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( १२६ ) अने बालक अज्ञानी होवा थी गमे तेवी रीते बालक्रीड़ा करे तो पण खराब न लागे अथवा तेनी उपेक्षा पण थाय, माटे अज्ञानी जीव नी जेवी बालक्रीड़ा ब्रह्म करे ते केम मनाय ? बीजी वात ए पण छे के बालक अज्ञानी होवा छतां जे धूल नां घर बनावे छे त्यारे तेना घर ने कोई व्यक्ति तोड़े तो तेने घर भांग्या जेटलुज दुःख थाय छे. अने पोताना हाथे तो घरणे भागे धूल ना घर ने भांगतो पण नथी. तो ईश्वर जेवो ज्ञानी पुरुष पोते बनावेल जगत ना जीवो नो नाश केम करे ? अने आवी बालक्रीड़ा ईश्वर करे ए ईश्वर ने शोभतु नथी, तेम मान्यता मां पण आवे नहीं.
- वली तमो कहो छे के ईश्वर मात्र लीला खातर सृष्टि
नो नाश करे छे, माटे तेने पाप लागत नथी. ते वात पण मान्यता मां न आवे एवी छे, कारण के बीजो माणस हिंसा करे तो पाप लागे अने ईश्वर हिंसा करे तो पाप न लागे ते केम मनाय ? अने प्रावो न्याय पण क्यांनो? जो तमारा मते ईश्वर हिंसा करे तो पाप न लागे, तो शु शिकार करनार राजाओ ने जीव हिंसा नु पाप नथी लागतु ? जरूर लाये छे. माटे ईश्वर सृष्टि नो संहारक छ ते वात बंध बेसती नथी.