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कालिदास पर्याय कोश
तस्योपकण्ठे घननीलकण्ठः कुतूहलादुन्मुखपौरदृष्टः। 7/51 उसी नगर के पास बादलों के समान नीले कण्ठ वाले महादेव जी, उस आकाश
से पृथ्वी पर उतरे। 28. नीललोहित :-पुं० [नीलश्चासौ लोहित श्चेति। वर्णो वर्णन' इति समासः]
शिव, महादेव। अंशादृते निषिक्तस्य नील लोहितरेतसः। 2/57 महादेवजी के वीर्य से उत्पन्न पुत्र के अतिरिक्त उसका नाश और कोई दूसरा नहीं
कर सकता। 29. परमेश्वर :-पुं० [परमश्चासौ ईश्वश्चेति] शिव।
उपचिन्वनप्रभां तन्वीं प्रत्याह परमेश्वरः। 6/25 सिर पर बैठे हुए बाल चन्द्रमा की मन्दी चमक को बढ़ाते हुए महादेवजी उनसे
बोले। 30. पुंगवकेतु :- शिव, शंकर, महादेव।
रोमोद्गमः प्रादुरभूदुमायाः स्विन्नांगुलिः पुंगव केतुरासीत्। 7/77 हाथ पकड़ते ही पार्वतीजी को भी रोमांच हो आया और महादेव जी की उँगलियों
से भी पसीना छूटने लगा। 31. पुरारिम् :-महादेव, शिव, शंकर।
असध्य हुँकार निवर्तितः पुरा पुरारिम प्राप्त मुखः शिलीमुखः। 5/54 उस समय कामदेव ने शिवजी के ऊपर जो बाण चलाया था, वह उस समय तो
उनकी हुँकार सुनकर लौट गया। 32. प्रभु :-त्रि० [प्रभवतीति, प्र+भू+'विप्रसंभ्यो ऽ व संज्ञायाम् इति डु] महादेव,
ईश्वर, शंकर। क्रोधं प्रभो संहरं संहरेति यावगिरः खे मरुतां चरन्ति। 3/72 यह देखते ही एक साथ सब देवता आकाश में चिल्ला उठे,-हैं, हैं, रोकिये रोकिये, अपने क्रोध को प्रभु। सारुन्धतीका सपदि प्रादुरासन्पुरः प्रभोः। 6/4 अरुन्धती को साथ लेकर तत्काल शंकर जी के आगे सातों तपस्वी आकर खडे
हो गए। 33. पिनाक पाणि :-महादेव, शिव, शंकर।
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