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________________ २४ पतद्ग्रहस्थान पतद्ग्रह प्रकृतियां | संक्रमस्थान | संक्रम प्रकृतियां सत्ता संक्रम काल स्वामी ] अन्यतर युगल, सम्यक्त्व मोह = १८ मोहनीय = २२ मिथ्यात्व वेदक १७ प्रकृतिक | १२ कषाय, पु. वेद, भय, जुगुप्सा, | २१ प्रकृतिक १२ कषाय(अनन्तानु.) | २२- | अन्तर्मुहूर्त क्षपित मिथ्यात्व अन्यतर युगल = १७ ९ नोकषाय = २१ । २१ । तेतीस सागरोपम अनन्ता. मिश्र मोह अधिक | क्षायिक सम्यग्दृष्टि १५ प्रकृतिक | ८ कषाय, पु. वेद, भय, जुगुप्सा, २६ प्रकृतिक | २५ कषाय मिथ्यात्व | २८ | एक आवलिका उपशम सम्यग्दृष्टि अन्यतर युगल, सम्यक्त्व, मिश्र = २६ प्रथम आवलिका मोह. = १५ के २७ प्रकृतिक ,, मिश्र मिथ्यात्व = २७ | २८ । अन्तर्मुहूर्त देशोन उपशम सम्यग्दृष्टि | पूर्व करोड़ वर्ष प्रथम आवलिका बाद क्षायोपशमिक सम्यग्दृष्टि २३ प्रकृतिक ,, २१ कषाय (अनंता.)| २४ । अन्तर्मुहूर्त देशोन | विसंयोजित अनंता रहित मिथ्यात्व मिश्र मो. पूर्व करोड़ वर्ष उपशम सम्यग्दृष्टि = २३ विसंयोजित अनंता वेदक सम्यग्दृष्टि १४ प्रकृतिक | ८ कषाय, पु. वेद, भय, जुगुप्सा, २२ प्रकृतिक २१ कषाय मिश्र मोहनीय २३ । अन्तर्मुहूर्त क्षपित मिध्यात्व भी अन्यतर युगल, सम्यक्त्व मोह. = १६ = २२ वेदक सम्यग्दृष्टि १३ प्रकृतिक | सम्यक्त्व मोह. रहित पूर्वोक्त २१ प्रकृतिक २१ कषाय (अनंता. २२- | अन्तर्मुहूर्त देशोन | क्षपित मिश्र वेदक ।कर्मप्रकति
SR No.032438
Book TitleKarm Prakruti Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
PublisherGanesh Smruti Granthmala
Publication Year2002
Total Pages522
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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