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पृष्ठ ३६८-३७१ ३७१-३७३ ३७३-३७६
३८०-३२१
विषय
श्लोक ख्या इम शुद्धि का स्वरूप
२४११-२४२८ वाक्य शुदि का रूप
२४२९-२४४ तप शुद्धि का स्वरूप
२४४५-२४६२ ध्यान शुद्धि का स्वरूप दशों शुद्धियों की महिमा २४३५-२४९.
नया अधिकार मङ्गलाचरण
२४९१ प्रतिज्ञा
२४५२-२४९३ समयसार की भावना
२४६४-२५१० जिन लिग के चित्र निर्देश २५११-२५२० मयूर पिच्छी के गुण
२१२१-२५२२ प्रतिलेखन के गुण
२५२३-२५२५ हिमा का निषेध
२५२-२५३८ पष.जन्य पाहार का नि
२५३६-२५४९ मुनियों का विशेष माचरण २५५०-२५५७ स्वाध्याय
२५२५-२५९० निद्रा के दौर
२५५१-२५९२ इयान
२५६३-२६०० समाधिमरण में स्वगण का निषेष २६०१-२६०१ इन्द्रिय के वधा का निध २६०७-२६१७. ब्रह्मवयं पात के १० कारण २६१८-२६२१ अमण का स्वरूप
२६२२-२६२४ वसांप्रधिकार
३८२
३५२ ३०२-२५६ ३८६-३०६ ३५६-३८७ ३८७-३८८ ३२८-३८६ ३६९-३६१ ३६-३६७
३६७
३६२-३९१ ३६E-100 ४००-४०१
४०२
मङ्गलाचरण समाधिमरण की विधि मरण के मेद और उनका स्वरूप कषाय सहलेखमा की विधि ापक का चितवन अपकीर को कैसे कृपा करें पण्डितमरण कर फल पाराबमाको महिमा
२६४४-२११४ २६६५-२७१४ २७३५-२७४० २७४१-२७५४ २७५५-२०२६ २८२७-२८२८ २८२६
४०७ ४०७-४१० ४१०-४२० ४२०-४२१ ४२१-४२३ ४२३-४३४
४३४