________________
( १७० )
प्रगट थाय छ ? विचार मां संचार पामेल मन वाला तमे तेनो उत्तर सारी रीतिए सांभलो. विवेचन:-संसार मां निगोद ना बे प्रकार छे-एक सूक्ष्म निगोद अने बीजी बादर निगोद. सूक्ष्म निगोद गमे तेटली एकठी थवा छतां चर्म चक्ष थी देखी शकायज नहीं. बादर निगोद जे चर्म चक्ष थी देखी शकाय छे, जेमके बटाटा, कांदा,मूला,लसण, गाजर, साकरियां विगेरे कंदमूल जाणवा. __ सूक्ष्म निगोदो चौद राज लोक मां ठांसी ठांसीने भरेल छे. चौद राज लोक मां सूक्ष्म निगोद ना असंख्यात गोला छे. दरेक गोला मां असंख्यात निगोदो छे अने दरेक निगोद मां अनंता जीवो रहेला छे. ए निगोद मां बे प्रकार ना जीवो छे-अव्यवहार राशि वाला अने व्यवहार राशि वाला. दरेक आत्मा अनादि काल थी अव्यवहार राशि मां होय छे. ज्यारे जेटला आत्माप्रो व्यवहार राशि मां थी मुक्ति मां जाय तेटला आत्माप्रो अव्यवहार राशि मां थी व्यवहार राशि मां आवे छे. त्यार बाद ते आत्मानो व्यवहार राशि वाला तरीके गणाय छे. अव्यवहार राशि मांथी एक वार पण व्यवहार राशि मां आव्या बाद फरीथी पण अव्यवहार राशि मां जाय तो पण ते आत्मानो व्यवहार राशि वाला तरीके गणाय छे.