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पतद्ग्रहस्थान पतद्ग्रह प्रकृतियां संक्रमस्थान | संक्रम प्रकृतियां सत्ता संक्रम काल | स्वामी ११ प्रकृतिक' | संज्वलन चतुष्क, पु. वेद, भय, २३ प्रकृतिक| अनन्ता. रहित २१ कषाय २४प्र. अन्तर्मुहूर्त | अपूर्वकरण गुण जुगुप्सा, हास्य, रति, सम्यक्त्व, मिश्र
मिथ्यात्व मिश्र मोह. मोहनीय ७ प्रकृतिक | संज्वलन चतुष्क पु. वेद, सम्यक्त्व, | २३ प्रकृतिक |
| " . , , , | २४प्र. अन्तर्मुहूर्त अनिवृत्तिकरण मिश्र मोहनीय
गुण.(अन्तरकरण
से पूर्व) | २२ प्रकृतिक | संज्वलन लोभरहित शेष| २४प्र. अन्तर्मुहूर्त अनिवृत्तिकरण पूर्वोक्त
गुण.(अन्तरकरण
काल में) २१ प्रकृतिक | नपुं. वेद रहित पूर्वोक्त | २४प्र. अन्तर्मुहूर्त. अनिवृत्तिकरण
गुण.(अन्तरकरण
के बाद) २० प्रकृतिक | स्त्रीवेद रहित पूर्वोक्त । २४प्र. अन्तर्मुहूर्त ६ प्रकृतिक संज्वलन चतुष्क, सम्यक्त्व मिश्र २० प्रकृतिक स्त्रीवेद रहित पूर्वोक्त । २४प्र. समयोन आवलि-,, , मोहनीय
काद्विक १४ प्रकृतिक | हास्य षट्क ,, , २४प्र. , ,
[ कर्मप्रकृति
१. अनंतानुबंधी २४ प्रकृति की सत्ता वाला उपशमश्रेणी प्रारंभक है। अतः ११ प्रकृतिक पतद्ग्रहस्थान भी यहां बताया है। यथास्थान आगे भी श्रेणीगत पतद्ग्रहस्थान के लिये इसी प्रकार समझ लेना चाहिये।