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मेघदूतम्
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सभ्रूभङ्गं मुखमिव पयो वेत्रवत्याश्चलोमि । पू० मे० 26 नाचती हुई लहरों वाली वेत्रवती नदी का मीठा जल पीओगे तो ऐसा लगेगा मानो कटीली भौंहों वाली स्त्री के ओठों का रस पी रहे हो। तामुत्तीर्य व्रज परिचित भूलता विभ्रमाणां। पू० मे० 51 उसे पार करके उन रमणियों को रिझाना जिनकी कटीली भौहे ऐसी जान पड़ेगी मानो। सभ्रूभंग प्रतिहतनयनैः कामिलक्ष्येष्वमोधैः । उ० मे० 14 वहाँ की स्त्रियाँ, जो अपने प्रेमियों की ओर बाँकी चितवन चलाती हैं, उसी से धनुष का काम निकाल लेता है। प्रत्यादेशादपि च मधुनो विस्मृतभूविलासम्। उ० मे० 37 बहुत दिनों से मदिरा न पीने के कारण भौंहे चलाना भी भूल गई होगी। उत्पश्यामि प्रतनुषु नदीवीचिषु भ्रूविलासान्। उ० मे० 46 नदी की छोटी-छोटी लहरियों में कटीली भौहे देखा करता हूँ।
मघोन
1. इन्द्र - [इन्द् + रन्, इन्दतीति इन्द्रः, इदि ऐश्वर्ये] देवों का स्वामी, वर्षा का
देवता। विद्युत्वन्तं ललितवनिताः सेन्द्रचापं सचित्राः। उ० मे० 1 तुम्हारे साथ बिजली है, तो उनमें चटकीली नारियाँ हैं, यदि तुम्हारे पास इन्द्र
धनुष है, तो उनमें रंग-बिरंगे चित्र हैं। 2. मघोन - [मह पूजायां कनिन्, निः हस्य घः, बुगागमश्च] इंद्र का नाम, इंद्र।
जानामि त्वां प्रकृति कामरूपं मघोनः। पू० मे० 6 मैं जानता हूँ कि तुम इंद्र के दूत हो और जैसा चाहो वैसा अपना रूप भी बना
सकते हो। 3. वासव - [वसुरेव स्वार्थे अण्, वसूनि सन्त्यस्य अण् वा] इन्द्र का नाम।
रक्षा हेतोर्नवशशिभृता वासवीनां चमूनाम्। पू० मे० 47 इन्द्र की सेनाओं को बचाने के लिए शिवजी ने।
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