Book Title: Kalidas Paryay Kosh Part 02
Author(s): Tribhuvannath Shukl
Publisher: Pratibha Prakashan

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Page 387
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 852 कालिदास पर्याय कोश स्त्रियश्च काञ्चीमणिकुण्डलोज्ज्वला हरन्ति चेतो युगपत्प्रवासिनाम्।2/20 करधनी तथा रत्न जड़े कुंडलों से सजी हुई स्त्रियाँ, ये दोनों ही परदेसियों का मन एक साथ हर लेती हैं। असितनयनलक्ष्मी लक्षयित्वोत्पलेषु क्वणितकनककाञ्ची मत्तहंस स्वनेषु। 3/26 नीले कमलों में अपनी प्रियतमा की काली आँखों की सुंदरता देखते हैं, मस्त हंसों की ध्वनि में उनकी सुनहली करधनी की रुनझुन सुनते हैं। काञ्चीगुणैः काञ्चनरल चित्र! भूषयन्ति प्रमदा नितम्बान्। 4/4 न तो स्त्रियाँ अपने नितंबों पर सोने और रत्नों से जड़ी हुई करधनी पहनती हैं। प्रयान्त्यनङ्गातुरमानसानां नितम्बिनीनां जघनेषु काञ्चयः। 6/7 अपने प्रेमी के संभोग करने को उतावली नारियों ने अपने नितंबों पर करधनी बाँध ली है। 2. मेखला - [मीयते प्रक्षिप्यते कायमध्यभागे- मी + खल + टप् गुणः] करधनी, तगड़ी, कमरबंध, कटिबंध। नितम्बबिम्बैः सदुकूलमेखलैः स्तनैः सहाराभरणैः सचन्दनैः। 1/4 उन नितंबों पर लिटाती हैं जिन पर रेशमी वस्त्र और करधनी पड़ी होती हैं, तथा अपने उन चंदन पुते स्तनों से लिपटाती हैं जिन पर हार और दूसरे गहने पड़े होते हैं। नितम्बदेशाश्च सहेममेखलाः प्रकुर्वते कस्य मनो न सोत्सुकम्। 1/6 सुनहरी करधनी से बँधे हुए नितंबों को देखकर भला किसका मन नहीं ललचा उठेगा। वापीजलानां मणिमेखलानां शशाङ्कभासां प्रमदाजनानाम्। 6/4 बावड़ियों के जल, मणियों से जड़ी करधनियाँ, चाँदनी, स्त्रियाँ सुहावनी लगने लगी हैं। 3. रसना -[ अश् + युच्, रशादेशः] कटिबंध, कमरबंद, करधनी। चञ्चन्मनोज्ञशफरीरसनाकलापाः पर्यन्तसंस्थितसिताण्डजपङ्क्तिहाराः। 3/3 For Private And Personal Use Only

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