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[ कर्मप्रकृति
जुगुप्सा और वेदक सम्यक्त्व इन तीन में से किसी एक को मिलाने पर पांच की उदीरणा होती है। इस स्थान में भंगों की तीन चौबीसी होती है तथा उसी चतुष्क स्थान में भय-जुगुप्सा का अथवा भय-वेदक सम्यक्त्व का अथवा जुगुप्सा और वेदक सम्यक्त्व का युगपत प्रक्षेपण करने पर छह प्रकृतियों की उदीरणा होती है। इस स्थान में भी भंगों की तीन चौबीसी होती हैं। भय, जुगुप्सा और वेदक सम्यक्त्व को पूर्वोक्त चार प्रकृतियों में युगपत प्रक्षेप करने पर सात प्रकृतिक उदीरणास्थान होता है। यहां भंगों की एक चौबीसी होती है।
- अपूर्वकरण गुणस्थान – के उदीरणास्थानों के संकेत के लिये गाथा में पद है - छच्चोवरिल्लंमि अर्थात् विरत से उपरितन अपूर्वकरण गुणस्थान में चार को आदि ले कर छह प्रकृतिक तक के तीन उदीरणास्थान होते हैं, वे इस प्रकार हैं यथा – चार, पांच, छह।
___ चारों संज्वलन क्रोधादि कषायों में से कोई एक क्रोधादि कषाय, तीन वेदों में से कोई एक (अन्यतम)वेद और युगलद्विक में से एक (अन्यतर) युगल, इन चार प्रकृतियों की अपूर्वकरण गुणस्थान में ध्रुव उदीरणा होती है। इस स्थान में भंगों की एक चौबीसी होती है। इसी चतुष्क में भय या जुगुप्सा के मिलाने पर पांच की उदीरणा होती है। इस पंचप्रकृतिक उदीरणास्थान में भंगों की दो चौबीसी होती हैं । भय और जुगुप्सा को एक साथ मिलाने पर छह प्रकृतियों की उदीरणा होती है। इस उदीरणास्थान में भंगों की एक चौबीसी होती है।
___ये अपूर्वकरण सम्बन्धी भंगों की चौबीसियां परमार्थतः प्रमत्त अप्रमत्त विरत की चौबीसियों से भिन्न रूप नहीं हैं। इसलिये इनकी आगे पृथक् गणना नहीं की जायेगी। - अब अनिवृत्तिबादर और सूक्ष्मसंपराय गुणस्थानों के उदीरणास्थानों का कथन करते हैं -
अनियट्टिम्मि दुगेगं लोभो तणुरागेगो चउवीसा।
एक्कगछक्केक्कारस दस सत्त चउक्क एक्काओ॥२४॥ शब्दार्थ – अनियट्टिम्मि – अनिवृत्तिकरण में, दुगेगं – दो और एक, लोभो – लोभ, तणुराग - सूक्ष्मसंपराय वाले, एगो - एक, चउवीसा - चौबीसियां, एक्कगछक्केक्कारस - एक, छह, ग्यारह, दस सत्त चउक्क - दस, सात, चार, एक, एक्काओ - एक एक स्थान में।
___ गाथार्थ – अनिवृत्तिकरण में दो और एक प्रकृतिक ये दो उदीरणास्थान होते हैं । सूक्ष्मसंपराय में एक लोभ का उदीरणास्थान है। चौबीसियां (दस से चार तक के) एक एक स्थान में अनुक्रम से एक , छह, ग्यारह, दस, सात, चार, एक होती हैं।
विशेषार्थ - गाथा में नौवें और दसवें गुणस्थान के उदीरणास्थानों को बताया है। जो इस