कालानल चक्र, चंद्र कालानल चक्र अने कोट चक्र विगेरे अनेक प्रकार नां चक्रो छे. ते ते चको जोवाथी प्रा संसार मां रहेला मनुष्यो ने ते ते चक्र संबंधी जे पदार्थो होय छे तेनुं ज्ञान थाय छे. वली शास्त्र संबंधी अक्षरो जोवाथी सकल शास्त्र नं ज्ञान पण शास्त्र जोनार ने थाय छे. मूलम्नंदीश्वरद्वीपपुटात्तथा च, लङ्कापुटात्तद्गतवस्तुचिन्ता । एवंनिजेशप्रतिमाऽपिदृष्टा,तत्तद्गुणानांस्मृतिकारएंस्यात् ।६