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अपृथक
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अप्रमाण
अपृथक्-सं० (वि०) संयुक्त, मिला हुआ
अप्रतिकार-[सं० (पु०) प्रतिकार का अभाव 2 जिसका कोई अपृष्ट-सं० (वि०) अनपूछा
उपाय न हो सके II (वि०) निरुपाय अपेक्षक-सं० (वि०) 1 देखनेवाला 2 अपेक्षा करना या रखना अप्रतिकारी-सं० (वि०) प्रतिकार न करनेवाला 2 आशा 3 आसरा देखना
अप्रतिघ-सं० (वि०) 1 अजेय 2 जो रोका न जा सके अपेक्षणीय-सं० (वि०) अपेक्षा करने योग्य, वांछनीय अप्रतिघात-सं० (वि०) 1 विरोधरहित 2 आघात से बचा हुआ अपेक्षया-सं० = अपेक्षाकृत
अप्रतिदेय-सं० (वि०) जो वापस न लिया जा सके। ऋण अपेक्षा-1 सं० (स्त्री०) 1 चाह 2 आशा 3 आदर वापस न किया जानेवाला ऋण 4 आवश्यकता II (क्रि० वि०) तुलना में। ~कृत (क्रि० अप्रतिद्वंद्व-सं० (वि०) बिना प्रतिद्वंद्वी का, बेजोड़ वि०) किसी की तुलना में; ~बुद्धि (स्त्री०) भेद बुद्धि अप्रतिपक्ष-सं० (वि०) 1 अप्रतियोगी 2 असमान अपेक्षित-सं० (वि०) जिसकी चाह या आशा हो अप्रतिपत्ति-सं० (स्त्री०) 1 निश्चय का अभाव 2 कर्तव्य का अपेक्षी-सं० (वि०) अपेक्षा करनेवाला
निश्चय न कर सकना 3 व्याकुलता 4 अर्थ निकालने की अपेक्ष्य-सं० (वि०) 1 अपेक्षणीय 2 अपेक्षा योग्य
अक्षमता अपेत-सं० (वि०) 1 गया हआ 2 पलायित 3 वंचित अप्रतिपन्न-सं० (वि०) 1 अनिश्चित 2 असंपत्र 3 जिसे अपने अपेया-सं० (वि०) ना पीने योग्य
कर्तव्य का ज्ञान न हो अपैतृक-सं० (वि०) जो पैतृक न हो
अप्रतिबंध-[सं० (पु०) स्वच्छंटना || (वि०) 1 बे रोक टोक अपोगंड-सं० (वि०) 1 सोलह वर्ष से अधिक अवस्थावाला 2 बिना किसी झगड़े के 2 वयस्क 3 डरपोक 4 विकलांग
अप्रतिबद्ध-सं० (वि०) 1 बे रोक-टोक 2 मनमाना अपोह-सं० (पु०) 1 दूर करना 2 तर्क द्वारा शंका निवारण अप्रतिबल-सं० (वि०) बेजोड़ ताकत वाला 3 ऊहापोह 4 (विज्ञान में) जलधारा के साथ मिलकर अप्रतिभ-सं० (वि०) 1 प्रतिभाहीन 2 उदास 3 लज्जाशील बहनेवाली मिट्टी, बालू आदि
अप्रतिभा-सं० (स्त्री०) 1 प्रतिभाहीनता 2 दब्बूपन अपोहित-सं० (वि०) अनDथा
अप्रतिम-सं० (वि०) बेजोड़, अनुपम अपौतिक-सं० (वि०) जिसमें सड़न न हो
अप्रतिरूप-सं० (वि०) अद्वितीय अपौरुष-[ सं० (वि०) 1 पुरुषार्थहीन 2 भीरु 3 अपुरुषोचित अप्रतिरोध्य-सं० (वि०) जिसका विरोध न किया जा सके 4जो मनुष्य सा न हो II (पु०) पौरुष का अभाव अप्रतिलभ्य-सं० (वि०) 1 अप्राप्य 2 अनिद्य। अपौरुषेय-I सं० (वि०) 1 जो मनुष्य की शक्ति और सामर्थ्य अप्रतिष्ठ-सं० (वि०) 1 बेइज़्ज़त 2 अस्थिर 3 निकम्मा
के बाहर हो, दैवी 2 लोकोत्तर II (पु०) वीरता का अभाव अप्रतिष्ठा-सं० (स्त्री०) 1 आदर मान का अभाव 2 बेइज्जती अपौष्टिक-सं० (वि०) अपुष्टिकर
3 स्थिरता का अभाव। -जनक (वि०) अनादर पैदा अप्रकंप-सं० (वि.) 1 कंपहीन 2 अचल, स्थिर 3 अखंडित करनेवाली 4 जिसका उत्तर न दिया गया हो ।
अप्रतिष्ठित-सं० (वि०) 1 प्रतिष्ठाहीन 2 जो स्थिर या अप्रकट-सं० (वि०) 1 जो प्रकट न हो 2 गुप्त, छिपा हुआ सुव्यवस्थित न हो अप्रकाश-[ सं० (पु०) 1 प्रकाश का अभाव 2 रहस्य अप्रतिहत-I सं० (वि०) 1 जिसे कोई रोक न सके. निर्बाध II (वि०) 1 प्रकाश रहित 2 अंधकारपूर्ण
2 अप्रभावित 3 अपराजित 4 अक्षुण्ण II (पु०) अंकुश अप्रकाशित-सं० (वि०) 1 प्रकाशहीन 2 जो छपा न हो अप्रतीत-सं० (वि०) 1 अप्रसन्न 2 अगम्य 3 जिसे प्रतीति न अप्रकाश्य-सं० (वि०) प्रकाशित या प्रकट करने के अयोग्य | हुई हो 4 अस्पष्ट अप्रकृत-सं० (वि०) 1 अयथार्थ 2 अस्वाभाविक, बनावटी अप्रतुल-[ सं० (पु०) 1 वज़न की कमी 2 अभाव 3 गौण 4 विषय से असंबद्ध
3 आवश्यकता II (वि०) अतुलनीय, अद्वितीय अप्रकृति-सं० (स्त्री०) 1 विकृति 2 पुरुष 3 आत्मा। ~स्थ अप्रत्यक्ष-सं० (वि०) 1 जो दिखाई न दे, अगोचर 2 परोक्ष (वि०) 1 अस्वस्थ 2 रोगी 3 व्याकुल
3 गुप्त अप्रकृष्ट-I सं० (वि०) नीच, बुरा II (पु०) काक, कौआ अप्रत्यय-I सं० (पु०) 1 विश्वास का अभाव 2 प्रतीति का अप्रखर सं० (वि०) 1 अतीक्ष्ण, भोथरा 2 सुस्त 3 कोमल, मदु अभाव II (वि०) 1 विभक्ति रहित 2 अनभिज्ञ 3 विश्वास अप्रगतिशील-सं० (वि०) 1 अप्रगामी 2 यथापूर्वस्थितिवादी
रहित अप्रगल्भ-स० (वि०) 1 विनीत 2 दब्बू 3 अप्रौढ़ 4 ढीला अप्रत्योदय-सं० (वि०) न लौटा सकने योग्य अप्रगुण-सं० (वि०) 1 व्याकुल 2 व्यस्त
अप्रत्याशित-सं० (वि०) 1 जिसकी आशा न रही हो अप्रचलन-सं० (पु०) अव्यवहार
2 आकस्मिक अप्रचलित-सं० (वि०) जिसका चलन या व्यवहार न हो | अप्रधान-[सं० (वि०) 1 गौण 2 छोटा II (पु०) गौण कार्य अप्रचुर-सं० (वि०) जो काफी न हो
अप्रपंचवाद-सं० (पु०) यह सिद्धांत कि जगत् का अस्तित्व है अप्रच्छन्न-सं० (वि०) 1 अनावृत 2 स्पष्ट
ही नहीं अप्रज-सं० (वि०) 1 निःसंतान 2 न जन्मा हआ 3 अवसित अप्रभावशाली-सं० (वि०) प्रभावहीन अप्रति-सं० (वि०) 1 अद्वितीय, बेजोड़ 2 अप्रतियोगी | अप्रमत्त-सं० (वि०) जो पागल न हो, सावधान, जागरूक अप्रतिकर-सं० (वि०) 1 विश्वस्त 2 विश्वासपात्र | अप्रमाण-I सं० (वि०) 1 जो प्रमाण न माना जा सके, प्रमाण