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पतद्ग्रह
पतद्ग्रह प्रकृति
संक्रम
संक्रम प्रकृतियां
कितनी कौनसे
संक्रम काल
स्वामी
४२० ]
स्थान
स्थान
सत्ता | गुणस्थान
मिश्र.
समयोन आव द्विक
अन्तरकरण बाद
अप्र. प्रत्या. लोभ, संज्व. माया, मिश्र, मिथ्यात्व संज्व. माया वर्ज पूर्वोक्त
९ वें ९ वें
समयोन आव द्विक
९वें
अन्तर्मुहूर्त
अन्तरकरण बाद ९ में गुण की दो आवली बाकी ९ में गुण की २ आव. १०-११ गुण.
२
। सम्य. मो. मिश्र मो. |
२
।
मिश्र मो. सम. मोह.
२४
९.१०.११
अन्तर्मुहूर्त
इस प्रकार ११, ७, ६, ५, ४, ३, २ ये ७ पतद्ग्रह और २३, २२, २१, २०, १४, १३, ११, १०,८,७,५, ४, २ ये १३ संक्रम स्थान।
[ कर्मप्रकृति