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( १६८ ) अने पांच अनुत्तर विमानो थी पण ऊपर ४५ लाख योजन लांबी अने पहोली, आठ योजन वचमां जाड़ी अने छेड़ा पर माखी नी पांख जेटली पातली, अर्द्ध चंद्राकार वाली अने श्वेतसुवर्ण जेवी सिद्ध शिला छे. तेना थी एक योजन पछी अलोक रहेलो छे. एक योजन ना चौवीशमा भाग मां अलोक ने अडीने सिद्ध ना जीवो ३३३, मनुष्य प्रमाण मां रहेला छे. कोई पण आत्मा मोक्षे जाय त्यारे तेनुं जे चरम शरीर होय तेना एक तृतियांश भाग अोछो करतां बाकी ना बे तृतियांश भाग जेटली अवगाहना प्रमाणे अलोक ने अड़ी ने ते सिद्ध आत्मा रहे छे. ज्यारे पांच सौ धनुष नी उत्कृष्ट काया वालो जीव मुक्ति ए जाय त्यारे ३३३१ धनुष प्रमाण ते जोव नी अवगाहना होय छे. एटले उत्कृष्ट पणे एक जीव ३३३, धनुष प्रमाण क्षेत्र मां लोक ना अंते अने अलोक ने अड़ी रहे छे. अनादि काल थी अनंतानंत काल मां अनंतानंत आत्माप्रो एज स्थले एटलीज जग्या मां रहेला छे. एटले अनंत सिद्ध आत्माओ परस्पर आलिंगन दई रहेला होवा छतां पण तेश्रो परस्पर एकठा थई जता नथी अने एमने संकड़ा मरण पण थती नथी. तेम ब्रह्म, ज्ञान अने ज्योति परस्पर आलिंगन दई ने रहेवा छतां संकड़ामण थती नथी अने क्षेत्र नी पण संकड़ामण थती नथी.