Book Title: Karm Prakruti Part 02
Author(s): Shivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
Publisher: Ganesh Smruti Granthmala

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Page 479
________________ परिशिष्ट ] [ ४४५ ८ - अनुभाग अपवर्तना (स्पष्टीकरण गाथा ७ के अनुसार) बन्धावलिका एवं अबाधा गत स्थितियों के अनुभाग स्पर्धकों की अपवर्तना नहीं होती है, किन्तु एक समय अधिक, दो समय अधिक यावत् आवलिका प्रमाण स्थितियों के स्पर्धकों को छोड़कर अपवर्तना होती है। यह अपवर्तन आवलिका में एक समय कम, दो त्रिभागों को छोड़कर एक समय अधिक एक त्रिभाग में अनुभाग स्पर्धकों का निक्षेप किया जाता है, यह जघन्य निक्षेप है। . उत्कृष्ट निक्षेप अतीत्थापनावलिका, बंधावलिका तथा अबाधा को छोड़कर संपूर्ण अनुभाग स्पर्धकों में होती है। असत्कल्पना से आवलि १० समय प्रमाण है। उसके तीन तीन समय वाले दो त्रिभाग छोड़कर चार समय वाले एक त्रिभाग में अनुभाग स्पर्धकों का जघन्य निक्षेप होता है । इस प्रकार एक समयाधिक, दो समयाधिक दो त्रिभाग को छोड़कर दलिक निक्षेप अतीत्थापना की एक आवली पूर्ण हो तब तक जानना चाहिये। - जघन्य अतीत्थापना दो त्रिभाग, प्रमाण मध्यम दो त्रिभाग एक समय अधिक और पूर्वावलिका के एक समय कम प्रमाण उत्कृष्ट पूर्वावली प्रमाण अतीत्थापना होती है। प्रथम भाग - अतीत्थापना orm|osw9 . उदयावलिका द्वितीय भाग तृतीय भाग निक्षेपस्थान अबाधा तथा बंधावलिका सम्पूर्ण कर्मस्थितिबंध

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