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कालिदास पर्याय कोश
महादेव जी की पहली पत्नी और दक्ष की कन्या परमसाध्वी सती ने अपमानित होने के कारण। तां नारदः कामचरः कदाचित्कन्यां किल प्रेक्ष्य पितुः समीपे। 1/50 नारद जी एक दिन घूमते घामते हिमालय के यहाँ पहुँचे, तो क्या देखते हैं कि हिमालय के पास उनकी कन्या भी बैठी हुई है। एते वयमी दाराः कन्येयं कुल जीवितम्। 6/63 ये मेरी स्त्रियाँ है और यह मेरे घर भर की प्यारी कन्या है। प्रायेण गृहिणी नेत्राः कन्यार्थेषुकुटम्बिनः। 6/85 जब कभी कन्या के सम्बन्ध की कोई बात होती है, तो गृहस्थ लोग अपनी स्त्रियों से ही सम्मति लिया करते हैं। भाति के सरवतेव मण्डिता बन्धुजीवतिलकेन कन्यका। 8/40 उस कन्या के समान लग रही है, जिसने अपने माथे पर केसर से भरे हुए बन्धु जीव के फूल का तिलक लगा रखा हो। साध्व सादुपगत प्रकम्पया कन्ययेव नवदीक्षया वरः। 8/73 जैसे नई-नई बहू पहली बार संभोग के डर से काँपती हुई अपने पति के पास
जाती है। 3. तनया :-[तनोति विस्तारयति कुलम्+तन्+ कयन्] पुत्री, सुता।
कथंचिददेस्तनया मिताक्षरं चिरव्यवस्थापित वागभाषत। 5/63 पार्वती जी बड़े नपे तुले अक्षरों में, किसी-किसी प्रकार बोलीं। एतावदुक्त्वा तनया मृषीनाह महीधरः। 6/89
अपनी पुत्री से इतना कहकर वे ऋषियों से बोले। 4. तनुजा :-[तन्+उ+जा] पुत्री।
आराधनायास्य सखीसमेतां समादिदेश प्रयतां तनूजाम्। 1/58 फिर अपनी कन्या को आज्ञा दी कि, अपनी सखियों के साथ जाकर शिव जी
की पूजा करो। 5. दुहिता :-स्त्री० [दोग्धि विवाहादिकाले धनादि कमाकृस्य गृहणातीति] पुत्री।
तथा दुहित्रा सुतरां सावित्री पुरत्प्रभामण्डलया चकासे। 1/24 तेजोमण्डल से भरे मुख वाली उस कन्या को गोद में पाकर, मेना भी खिल उठीं। सते दुहितरं साक्षात्साक्षी विश्वस्य कर्मणाम्। 6/78
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