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पतद्ग्रहस्थान
पतद्ग्रह प्रकृतियां
| संक्रमस्थान | संक्रम प्रकृतियां
सत्ता संक्रम काल
स्वामी
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अन्यतर युगल, सम्यक्त्व मोह = १८ मोहनीय = २२
मिथ्यात्व वेदक १७ प्रकृतिक | १२ कषाय, पु. वेद, भय, जुगुप्सा, | २१ प्रकृतिक १२ कषाय(अनन्तानु.) | २२- | अन्तर्मुहूर्त क्षपित मिथ्यात्व अन्यतर युगल = १७
९ नोकषाय = २१ । २१ । तेतीस सागरोपम अनन्ता. मिश्र मोह
अधिक | क्षायिक सम्यग्दृष्टि १५ प्रकृतिक | ८ कषाय, पु. वेद, भय, जुगुप्सा, २६ प्रकृतिक | २५ कषाय मिथ्यात्व | २८ | एक आवलिका उपशम सम्यग्दृष्टि अन्यतर युगल, सम्यक्त्व, मिश्र = २६
प्रथम आवलिका मोह. = १५
के २७ प्रकृतिक ,, मिश्र मिथ्यात्व = २७ | २८ । अन्तर्मुहूर्त देशोन उपशम सम्यग्दृष्टि
| पूर्व करोड़ वर्ष प्रथम आवलिका
बाद क्षायोपशमिक
सम्यग्दृष्टि २३ प्रकृतिक ,, २१ कषाय (अनंता.)| २४ । अन्तर्मुहूर्त देशोन | विसंयोजित अनंता
रहित मिथ्यात्व मिश्र मो. पूर्व करोड़ वर्ष उपशम सम्यग्दृष्टि = २३
विसंयोजित अनंता
वेदक सम्यग्दृष्टि १४ प्रकृतिक | ८ कषाय, पु. वेद, भय, जुगुप्सा, २२ प्रकृतिक २१ कषाय मिश्र मोहनीय २३ । अन्तर्मुहूर्त क्षपित मिध्यात्व भी अन्यतर युगल, सम्यक्त्व मोह. = १६ = २२
वेदक सम्यग्दृष्टि १३ प्रकृतिक | सम्यक्त्व मोह. रहित पूर्वोक्त २१ प्रकृतिक २१ कषाय (अनंता. २२- | अन्तर्मुहूर्त देशोन | क्षपित मिश्र वेदक
।कर्मप्रकति