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7. वितनु - कामदेव ।
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2.
मयूख
1. अंशु - [ अंश् + कु] किरण, प्रकाश किरण । कमलवनचिताम्बुः पाटलामोदरम्यः
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मत्तेभो मलयानिलः परभृता यद्बन्दिनो लोकजित्
सोऽयं वो वितरतरीतु वितनुर्भद्रं वसन्तान्वितः । 6/38
जिसका मलयाचल से आया हुआ पवन ही मतवाला हाथी है, कोयल ही गायक है और शरीर न रहते हुए भी जिसने संसार जीत लिया है वह कामदेव वसंत के साथ आपका कल्याण करे ।
कालिदास पर्याय कोश
सुखसलिलनिषेकः सेव्यचन्द्रांशुहारः । 1 / 28
कमलों से भरे हुए और खिले हुए पाटल की गंध में बसे हुए जल में स्नान करना बहुत सुहाता है और जिन दिनों चंद्रमा की किरणें और मोती के हार बहुत सुख देते हैं।
कर- [ करोति, कीर्यते अनेन इति, कृ + अप्] प्रकाश किरण, रश्मिमाला । दिवसकरमयूखैर्बोध्यमानं प्रभाते वर युवतिमुखाभंपङ्कजं जृम्भतेऽद्य। 3/25 प्रातः काल जब सूर्य अपनी किरणों से कमल को जगाता है, तब वह कमल सुंदरी युवती के समान खिल उठता है । स्त्रस्तांसदेशलुलिताकुलकेशपाशा निद्रां प्रयाति मृदुसूर्यकराभितप्ता । 4/15 उसके कंधे झूल गए हैं, बाल इधर-उधर बिखर गए हैं और वह प्रातः काल के सूर्य की कोमल किरणों में धूप खाती हुई सो गई है।
3. किरण [ कृ + क्यु] प्रकाश किरण, किरण ।
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छायां जनः समभिवाञ्छति पादपानां
नक्तं तथेच्छति पुनः किरणं सुधांशोः 16/11
लोग दिन में तो वृक्षों की शीतल छाया में रहना चाहते हैं और रात में चंद्रमा की किरणों का आनंद लेना चाहते हैं ।
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4. गभस्ति - [ गम्यते ज्ञायते गम् + ड= गः विषयः तं बिभस्ति भस् + क्तिच् ] प्रकाश किरण |