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कुमारसंभव
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ऐरावता स्फलानकर्कशेन हस्तेन पस्पर्श तदङ्गमिन्द्रः। 3/22 जब वह चलने लगा, तब इन्द्र ने उसकी पीठ पर अपना वह हाथ फेरकर उसे उत्साहित किया, जो ऐरावत को अंकुश लगाते-लगाते कड़ा पड़ गया था। तमन्वगिन्द्र प्रमुखाश्च देवाः सप्तर्षिपूर्वाः परमर्षयश्च। 7/71
उनके पीछे-पीछे इन्द्र आदि देवता, सप्तर्षियों के साथ सब महर्षि और। 2. गौत्रभित :-इन्द्र।
गोप्तारं सुर सैन्यानां यं पुरस्कृत्य गोत्रभित्। 2/52 जिसे देवताओं की सेना का रक्षक बनाकर और उसे सेना के आगे करके
भगवान् इन्द्र। 3. तुरासाह :-पुं० [तुरं वेगवन्तं साहयति अभिभवतीति । तुर+सह-णिच्+क्विप्]
इन्द्रा तुरासाहपुरोधाय धाम स्वयंभुवं ययुः। 2/1
वे सब इन्द्र को आगे करके ब्रह्मा जी के पस पहुँचे। 4. दिवौकस :-इन्द्र, देवता।
प्रासादाभिमुखो वेधाः प्रत्युवाच दिवौकसः। 2/16 दयालु ब्रह्माजी जिस समय देवताओं से बोलने लगे। पुरुहूत :-[पुरु प्रचुरं हूत मह्वानं यज्ञेषुयस्य] इन्द्र। तं लोकपालः पुरुहूत मुख्याः श्रीलक्ष्णोत्सर्गविनीत वेषाः। 7/4 वहाँ अपना राजषी ठाठ छोड़कर और विनीत वेश बनाकर इन्द्र आदि लोकपाल,
जब उनके दर्शन करने को आए। 6. पाक शासन :-पुं० [शास्तीति शास्+ ल्यु, ततः पाकस्य तदाख्या, प्रसिद्धस्य
असुरस्य शासनः शास्ता] इन्द्र। तत्र निश्चित्य कंदर्पगमत्पाकशासनः। 2/63
वहाँ इन्द्र ने भली-भाँति सोच-विचारकर कामदेव को स्मरण किया। 7. मघोन :-[मह्यते पूज्यते इति] इन्द्र।
तस्मिन्मघोनस्त्रिदशान्विहाय सहस्रमक्ष्मणां युगपत्पपात। 3/2 कामदेव के आते ही इन्द्र की सहस्रों आँखें देवताओं पर से हटकर, एक साथ
आदर के साथ कामदेव की ओर घूम गईं। 8. महेन्द्र :-इन्द्र।
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