________________ मूलाचार प्रदीप ( Yee ) [वादश अधिकार शास्त्र के श्लोक संख्या का प्रमाणपंचषष्ठधषिका: इलोकास्त्रियस्त्रिशतप्रमा: / प्रस्थाचारसुशास्त्रस्य ज्ञेयाः पिण्डीकृताभुवि / / 324 / / इति श्रीमूलाचारप्रयोपकास्येमहापंथे भट्टारक श्रीसकलकोतिविरचितेनुप्रेक्षापरीषह ऋद्धिवर्णनो नाम द्वादशमोऽधिकारः। अर्थ-विद्वान् पुरुषों ने इस प्राचार शास्त्र के समस्त श्लोकों की संख्या तीन हजार तीन सौ सठ बतलाई है // 3248 / / इसप्रकार प्राचार्य श्रीसकलकीति विरचित मूलाचार प्रदीप नाम के महाग्रन्थ में अनुप्रेक्षा परीषह और ऋद्धियों को वर्णन करनेवाला यह बारहवां अधिकार समाप्त हुआ। DDH