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मुलाचार प्रदीप ]
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[तृतीय अधिकार चाहिये ।।०१॥
सिद्धांत के जानकार ऋषि के मरण हो जानेपर कौनसी भक्ति करें ? सिद्धांतवेदिसाधूनां कतव्या मरणे बुधः। श्रीसिद्धश्रुतयोगश्रीशांतिभक्तिसमाह्वयः (१९०२१॥
अर्थ-सिद्धांतके जानकार साधनों के मरण होनेपर बुद्धिमानों को सिद्धभक्ति श्रुलभक्ति, योगक्ति और शांतिभक्ति पड़नी चाहिये १९०२॥
उत्तरगुण के धारणा समाधि भरण पर कौनसी भक्ति की जायमहासचिनको सिचारित्र सद्योगश्रीशांतिभक्तयोऽमला: 11९०३।।
अर्थ-उत्तरगुण धारण करनेवाले महायोगी मुनियों के मरण होनेपर सिद्धभक्ति, चारित्रभक्ति, योगभक्ति और निर्मल शांतिभक्ति पढ़नी चाहिये ।।६०३॥
महामुनि के मरण पर कौनसी भक्ति करेंतथोत्तरमहायोगधारिसिद्धांतवेदिनाम् । श्रीसिसश्रुतचारित्रयोगधोशांतिभक्तयः ।।६०४।।
अर्थ-यदि उत्तरगुणों को धारण करनेवाले महामुनि सिद्धांतके जानकार हों और उनका मरण हो जाय तो सिद्धभक्ति, श्रुतभक्ति, चारित्रभक्ति, योगभक्ति और शांतिभक्ति पढ़नी चाहिये ।।६०४॥
प्राचार्य के मरण पर कौनसो भक्ति करेंप्राचार्मेऽत्र मुगस्य निषद्यायाः किलायवा ! बातम्या:सिद्धयोगाचार्यश्रीशांतिभक्तयः ।।६७५॥
अर्थ-प्राचार्य के मरण होनेपर उनके शरीर के लिये और निषद्या के लिये सिद्धभक्ति, योगभक्ति, आचार्यभक्ति और शांतिभक्ति पढ़नी चाहिये ||६०५॥
सिद्धांत के जानकार आचार्य के भरण पर कौनसी भक्ति पर्छ ? सिखोल वेविसुरीणां विषयाः शिष्पकमुंबा। श्रीसिद्धथतयोगाश्चाचार्यश्रीशांतिभक्तयः ॥१०॥
अर्थ-यदि सिद्धांतके जानकार प्राचार्य का मरण हो जाय तो उनके शरीर और निषद्या के लिये शिष्यों को सिद्धभक्ति, श्रुतभक्ति, योगक्ति, प्राचार्यभक्ति और शांतिभक्ति पढ़नी चाहिये ।।६०६॥
उत्तरगुणों के पालन करनेवाले प्राचार्य के मरण पर कोनसी भक्ति पढ़ें ? उसराभिषसोगिनांसूरीरणो मृतेसति । सिद्धचारिखसयोगाचार्यश्रीशांतिभक्तयः ।।६०७॥
अर्थ-इसीप्रकार उत्तरगुणों को धारण करनेवाले आचार्यों के मरण होनेपर