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उत्पन्न थयेल गुणो थी विशिष्ट छे. एवो ईश्वर जो पोताना अंश रूप जीवो ने पोताना आनन्द माटे मोह युक्त संसारी भाव पमाड़ी जल्दी अनेक दु:खो ना स्थान रूप जीव भाव ने प्रेरे छे, तो आ जीवो ईश्वर ना अंश रूप नथी परन्तु अलग छे.
विवेचन:- तमो पोते मानो छो के ईश्वर स्वयं पवित्र छे, अने बीजा जीवो ने पण पवित्र करे छे. एटलुज नहीं, परन्तु ज्योतिर्मय आदि थी उत्पन्न थयेल गुणो वड़े ईश्वर विशिष्ट छे. पावो ईश्वर पोताना अंश थी नवा जीवो बनावी मोह मय संसारी भाव पमाड़ी अनेक दुःख ना स्थान रूप जीवत्व नी प्रेरणा करे छे. तो या प्राणीमा ईश्वर ना अंश रूप नथी. जो आ प्राणीमो ईश्वर ना अंश रूप होत तो जेम संसार मां मां-बापो पोताना अंश रूप पुत्र-पुत्री आदि कोई ने पण दुःख आपे अथवा दुःखी थाय तेवी प्रेरणा करे एव् क्यारे पण बने खरू ? तेम ईश्वर पण पोताना अंश रूप जीवो ने दुःख आपे अथवा दुःखी थाय तेवी क्यारे पण प्रेरणा करे एम बने खरू ? एटले ईश्वर पोताना अंश रूप जीवो ने दुःखी करे अथवा दुःखी थाय एवी प्रेरणा करे तो ते जीवो ईश्वर ना अंश रूप नथी, परन्तु ईश्वर थी ते जीवो अलग छे.