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मेघदूतम्
6.
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2.
साँप ।
नाग - [ नाग + अण् ] हाथी,
खं दिङ्नागानां पथि परिहरन्स्थूल हस्तावलेपान् । पू० मे० 14
आकाश में ठाठ से उड़ते हुए तुम दिग्गजों की मोटी सूँड़ों की फटकारों को ढकेलते हुए ।
नृत्तारम्भे हर पशुपतेरार्द्रनागाजिनेच्छां । पू० मे० 40
26. गण्ड
1. कपोल - [ कपि + ओलच् ] गाल ।
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जब महाकाल तांडव नृत्य करने लगें तब । ऐसा करने से शिवजी के मन में जो हाथी की खाल ओढ़ने की इच्छा होगी, वह पूरी हो जाएगी।
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भूयो भूयः कठिन विषमां सादयन्तीं कपोलाद्
आमोक्तव्योमयतिनखेनैकवेणीं करेण । उ० मे० 30
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अपने बढ़े हुए नखों वाले हाथ से अपनी उस इकहरी चोटी के उन रूखे और उलझे हुए बालों को अपने गालों पर से बार-बार हय रही होगी।
गण्ड - [ गण्ड् + अच्] गाल, कनपटी |
गुरु
1. गंभीर - गंभीर, बहुत अधिक, भारी ।
गण्डस्वेदापनयनरुजाक्लान्त कर्णोत्पलानां ।
पू० मे० 28 जिनके कानों पर लटके हुए कमल की पंखुड़ियों के कनफूल उनके गालों पर बहते हुए पसीने से लग लग कर मैले हो गए होंगे।
शुद्धस्नानात्परुषमलकं नूनमागण्डलम्बम् । उ० मे० 33
कोरे जल से नहाती होगी इसलिये उसके रूखे और बिना सँवारे हुए बाल उसके गालों पर लटककर ।
गण्डाभोगात्कठिनविषमामेकवेणीं करेण । उ० मे० 34
उलझी और बिखरी हुई चोटी को अपने बढ़े हुए नखों वाले हाथों से अपने भरे हुए गालों पर से बार-बार हटा रही होंगी।
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