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परन्तु बीजा माणसो तेवा प्रकार नां शकुनो विगेरे जाणी शकता नथी. माटे तुं बराबर विचार कर के बधी इन्द्रियो थी पूर्ण होवा छतां बधा मारणसो बधी वस्तु बराबर बराबर जाणता नथी, परन्तु अपूर्ण इन्द्रिय वाला एवा निमित्तिया, वैद्य, नारणा परीक्षक, पगीश्रो अने शकुन जारणकारो विगेरेज जारी शके छे. वली निमित्तिया विगेरे पण इन्द्रियो द्वारा नथी जाणी शकता परन्तु बीजा ज्ञान थी जाणे छे. माटे इन्द्रियो ने प्रत्यक्ष साचूं छे ते बराबर नथी.
मूलम्
एवं परोक्षार्थमिमं समस्तं ज्ञानी विजानाति न सर्वलोकः । प्रायस्त्विदं वेत्ति परोपदेशा-ज्जनः स्वतो नेन्द्रियकेषुसत्सु । २५ गाथार्थ:-- ए प्रमाणे परोक्ष संबंधी या सर्व ज्ञानी जाणे छे परन्तु सर्व लोक जारणता नथी. इन्द्रियो होवा छतां बीजो मनुष्य प्रायः पोतानी मेले जाणतो नथी, परन्तु बीजाना कहेवाथी जारणी शके छे.
विवेचन :- जे वस्तुनो प्रत्यक्ष नथी देखाती ने परोक्ष गरणाय छे, एवी बधी वस्तुग्रो सर्व लोको जाणी शकता नथी परन्तु केवली भगवंतो जागी शके छे. ज्यारे बीजा लोको परोक्ष वस्तु जाणी शकता नथी. तो तेश्रो केवी रीते जाणी शके ? तेना उत्तर मां लखवानुं के बीजा लोको